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बिजनेस

अलग-अलग बिल बनवााने से कर में नहीं मिलेगी राहत : आरएआई

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नई दिल्ली, 19 जुलाई (आईएएनएस)| देश में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू होने के बाद सोशल मीडिया पर कई तरह की जानकारी का प्रसार हो रहा है। इस संदर्भ में खुदरा विक्रेताओं की संस्था रीटेलर्स एसोसिएशन आफ इंडिया ने साफ किया है कि सभी जानकारी भरोसेमंद या वास्तविक नहीं हैं। संस्था ने कहा है कि उदाहरण के लिए सोशल मीडिया पर एक संदेश फैल रहा है जिसमें लोगों से कहा जा रहा है कि जीएसटी पर पैसा बचाने के लिए हर 1000 रुपये का अलग बिल लें। इस संदेश के अनुसार स्लैब इस तरह है : 1000 रुपये तक के लिए 0 फीसदी जीएसटी, 1000 से 1500 रु तक के खर्च पर 2.5 फीसदी जीएसटी, 1500 रु से 2500 रुपये तक के खर्च पर 6 फीसदी जीएसटी और 2500 रु से 4500 रुपये के बिल पर 18 फीसदी।

संस्था ने कहा कि इस जानकारी को सच मानकर देश भर में लोग टैक्स बचाने के चक्कर में अलग-अलग बिल मांग रह हैं, जिसके परिणामस्वरूप जहां एक ओर बिलिंग काउंटर पर लम्बी लाइनें नजर आ रही हैं, वहीं पेपर भी बर्बाद हो रहा है। इस तरह यह जानकारी अनावश्यक परेशानी का कारण बनी हुई है।

आरएआई ने एक बयान में कहा कि गलत जानकारी के प्रसार को रोकने के लिए वह साफ कर देना चाहती है कि जीएसटी कानूनों के अनुसार उपरोक्त स्लैब मौजूद नहीं हैं। जीएसटी में दिए गए स्लैब उत्पाद की अपनी कीमत पर आधारित हैं, ना कि बिल की राशि पर। ऐसे में सुपरमार्केट और हाइपरमार्केट में अलग-अलग बिल लेने से आप टैक्स नहीं बच सकते।

सुपरमार्केट में उपलब्ध राशन सामग्री की कीमत पर कर शामिल होते हैं। कैश मैमो पर दिखाए गए कर अतिरिक्त नहीं होते, बल्कि पहले से कर में जुड़े होते हैं। जीएसटी कानून के मद्देनजर इन्हें बिल में अलग से दिखाया जाता है।

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प्रादेशिक

एस्सार ग्रुप के सह-संस्‍थापक शशि रुइया का 80 साल की उम्र में निधन

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मुंबई। एस्सार ग्रुप के सह-संस्‍थापक शशि रुइया का 80 साल की उम्र में निधन हो गया है। रुइया के पार्थिव शरीर को प्रार्थना और श्रद्धांजलि के लिए वालकेश्वर के बाणगंगा में रखा जाएगा। अंतिम संस्कार यात्रा रुइया हाउस से शाम 4 बजे हिंदू वर्ली श्मशान के लिए निकलेगी।

शशि रुइया ने अपने भाई रवि रुइया के साथ मिलकर एस्सार की स्थापना की थी। वह करीब एक महीने पहले अमेरिका से इलाज करा लौटे थे। मंगलवार को दोपहर 1 बजे से 3 बजे तक उनका पार्थिव शरीर रुइया हाउस में अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा। शाम चार बजे रुइया हाउस से शवयात्रा हिंदू वर्ली श्मशान घाट के लिए रवाना होगी।

उद्योगपति शशि रुइया ने अपने पिता नंद किशोर रुइया के मार्गदर्शन में 1965 में अपने व्यावसायिक दुनिया में कदम रखा। उन्होंने अपने भाई रवि के साथ मिलकर 1969 में चेन्नई बंदरगाह पर एक बाहरी ब्रेकवाटर का निर्माण कर एस्सार की नींव रखी। इसके बाद एस्सार ग्रुप ने इस्पात, तेल रिफाइनरी, अन्वेषण और उत्पादन, दूरसंचार, बिजली और निर्माण सहित विभिन्न क्षेत्रों में विस्तार किया।

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