बिजनेस
कृत्रिम बुद्धिमत्ता से अभी तक नौकरियों को खतरा नहीं : सर्वेक्षण
न्यूयार्क, 15 नवंबर (आईएएनएस)| वैश्विक आशंकाओं के विपरीत बहुत कम कर्मचारियों का यह मानना है कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता से नौकरियों को खतरा है। एक नए सर्वेक्षण में बुधवार को यह दावा किया गया है।
वैश्विक पेशेवर सेवा कंपनी जेनपैक्ट द्वारा अमेरिका, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया में 5,000 से अधिक लोगों पर किए गए सर्वेक्षण में यह जानकारी सामने आई है कि महज 10 फीसदी लोग ही यह गंभीरता से मानते हैं कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता से उनकी नौकरी को खतरा है।
हालांकि करीब हर किसी (90 फीसदी प्रतिभागी) का मानना है कि नई पीढ़ी का सफलता हासिल करने के लिए नए कौशल सीखने होंगे, क्योंकि कार्यस्थल पर एआई अधिक प्रचलित हो रहा है।
जेनपैक्ट के मुख्य डिजिटल अधिकारी संजय श्रीवास्तव ने बताया , कृत्रिम बुद्धिमत्ता भविष्य के कामकाज में बड़ा बदलाव लाएगी। इससे कुछ भूमिकाएं अप्रचलित हो जाएगी और कुछ बढ़ जाएगी। इसी के साथ नए रोजगार पैदा होंगे, और यहां तक कि नए पेशे भी पैदा होंगे।
उन्होंने कहा, नई दुनिया में वही कारोबार सफल होंगे, जो सही एआई टूल्स में निवेश करेंगे तथा अपने कर्मचारियों की संख्या में तेजी लाएंगे।
बिजनेस
जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई
नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।
बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।
बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।
ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।
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