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बिजनेस

कनाडा की रोबोगार्डन ने एड-टेक स्टार्टअप यूफेयस लर्निग के साथ भागीदारी की

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नई दिल्ली, 14 नवंबर (आईएएनएस)| भारत में छात्रों के लिए कोड लर्निग आसान बनाने के लिए एड-टेक कंपनी-यूफेयस लर्निग ने अंतर्राष्ट्रीय, अवार्ड विजेता, प्रोडक्ट डेवलपमेंट एवं कंसल्टिंग फर्म रोबोगार्डन इंक के साथ विशेष भागीदारी की है। रोबोगार्डन कनाडा के अलबर्टा में तकनीकी क्षेत्रों में परिचालन करती है। इस भागीदारी की घोषणा मंगलवार को यहां डीएसटी-सीआईआई टेक्नोलॉजी समिट में की गई। यह टेक्नोलॉजी समिट भारत के प्रमुख कलाकारों और कनाडा की ज्ञान-आधारित अर्थव्यवस्था के समग्र विकास को सुगम बनाता है।

इस समिट में कनाडा सरकार में नवाचार, विज्ञान और आर्थिक विकास मामलों के मंत्री नवदीप बैंस, कनाडा सरकार में परिवहन मंत्री मार्क गानेर्यू और अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मंत्री फ्रैंकोइस-फिलिप्पे शेम्पेन के नेतृत्व में उद्योग के उच्चस्तरीय प्रतिनिधि मंडल, शैक्षिक संस्थान, आरएंडडी संस्थान, सरकार, विचारक, नीति निर्माता और कनाडा तथा भारत से स्टार्टअप शामिल हुए।

रोबोगार्डन गेम-स्टाइल परिवेश के इस्तेमाल के जरिये स्थापित लर्न-बाई-डूइंग प्लेटफॉर्म है, जो कंप्यूटर प्रोग्रामिंग और कोडिंग की अवधारणा तैयार करता है। रोबोगार्डन इंक प्लेटफॉर्म उन दो मुख्य उद्देश्यों को पूरा करता है जो बच्चों और युवाओं के भविश्य के लिए महत्वपूर्ण हैं। पहला उद्देश्य है-आय प्राप्त करना और दूसरा है-नियंत्रण के लिए कोड। यह ऐसी कंप्यूटर भाषाएं सिखाता है, जिनका पेशेवर आनंददायक तरीके से ऑथर सॉफ्टवेयर, स्मार्टफोन ऐप और रोबोटिक नियंत्रण प्रणालियों के लिए इस्तेमाल करते हैं।

रोबोगार्डन के अध्यक्ष मोहम्मद एलाबाइबी ने कहा, हमें विश्वास है कि रोबोगार्डन लोगों और पूरे समुदाय के लिए नए अवसर तैयार करेगी। कोडिंग लिटरेसी डिजिटल अर्थव्यवस्था की सफलता का अनिवार्य वाहक है। हमें यूफेयस लनिर्ंग में अपना सही पार्टनर मिल गया है। यूफेयस को षिक्षा क्ष़ेत्र में अच्छी समझ है और उसकी भारत में हजारों स्कूलों और लाखों छात्रों तक मजबूत पहुंच है। इसे ध्यान में रखते हुए हम युवा पीढ़ी के लिए कोडिंग लिटरेसी मुहैया कराने के लिए उत्साहित रहे हैं।

यूफेयस लर्निग के प्रबंध निदेशक एवं सह-संस्थापक सर्वेश श्रीवास्तव ने कहा, प्रतिदिन की स्थितियों के संदर्भ में रोबोगार्डन के जरिये कोडिंग अवधारणा की सक्रियता के साथ खोज एवं विकास के जरिये छात्र कोडर की तरह सोचना शुरू करेंगे। वे कमांड, सिक्वेंस, इवेंट और एल्गोरिदम के बारे में सीखेंगे। जब उनकी नींव कोडिंग फंडामेंटल पर आधारित होगी, तो वे समस्याओं का समाधान बेहतर ढंग से कर पाएंगे। रोबोगार्डन साइंस, कोडिंग, लर्निग, क्रिएटिविटी और टेक्नोलॉजी का उपयुक्त समावेश है और इससे युवा छात्रों को श्रेष्ठ विकल्पों के साथ अपना करियर संवारने और भविष्य के लिए तैयार होने में मदद मिल रही है।

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बिजनेस

जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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