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इमरान हाशमी को मिला नया काम, अब करेंगे EDUCATION सिस्टम पर गौर

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नई दिल्ली । इमरान हाशमी की पिछली फिल्म ‘बादशाहो’ थी और इस मल्टीस्टारर फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर औसत बिजनेस ही किया था। अब इमरान हाशमी को लेकर ताजा खबर आ गई है। वे भारतीय एजुकेशन सिस्टम की खबर लेने के लिए कमर कस रहे हैं। उनकी अगली फिल्म इसी विषय पर होगी और इसका नाम है ‘चीट इंडिया। ‘  इस फिल्म विद्या बालन की ‘तुम्हारी सुलु’ बनाने वाले टी-सीरीज और एलिप्सिस एंटरटेनमेंट मिलकर बना रहे हैं।

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उन्होंने एक बयान में कहा, “‘चीट इंडिया’ की पटकथा और शीर्षक बहुत शक्तिशाली हैं। यह उन सब कहानियों में सबसे दिलचस्प है जिन्हें मैंने अब तक पढ़ा है और मैं वह भूमिका निभाने को लेकर बेहद रोमांचित हूं, जो मुझे लगता है कि मेरे फिल्मी करियर की एक ऐतिहासिक भूमिका होगी। मैं बेहद शानदार लोगों जैसे सौमिक के साथ काम करने के लिए भी उत्सुक हूं।”

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इमरान टी-सीरीज और एलिप्सिस एंटरटेंमेंट के साथ इस फिल्म सह-निर्माण कर रहे हैं। उन्होंने मंगलवार को ट्विटर पर एक तस्वीर साझा की जिसमें वह भूषण कुमार, तनुज गर्ग व अतुल कासबेकर के साथ नजर आ रहे हैं।

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इमरान ने ट्वीट कर कहा, “इमरान हाशमी फिल्म्स टी-सीरीज और एलिप्सिस एंटरटेंमेंट के साथ ‘चीट इंडिया’ पर काम करने को लेकर खुश है जो भारतीय शिक्षा प्रणाली की वास्तविक घटनाओं पर आधारित है।”

Related imageबता दें कि, यह फिल्म प्रत्येक भारतीय छात्र के लिए है जो प्रतिस्पर्धी माहौल के कारण दबाव में है। आज के युवा ‘चीट इंडिया’ के साथ खुद को काफी हद तक जुड़ा हुआ महसूस करेंगे।”

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ऑफ़बीट

बिहार का ‘उसैन बोल्ट’, 100 किलोमीटर तक लगातार दौड़ने वाला यह लड़का कौन

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चंपारण। बिहार का टार्जन आजकल खूब फेमस हो रहा है. बिहार के पश्चिम चंपारण के रहने वाले राजा यादव को लोगों ने बिहार टार्जन कहना शुरू कर दिया है. कारण है उनका लुक और बॉडी. 30 मार्च 2003 को बिहार के बगहा प्रखंड के पाकड़ गांव में जन्मे राज़ा यादव देश को ओलंपिक में गोल्ड मेडल दिलाना चाहते हैं.

लिहाजा दिन-रात एकक़र फिजिकल फिटनेस के साथ-साथ रेसलिंग में जुटे हैं. राज़ा को कुश्ती विरासत में मिली है. दादा जगन्नाथ यादव पहलवान और पिता लालबाबू यादव से प्रेरित होकर राज़ा यादव ने सेना में भर्ती होने की कोशिश की. सफलता नहीं मिली तो अब इलाके के युवाओं के लिए फिटनेस आइकॉन बन गए हैं.

महज 22 साल की उम्र में राजा यादव ‘उसैन बोल्ट’ बन गए. संसाधनों की कमी राजा की राह में रोड़ा बन रहा है. राजा ने एनडीटीवी से कहा कि अगर उन्हें मौका और उचित प्रशिक्षण मिले तो वे पहलवानी में देश का भी प्रतिनिधित्व कर सकते हैं. राजा ओलंपिक में गोल्ड मेडल लाने के लिए दिन रात मैदान में पसीना बहा रहे हैं. साथ ही अन्य युवाओं को भी पहलवानी के लिए प्रेरित कर रहे हैं.

’10 साल से मेहनत कर रहा हूं. सरकार ध्यान दे’

राजा यादव ने कहा, “मेरा जो टारगेट है ओलंपिक में 100 मीटर का और मेरी जो काबिलियत है उसे परखा जाए. इसके लिए मैं 10 सालों से मेहनत करते आ रहा हूं तो सरकार को भी ध्यान देना चाहिए. मेरे जैसे सैकड़ों लड़के गांव में पड़े हुए हैं. उन लोगों के लिए भी मांग रहा हूं कि उन्हें आगे बढ़ाने के लिए सुविधा मिले तो मेरी तरह और युवक उभर कर आएंगे.”

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