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जहां दही चटाकर विदा करने की है परंपरा
नई दिल्ली, 8 सितंबर (आईएएनएस)| जी! चौंकिए नहीं, अभी-अभी आपने जो शीर्षक पढ़ा है, यह सच है। हम बात कर रहे हैं मिथिला की सांस्कृतिक विरासत के इस खास पहलू पर। यह बात सुनने में बहुत साधारण-सी है, पर इसके भाव बहुत गहरे हैं।
होता यह है कि परिवार का कोई सदस्य घर से किसी विशेष शुभ कार्य के लिए निकलता है, तो महिला सदस्य जैसे-मां, दादी व दीदी एक चम्मच दही चटाकर उन्हें विदा करती हैं। घर से निकलते समय दही खाना बहुत शुभ माना जाता है और कहा जाता है कि इससे मनोवांछित कार्य पूरा होता है। यहां की यह परंपरा सदियों पुरानी है। दही तो बात सही। कम से कम एक चम्मच दही खाकर घर से निकलिए और अपनी यात्रा को मंगलमय बनाइए।
जब कोई घर से किसी शुभ काम के लिए कहीं बाहर जाते हैं, तो परिवार के अन्य सदस्य विशेष सांस्कृतिक अंदाज में विदा या अंग्रेजी में सी-ऑफ करते हैं। मिथिला में इस तरह के भावों को संस्कृति में काफी सहेजा गया है।
वैसे तो मिथिला की सांस्कृतिक विरासत बहुत मजबूत है और इसका हर एक पहलू अपने आप में रोमांचकारी होता है, चाहे हम बात करें आतिथ्य सत्कार, खान-पान, रहन-सहन या पहनावे की, मिथिला की संस्कृति दुनिया के अन्य भागों से बहुत कुछ अलग और अनोखी है।
इस संस्कृति के पीछे ज्ञान-विज्ञान का अपना आधार है। भोजन में दही के प्रयोग के कई फायदे हैं। यह हमारे पाचन शक्ति को बढ़ाता है, यह हमारे त्वचा को स्वस्थ बनाता है और चेहरे पर चमक लाता है, वजन कम करता है, बाल नहीं झड़ते और भी न जाने कितने ही गुण हैं।
डॉक्टरों का कहना है कि दही के नियमित प्रयोग से हार्ट अटैक नहीं होता। फलत: यह बहुत ही गुणकारी है। आज के समय में हर युवती की अपेक्षा होती है कि वह करीना की तरह जीरो-साइज फिगर मेनटेन कर पाए, इसके लिए दही का प्रयोग तो रामबाण है। कुल मिलाकर दही खाने के फायदे अनेक हैं और यही कारण है कि मिथिलांचल के लोग हर सुबह नाश्ते के रूप में चूड़ा-दही का प्रयोग करते हैं।
दही का प्रयोग मनुष्य के मस्तिष्क को शीतलता प्रदान करता है। यही कारण है कि मिथिलांचल के लोग स्वाभाविक रूप से उग्र नहीं होते। घर से यात्रा करते समय दही का रसास्वादन करने से मानसिक शीतलता बनी रहती है।
मिथिला को धाम माना जाता है। यह सीता की धरती है, यहां उनका जन्म हुआ था और वहीं पली-बढ़ी थीं। मिथिलांचल का भौगोलिक क्षेत्र कुछ ऐसा है, जहां दोमट (जलोढ़) मिट्टी पाई जाती है, जो धान की उपज के लिए बहुत लाभकारी होता है। इसी कारण यहां अच्छी मात्रा में धान का पैदावार होता है।
यहां चावल और चावल को कूटकर बनाए गए चूड़ा या चिउड़ा काफी लोकप्रिय खाद्य है। साथ ही मवेशियों का पालन भी होता है तो जाहिर है कि काफी आसानी से दूध उपलब्ध होता है और घर की महिलाएं सहज रूप से दही जमा पाती हैं मानो यह उनके बायें हाथ का खेल हो।
घर के लोग बड़े चाव से चूड़ा-दही खाते हैं। यह भोजन अपने आप में एक दर्शनशास्त्र है। मिथिला के दर्शनशास्त्री हरिमोहन झा अपने हास्य गल्प-संग्रह ‘खट्टर काकाक तरंग’ में बताते हैं कि ‘चूड़ा-दही-चीनी’ गणित का त्रिभुज है। शहरी क्षेत्रों में चूड़ा को चिउड़ा कहा जाता है।
चूड़ा का प्रयोग पोहा बनाने में किया जाता है। आजकल यह पोहा इतना पसंद किया जाता है कि विमान सेवा के फूड कोर्स में भी इसे शामिल किया गया है।
(लेखक डॉ. बीरबल झा, मिथिलालोक फाउंडेशन के चेयरमैन व ब्रिटिश लिंग्वा के प्रबंध निदेशक हैं)
नेशनल
केजरीवाल ने सदन में पूछा सवाल, क्या लॉरेंस बिश्नोई को बीजेपी की तरफ से संरक्षण प्राप्त है
नई दिल्ली। दिल्ली में कानून-व्यवस्था की खराब स्थिति को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शक्रवार को केंद्र सरकार और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर निशाना साधा है। अरविंद केजरीवाल ने विधानसभा में कहा कि दिल्ली में बदहाल होती कानून-व्यवस्था पर अमित शाह चुप क्यों हैं?। केजरीवाल ने कहा कि लॉरेंस बिश्नोई कौन है। इसका जवाब बीजेपी को देना होगा। क्या लॉरेंस बिश्नोई को बीजेपी की तरफ से संरक्षण प्राप्त है। उसे जेल में कौन-कौन सी सुविधाएं मिल रही हैं। वह गुजरात की जेल में रहते हुए भी देश-विदेश में गैंग कैसे चला रहा है।
उन्होंने कहा कि दिल्ली में हमने स्कूल, अस्पताल, सड़कें और बिजली ठीक करने की जिम्मेदारी पूरी की है लेकिन केंद्र सरकार और गृह मंत्री अमित शाह से दिल्ली की कानून व्यवस्था संभाली नहीं जा रही है। दिल्ली में हत्याएं और बम ब्लास्ट हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि अभी-अभी मैं देख रहा था कि एक वकील कह रहे थे कि सड़क पर हाथ में मोबाइल फोन ले जाना मुश्किल है। आप मोबाइल फोन लो जाओगे, कोई ना कोई आपका मोबाइल छीन लेगा। दिल्ली में दुष्कर्म हो रहे हैं, मर्डर कर देते हैं। मैं यह एक अखबार लेकर आया हूं। दिल्ली की कानून व्यवस्था को लेकर इसमें जानकारी दी गई है।
उन्होंने कहा कि आपके पड़ोस में गैंगवार शुरू हो गए हैं। ये लॉरेंस बिश्नोई कौन है? कैसे वह जेल में बैठ कर गैंग चला रहा है। इसके बारे में अमित शाह को बताना पड़ेगा। बिश्नोई गैंग, भाऊ ग्रैंड, गोगी गैंग… ऐसे दर्जन भर गैंग दिल्ली के अंदर सक्रिय हैं। कोई बता रहा था कि इन्होंने अपने एरिया बांट रखे हैं।
दिल्ली में कानून व्यवस्था का यह हाल हो गया है कि आज हर कोई डरा हुआ है। लोगों को वसूली के फोन आ रहे हैं। महिलाओं का रेप कर हत्या की जा रही है। लॉरेंस बिश्नोई की गैंग ने आतंक मचा रखा है। एक बात समझ नहीं आ रही कि लॉरेंस बिश्नोई BJP शासित गुजरात की साबरमती जेल में बंद है तो वह जेल में रहकर अपनी गैंग कैसे चला रहा है?
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