Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

बिजनेस

चीन में एपल पे को बढ़ावा देने के लिए छूट योजनाएं

Published

on

Loading

शंघाई, 19 जुलाई (आईएएनएस)| अमेरिका की कंपनी एपल ने चीन में एक अभियान शुरू किया है, जिसके तहत इस हफ्ते वह अपने मोबाइल भुगतान प्लेटफार्म एपल पे को बढ़ावा देने के लिए कई छूट योजनाएं दे रही है। समाचार एजेंसी एफे ने चीन के वित्तीय समाचार वेबसाइट काइशीन के हवाले से कहा कि चीन के मोबाइल भुगतान कारोबार में टेनसेंट और अलीबाबा जैसी कंपनियों का दबदबा है। एपल अपने एपल पे प्लेटफार्म के यूजर्स को 50 फीसदी छूट दे रही है, ताकि दुनिया के सबसे बड़े मोबाइल भुगतान बाजार में अपनी हिस्सेदारी बढ़ा सके।

एपल पे के उपाध्यक्ष जेनिफर बेली ने काइशीन से कहा, हमारा लक्ष्य एपल के सभी यूजर्स को एपल पे का प्रयोग करने को प्रोत्साहित करना है।

चीन के डिजिटल भुगतान बाजार में प्रौद्योगिकी दिग्गज टेनसेंट, वीचैट भुगतान और अलीबाबा की अलीपे का दबदबा है और इनकी संयुक्त बाजार हिस्सेदारी 92 फीसदी है, जिसका मूल्य 35,000 अरब युआन (5200 अरब डॉलर) है।

कंसलटिंग फर्म एनालिसिस के मुताबिक, अमेरिका के बाद एपल के लिए चीन दूसरा सबसे बड़ा बाजार है। वर्तमान में एपल पे चीन के ऑनलाइन भुगतान कंपनियों में शीर्ष 8 में भी शामिल नहीं है।

इस दौरान एपल ने मंगलवार को चीन के लिए उपाध्यक्ष और प्रबंध निदेशक के पद पर इसाबेल गे माहे की नियुक्ति की।

Continue Reading

प्रादेशिक

एस्सार ग्रुप के सह-संस्‍थापक शशि रुइया का 80 साल की उम्र में निधन

Published

on

Loading

मुंबई। एस्सार ग्रुप के सह-संस्‍थापक शशि रुइया का 80 साल की उम्र में निधन हो गया है। रुइया के पार्थिव शरीर को प्रार्थना और श्रद्धांजलि के लिए वालकेश्वर के बाणगंगा में रखा जाएगा। अंतिम संस्कार यात्रा रुइया हाउस से शाम 4 बजे हिंदू वर्ली श्मशान के लिए निकलेगी।

शशि रुइया ने अपने भाई रवि रुइया के साथ मिलकर एस्सार की स्थापना की थी। वह करीब एक महीने पहले अमेरिका से इलाज करा लौटे थे। मंगलवार को दोपहर 1 बजे से 3 बजे तक उनका पार्थिव शरीर रुइया हाउस में अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा। शाम चार बजे रुइया हाउस से शवयात्रा हिंदू वर्ली श्मशान घाट के लिए रवाना होगी।

उद्योगपति शशि रुइया ने अपने पिता नंद किशोर रुइया के मार्गदर्शन में 1965 में अपने व्यावसायिक दुनिया में कदम रखा। उन्होंने अपने भाई रवि के साथ मिलकर 1969 में चेन्नई बंदरगाह पर एक बाहरी ब्रेकवाटर का निर्माण कर एस्सार की नींव रखी। इसके बाद एस्सार ग्रुप ने इस्पात, तेल रिफाइनरी, अन्वेषण और उत्पादन, दूरसंचार, बिजली और निर्माण सहित विभिन्न क्षेत्रों में विस्तार किया।

Continue Reading

Trending