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छात्र ऋण व अतिथि शिक्षक पर एलजी व आप सरकार में सहमति : सिसोदिया

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नई दिल्ली, 29 सितम्बर (आईएएनएस)| दिल्ली के उप राज्यपाल अनिल बैजल व आम आदमी पार्टी (आप) सरकार छात्रों को उच्च शिक्षा के लिए कर्ज व अतिथि शिक्षकों को स्थायी करने के मुद्दे पर लगभग सहमत हैं। दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने शुक्रवार को कहा कि उन्होंने सुबह बैजल से मुलाकात की, जिसके बाद उन्हें (बैजल को) अहसास हुआ कि ऋण योजना को बंद नहीं किया जाना चाहिए।

उन्होंने कहा कि बैजल चाहते हैं कि उनके सुझावों को योजना में शामिल किया जाए, लेकिन इनमें से ज्यादातर को पहले ही शामिल किया गया है।

सिसोदिया ने कहा, मैंने फिर से फाइल को (उप राज्यपाल) के पास जमा कर दिया है और मुझे आशा है कि वह मंजूरी देंगे।

सिसोदिया के पास शिक्षा विभाग भी है। सिसोदिया ने मीडिया से कहा कि उप राज्यपाल ने पहले आम आदमी पार्टी सरकार से छात्र ऋण पर केंद्र सरकार से राय लेने को कहा था। लेकिन, ऐसा करने से स्कीम दो-तीन साल पीछे चली जाती।

दिल्ली के 15,000 अतिथि शिक्षकों के मुद्दे पर सिसोदिया ने कहा कि बैजल सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की रिक्तियों को लेकर चिंतित हैं। आप सरकार अतिथि शिक्षकों को स्थायी करना चाहती है।

सिसोदिया ने कहा कि उन्होंने उप राज्यपाल से कहा है कि अतिथि शिक्षकों को स्थायी करना रिक्तियों को भरने का सहज तरीका है।

दिल्ली कैबिनेट ने बुधवार को 15,000 अतिथि शिक्षकों को सरकारी स्कूलों में स्थायी करने के एक विधेयक को मंजूरी दी। इसे दिल्ली विधानसभा में 4 अक्टूबर को एक विशेष सत्र में लाया जाएगा।

दिल्ली विधानसभा ने 10 अगस्त को दिल्ली अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड (डीएसएसएसबी) द्वारा शिक्षक भर्ती पर तब तक के लिए रोक लगा दी जब तक अतिथि शिक्षकों को दिए जाने वाले वेटेज का मापदंड तैयार न हो जाए।

बैजल ने गुरुवार को सिसोदिया से डीएसएसएसबी द्वारा शिक्षकों की भर्ती फिर शुरू करने को कहा। उपराज्यपाल ने कहा कि शिक्षकों के खाली पदों से पठन-पाठन प्रभावित हो रहा है।

सिसोदिया ने कहा, नए शिक्षकों की भर्ती करने में दो से तीन साल लगेंगे और तब तक दिल्ली की शिक्षा प्रणाली के लिए किए गए हमारे अच्छे कार्य पटरी से उतर जाएंगे।

सिसोदिया ने उम्मीद जताई कि दिल्ली सरकार को इस मुद्दे पर बैजल का समर्थन मिलेगा।

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नेशनल

केजरीवाल ने सदन में पूछा सवाल, क्या लॉरेंस बिश्नोई को बीजेपी की तरफ से संरक्षण प्राप्त है

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नई दिल्ली। दिल्ली में कानून-व्यवस्था की खराब स्थिति को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शक्रवार को केंद्र सरकार और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर निशाना साधा है। अरविंद केजरीवाल ने विधानसभा में कहा कि दिल्ली में बदहाल होती कानून-व्यवस्था पर अमित शाह चुप क्यों हैं?। केजरीवाल ने कहा कि लॉरेंस बिश्नोई कौन है। इसका जवाब बीजेपी को देना होगा। क्या लॉरेंस बिश्नोई को बीजेपी की तरफ से संरक्षण प्राप्त है। उसे जेल में कौन-कौन सी सुविधाएं मिल रही हैं। वह गुजरात की जेल में रहते हुए भी देश-विदेश में गैंग कैसे चला रहा है।

उन्होंने कहा कि दिल्ली में हमने स्कूल, अस्पताल, सड़कें और बिजली ठीक करने की जिम्मेदारी पूरी की है लेकिन केंद्र सरकार और गृह मंत्री अमित शाह से दिल्ली की कानून व्यवस्था संभाली नहीं जा रही है। दिल्ली में हत्याएं और बम ब्लास्ट हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि अभी-अभी मैं देख रहा था कि एक वकील कह रहे थे कि सड़क पर हाथ में मोबाइल फोन ले जाना मुश्किल है। आप मोबाइल फोन लो जाओगे, कोई ना कोई आपका मोबाइल छीन लेगा। दिल्ली में दुष्कर्म हो रहे हैं, मर्डर कर देते हैं। मैं यह एक अखबार लेकर आया हूं। दिल्ली की कानून व्यवस्था को लेकर इसमें जानकारी दी गई है।

उन्होंने कहा कि आपके पड़ोस में गैंगवार शुरू हो गए हैं। ये लॉरेंस बिश्नोई कौन है? कैसे वह जेल में बैठ कर गैंग चला रहा है। इसके बारे में अमित शाह को बताना पड़ेगा। बिश्नोई गैंग, भाऊ ग्रैंड, गोगी गैंग… ऐसे दर्जन भर गैंग दिल्ली के अंदर सक्रिय हैं। कोई बता रहा था कि इन्होंने अपने एरिया बांट रखे हैं।

दिल्ली में कानून व्यवस्था का यह हाल हो गया है कि आज हर कोई डरा हुआ है। लोगों को वसूली के फोन आ रहे हैं। महिलाओं का रेप कर हत्या की जा रही है। लॉरेंस बिश्नोई की गैंग ने आतंक मचा रखा है। एक बात समझ नहीं आ रही कि लॉरेंस बिश्नोई BJP शासित गुजरात की साबरमती जेल में बंद है तो वह जेल में रहकर अपनी गैंग कैसे चला रहा है?

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