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बिजनेस

गूगल में भी जातिवाद, लिंगभेद : पूर्व कर्मी

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सैन फ्रांसिस्को, 15 अगस्त (आईएएनएस)| अपने पूर्व नियोक्ता पर ताजा हमले में जेम्स दामोरे ने कहा कि प्रौद्योगिकी दिग्गज अपनी भर्ती प्रक्रियाओं में जातीय समूह और लिंग के आधार पर भेदभाव करता है।

दामोरे गूगल में इंजीनियर थे, जिन्हें कंपनी के विविध प्रयासों की आलोचना करनेवाले एक ज्ञापन को लेकर नौकरी से निकाल दिया गया है। दामोरे ने सोमवार को सीएनबीसी के टीवी कार्यक्रम क्लोजिंग बेल में कहा कि गूगल लोगों से जातीय समूह और लिंग के आधार पर भेदभाव करता है।

दामोरे के हवाले से बताया गया है, कंपनी विभिन्न प्रबंधकों पर विविधता बढ़ाने के लिए दबाव डाल रही है और यह तय करने के लिए कि कौन से श्रमिक को पदोन्नति दी जाए, इसे जातीय समूह या लिंग के आधार पर तय करता है।

उन्होंने यह भी कहा कि वह अपने निकाले जाने के विरोध में कंपनी के खिलाफ ‘कानूनी कार्रवाई’ करेंगे।

इस हफ्ते की शुरुआत में दामोरे ने अपने पूर्व कार्यस्थल को एक ‘पंथ’ कहा था।

वाल स्ट्रीट जर्नल में प्रकाशित एक लेख ‘क्यों मैं निकाला गया’ में दामोरे ने कहा, गूगल एक कल्ट है और वहां काम करनेवालों की सबसे बड़ी पहचान यही है कि वे गूगल में काम करते हैं। इसलिए कंपनी की इस बड़ी पहचान के दवाब में वे खुलकर अपनी बात नहीं रख पाते। वहां खुली और ईमानदार चर्चा को चुप करने की कोशिश की जाती है।

उन्होंने लिखा, गूगल, दुनिया में सबसे अच्छे लोगों को काम पर रखने वाली कंपनी, वैचारिक रूप से प्रेरित और वैज्ञानिक बहस के प्रति असहिष्णु कैसे बन गई।

दामोरे द्वारा सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग इकाई में महिला और पुरुषों के बीच प्रतिनिधित्व के अंतर का कारण लिंगभेद बताने के बाद पिछले हफ्ते, गूगल के भारतीय मूल के सीईओ सुंदर पिचाई ने कैलिफोर्निया के माउंटेन व्यू में स्थित कंपनी के विशाल परिसर में महिलाओं के लिए एक कोडिंग कार्यक्रम को संबोधित किया था।

पिचाई ने कंपनी में काम करनेवाली महिलाओं से कहा, गूगल आपके लिए है। आप यहां हैं और हमें आपकी जरूरत है।

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बिजनेस

जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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