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बिजनेस

ऊर्जा भंडारण और माइक्रो ग्रिड एक्सपो 11-12 जनवरी को

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नई दिल्ली, 7 जनवरी (आईएएनएस)| ऊर्जा भंडारण और माइक्रो ग्रिड्स पर पांचवां अंतर्राष्ट्रीय कांफ्रेंस और एक्सपो का यहां हैबिटेट सेंटर में 11-12 जनवरी को आयोजन किया जाएगा।

इससे पहले 10 जनवरी को प्री-कांफ्रेंस कार्यशाला का आयोजन किया गया है। ‘ईएसआई 2018’ को इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय, विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय, इनवेस्ट इंडिया, स्टार्ट अप इंडिया, स्किल कौंसिल तथा अन्य सरकारी संस्थाओं का सहयोग प्राप्त है।

ऊर्जा भंडारण पर भारत के अग्रणी अंतर्राष्ट्रीय कांफ्रेंस और एक्सपो ‘एनर्जी स्टोरेज इंडिया (ईएसआई) 2018’ में बड़े मुद्दों, चुनौतियों, उभरती प्रवृत्तियों और ऊर्जा भंडारण, माइक्रो ग्रिड्स तथा भारत में इलेक्ट्रिक वाहन समाधान के मौकों की विस्तृत श्रृंखला पर चर्चा होगी।

इंडियन एनर्जी स्टोरेज अलायंस के कार्यकारी निदेशक डॉ. राहुल वलावलकर ने बताया, हमें यकीन है कि ‘ईएसआई 2018’ नई संभावनाओं, विचारों के आदान-प्रदान और उन्नत ऊर्जा भंडारण टेक्नालॉजी, नियामक और नीतिगत मुद्दों, रीन्यूएबल इंटीग्रेशन, इलेक्ट्रीक व्हेकिल, मेक इन इंडिया, इंटरनेशनल एनर्जी स्टोरेज परिदृश्य, ग्रामीण माइक्रो ग्रिड और ऑफ ग्रिड, स्मार्ट सिटी के लिए कैम्पस माइक्रो ग्रिड, मिशन इनोवेशन के लिए एक बड़ा मंच बन जाएगा।

संस्था ने शनिवार को एक बयान में कहा कि ऊर्जा भंडारण के इस सबसे बड़े नेटवर्किं ग प्लेटफॉर्म का लक्ष्य भारत के महत्वाकांक्षी ऊर्जा स्टोरेज मिशन को लागू करने की दिशा में एक बड़ा मंच स्थापित करना है।

‘ईएसआई 2018’ के प्रमुख आकर्षणों में एक भारत की पहली स्टार्ट अप प्रतियोगिता होगी जो एनर्जी स्टोरेज, इलेक्ट्रीज व्हेकिल्स और चार्जिग इंफ्रास्ट्रक्च र तथा माइक्रोग्रिड पर केंद्रित होगा। यह प्रतियोगिता स्टार्ट अप इंडिया (डीआईपीपी, भारत सरकार की पहल), मुंबई ऐंजल नेटवर्क, इंडिया ऐंजल नेटवर्क, टीआईई-दिल्ली-एनसीआर, संगम वेंचर और ग्लोबल एनर्जी स्टोरेज अलायंस (जीईएसए) के लिए मार्ग प्रशस्त करेगी।

‘ईएसआई 2018’ में 25 देशों के 2000 उद्योग विशेषज्ञ, 100 वक्ता, 50 से ज्यादा प्रदर्शक व साझेदार भाग ले रहे हैं। इसमें शामिल होने वाली अन्य सरकारी संस्थाओं में इनवेस्ट इंडिया, स्टार्ट अप इंडिया, स्किल कौंसिल, एसईसीआई, आईआरईडी, एनआईडब्ल्यूई, सीईसीआरआई, एनआरडीसी, सीईआरसी, पीओएसओसीओ, एनएसजीएम, बीईई, ईईएसएल, एआरएआई, आईसीएटी, इंटरनेशनल सोलर अलायंस (आईएसए), भारतीय रेल, पावर ग्रिड कॉरपोरेशन, एनटीपीसी, बीएचईएल, एनएलसी और आईईआईएल प्रमुख है।

इसका आयोजन हर साल इंडिया एनर्जी स्टोरेज अलायंस (आईईएसए) द्वारा किया जाता है। यह एक अग्रणी संस्था है जो देश में मजबूत एनर्जी स्टोरेज इकोसिस्टम की आवश्यकता की पूर्ति करती है।

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बिजनेस

जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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