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बिजनेस

झारखंड में टमाटर की कीमतों में भारी उछाल

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रांची, 18 जुलाई (आईएएनएस)| झारखंड में टमाटर की कीमतों में भारी उछाल आया है। टमाटर बाजार में 80 से 100 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से बेचा जा रहा है। कुछ महीने पहले टमाटर की कीमतें 3 रुपये प्रति किलोग्राम तक गिरने के कारण राज्य के किसान इन्हें सड़कों पर फेंक रहे थे।

डेजी कुमारी नामक एक गृहिणी ने कहा, हरी सब्जियों की कीमतें खासकर, टमाटर के दाम आसमान छू रहे हैं। जनवरी और फरवरी में हम टमाटरों को तीन से पांच रुपये प्रति किलोग्राम की दर से खरीद रहे थे। पिछले महीने इसकी कीमत 50 रुपये प्रति किलोग्राम पहुंची और अब यह बाजार में 80 से 100 प्रति किलोग्राम की दर पर मिल रहा है।

टमाटर के अलावा फ्रेंच बीन्स और शिमला मिर्च की कीमतें भी 100 रुपये प्रति किलोग्राम पर पहुंच गई हैं।

किसानों का कहना है, झारखंड में प्रत्येक वर्ष टमाटर का भारी उत्पादन होता है, लेकिन सब्जी को सड़कों पर फेंका गया क्योंकि लोगों के पास शीतगृहों की सुविधाओं की कमी थी और राज्य सरकार की ओर से कोई सहायता नहीं थी।

टमाटर उत्पादक सारथी महतो ने आईएएनएस से कहा, हमें राज्य सरकार की ओर से कोई समर्थन नहीं मिला.. यहां तक की हम इस वर्ष सब्जियों की परिवहन लागत भी निकालने में असमर्थ रहे जिसके कारण हमें टमाटरों को सड़कों पर फेंकना पड़ा। टमाटर को बाजार में बेचने के लिए ले जाने व वापस लाने की कीमत इनके उत्पादन की कीमत से ज्याद पड़ रही थी।

किसानों ने कहा कि अगर टमाटरों को शीतगृहों में सुरक्षित नहीं रखा जाता है तो ये सड़ने लगते हैं।

नंदलाल मुंडा नामक किसान ने कहा, किसानों की जिंदगियां बदली जा सकती थीं, यदि राज्य सरकार इनके (टमाटरों) संरक्षण का इंतजाम करती। झारखंड उन राज्यों में है, जहां अच्छी गुणवत्ता के टमाटर और मटर की पैदावार की जाती है। लेकिन, किसानों को उनके मुताबिक बाजार नहीं मिल रहा है।

इस वर्ष कर्ज के कारण झारखंड में चार किसानों ने आत्महत्या की है।

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प्रादेशिक

एस्सार ग्रुप के सह-संस्‍थापक शशि रुइया का 80 साल की उम्र में निधन

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मुंबई। एस्सार ग्रुप के सह-संस्‍थापक शशि रुइया का 80 साल की उम्र में निधन हो गया है। रुइया के पार्थिव शरीर को प्रार्थना और श्रद्धांजलि के लिए वालकेश्वर के बाणगंगा में रखा जाएगा। अंतिम संस्कार यात्रा रुइया हाउस से शाम 4 बजे हिंदू वर्ली श्मशान के लिए निकलेगी।

शशि रुइया ने अपने भाई रवि रुइया के साथ मिलकर एस्सार की स्थापना की थी। वह करीब एक महीने पहले अमेरिका से इलाज करा लौटे थे। मंगलवार को दोपहर 1 बजे से 3 बजे तक उनका पार्थिव शरीर रुइया हाउस में अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा। शाम चार बजे रुइया हाउस से शवयात्रा हिंदू वर्ली श्मशान घाट के लिए रवाना होगी।

उद्योगपति शशि रुइया ने अपने पिता नंद किशोर रुइया के मार्गदर्शन में 1965 में अपने व्यावसायिक दुनिया में कदम रखा। उन्होंने अपने भाई रवि के साथ मिलकर 1969 में चेन्नई बंदरगाह पर एक बाहरी ब्रेकवाटर का निर्माण कर एस्सार की नींव रखी। इसके बाद एस्सार ग्रुप ने इस्पात, तेल रिफाइनरी, अन्वेषण और उत्पादन, दूरसंचार, बिजली और निर्माण सहित विभिन्न क्षेत्रों में विस्तार किया।

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