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आतंकवादी, नक्सली मानवधिकारों के लिए खतरा : जेटली

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नई दिल्ली, 22 जून (आईएएनएस)| केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने शुक्रवार को कहा कि ‘जेहादी और नक्सली’ नागरिकों के अधिकार पर खतरा हैं, लेकिन मानवधिकार संगठन इसपर कभी कुछ नहीं बोलते।

मंत्री ने कहा कि आम लोगों के मानवधिकारों की रक्षा के लिए आतंकवादियों से कठोरता से निपटना चाहिए।

जेटली ने अपने ब्लॉग में लिखा, हत्यारों के साथ निपटना कानून-व्यवस्था का मामला है। यह राजनीतिक समाधान का इंतजार नहीं करता। एक फिदायीन मरना चाहता है। वह हत्या करना भी चाहता है..जब वह किसी को मारने के लिए आगे बढ़ता है तो क्या सुरक्षा बल को उसे टेबल पर बैठने के लिए कहना चाहिए और उसके साथ बातचीत करनी चाहिए।

जेटली ने कहा, इसलिए ऐसी नीति होनी चाहिए जो आम लोगों की रक्षा करे..उन्हें आतंकवाद से मुक्त करे, उन्हें बेहतर जीवन व पर्यावरण मुहैया कराए। एक आतंकवादी जो आत्मसमर्पण करने से इंकार करता है, संघर्षविराम का उल्लंघन करता है, उसके साथ वैसा ही व्यवहार करना चाहिए जैसा कानून अपने हाथ में लेने वाले किसी व्यक्ति के साथ किया जाता है।

उन्होंने कहा, विचारधारा के स्तर पर उग्रवाद और आतंकवाद फैलाने के लिए मुख्यत: दो समूह जिम्मेदार हैं। जिनमें जेहादी और अलगाववादी को पाकिस्तान द्वारा प्रशिक्षित और वित्तपोषित किया जाता है। दूसरा, नक्सली मध्य भारत के कुछ जनजातीय जिलों में सक्रिय हैं। दोनों के बीच ‘पारदर्शी समन्वय’ ज्यादा से ज्यादा स्पष्ट हो रहा है।

जेटली ने कहा, दोनों समूह संवैधानिक रूप से निर्वाचित सरकार को सत्ता से बाहर करना चाहते हैं। वे लोकतंत्र से घृणा करते हैं। वे लोग राजनीतिक बदलाव में प्रभाव डालने के लिए हिंसा का प्रयोग करते हैं। जिस तरह की प्रणाली के बारे में वे सोचते हैं, जहां लोकतंत्र, चुनाव, समानता, बोलने की आजादी नहीं है।

उन्होंने कहा, इसबीच, नक्सली जनजातीय क्षेत्र में कोई भी विकास कार्य नहीं होने देते हैं। उनसे सहमति नहीं रखने वाले निर्दोष जनजातीय लोगों की हत्या कर देते हैं। वे लोग सार्वजनिक इमारत को ध्वस्त कर देते हैं, सुरक्षाकर्मियों की हत्या करते हैं और यहां तक कि वे लोग असहाय नागरिकों से समानांतर कर वसूलते हैं।

जेटली ने मानवधिकार संगठनों पर आरोप लगाते हुए कहा कि ये लोग नागरिकों के मानवाधिकार हनन के बारे में कुछ नहीं बोलते और ‘सुरक्षाबलों की जघन्य हत्या पर कभी आंसू नहीं बहाते’।

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नेशनल

केजरीवाल ने सदन में पूछा सवाल, क्या लॉरेंस बिश्नोई को बीजेपी की तरफ से संरक्षण प्राप्त है

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नई दिल्ली। दिल्ली में कानून-व्यवस्था की खराब स्थिति को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शक्रवार को केंद्र सरकार और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर निशाना साधा है। अरविंद केजरीवाल ने विधानसभा में कहा कि दिल्ली में बदहाल होती कानून-व्यवस्था पर अमित शाह चुप क्यों हैं?। केजरीवाल ने कहा कि लॉरेंस बिश्नोई कौन है। इसका जवाब बीजेपी को देना होगा। क्या लॉरेंस बिश्नोई को बीजेपी की तरफ से संरक्षण प्राप्त है। उसे जेल में कौन-कौन सी सुविधाएं मिल रही हैं। वह गुजरात की जेल में रहते हुए भी देश-विदेश में गैंग कैसे चला रहा है।

उन्होंने कहा कि दिल्ली में हमने स्कूल, अस्पताल, सड़कें और बिजली ठीक करने की जिम्मेदारी पूरी की है लेकिन केंद्र सरकार और गृह मंत्री अमित शाह से दिल्ली की कानून व्यवस्था संभाली नहीं जा रही है। दिल्ली में हत्याएं और बम ब्लास्ट हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि अभी-अभी मैं देख रहा था कि एक वकील कह रहे थे कि सड़क पर हाथ में मोबाइल फोन ले जाना मुश्किल है। आप मोबाइल फोन लो जाओगे, कोई ना कोई आपका मोबाइल छीन लेगा। दिल्ली में दुष्कर्म हो रहे हैं, मर्डर कर देते हैं। मैं यह एक अखबार लेकर आया हूं। दिल्ली की कानून व्यवस्था को लेकर इसमें जानकारी दी गई है।

उन्होंने कहा कि आपके पड़ोस में गैंगवार शुरू हो गए हैं। ये लॉरेंस बिश्नोई कौन है? कैसे वह जेल में बैठ कर गैंग चला रहा है। इसके बारे में अमित शाह को बताना पड़ेगा। बिश्नोई गैंग, भाऊ ग्रैंड, गोगी गैंग… ऐसे दर्जन भर गैंग दिल्ली के अंदर सक्रिय हैं। कोई बता रहा था कि इन्होंने अपने एरिया बांट रखे हैं।

दिल्ली में कानून व्यवस्था का यह हाल हो गया है कि आज हर कोई डरा हुआ है। लोगों को वसूली के फोन आ रहे हैं। महिलाओं का रेप कर हत्या की जा रही है। लॉरेंस बिश्नोई की गैंग ने आतंक मचा रखा है। एक बात समझ नहीं आ रही कि लॉरेंस बिश्नोई BJP शासित गुजरात की साबरमती जेल में बंद है तो वह जेल में रहकर अपनी गैंग कैसे चला रहा है?

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