अन्तर्राष्ट्रीय
ट्रंप ने जून को एलजीबीटी के ‘गौरव का महीना’ नहीं माना
वाशिंगटन, 1 जुलाई (आईएएनएस)| अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के आधिकारिक निवास व्हाइट हाउस ने जून माह को एलजीबीटी (समलैंगिक) समुदाय के ‘गौरव का महीना’ के रूप में मान्यता दिए जाने के प्रचलन खत्म कर दिया है। शुक्रवार को जारी सीएनएन की खबर के अनुसार, यह निर्णय उनके दो पूर्ववर्ती राष्ट्रपतियों के प्रशासनों के दौरान इस महीने को आधिकारिक रूप से मान्यता दिए जाने के प्रचलन को खत्म करता है।
पूर्व राष्ट्रपति बिल क्लिंटन ने इस माह को पहली बार 1999 में, जून 1969 के स्टोनवाल दंगों की सालगिराह पर अपनी मान्यता दी थी। जून 1969 को आधुनिक समलैंगिक अधिकारों के आंदोलन की शुरुआत का अहम बिंदु (क्षण) माना जाता है।
क्लिंटन ने एक बार फिर सन 2000 में जून माह को ‘गौरव का महीना’ के रूप में पहचान दी थी, लेकिन अगले राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश के शासन में इस प्रचलन को बंद कर दिया गया था।
इसके बाद पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने अपने आठ वर्ष के राष्ट्रपति के कार्यकाल में इस प्रचलन को एक बार फिर शुरू किया था। ओबामा व्हाइट हाउस के अंदर प्रत्येक वर्ष जून माह में कई घोषणाएं और समारोहों का आयोजन करते थे।
सीएनएन के अनुसार, ट्रंप ने हालांकि जून को एलजीबीटी समुदाय के ‘गौरव का महीना’ के रूप में मान्यता नहीं दी, लेकिन उन्होंने जून को ग्रेट आउटडोर्स महीना, नेशनल कैरेबियन-अमेरिकन हैरिटेज महीना, अफ्रीकन-अमेरिकन म्यूजिक एप्रीसिएशन महीना, नेशनल ओसियन महीना और नेशनल होमओनरशिप महीने के रूप में मान्यता देने की घोषणा की है।
अमेरिकी राष्ट्रपति के चुनाव अभियान के दौरान एक उम्मीदवार के रूप में ट्रंप ने वादा किया था कि वह इस समुदाय के अधिकारों के लिए लंबे समय से चल रहे अभियानों को समझने में अपनी पार्टी के पूर्ववर्ती नेताओं से अलग होंगे।
प्यू रिसर्च सेंटर के अनुसार, अमेरिका में रिकार्ड 62 प्रतिशत अमेरिकी नागरिक समलैंगिक विवाह का समर्थन करते हैं।
अन्तर्राष्ट्रीय
पीएम मोदी को मिलेगा ‘विश्व शांति पुरस्कार’
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को विश्व शांति पुरस्कार देने की घोषणा की गई है। यह पुरस्कार उन्हें अमेरिका में प्रदान किया जाएगा। इंडियन अमेरिकन माइनॉरटीज एसोसिएशन (एआइएएम) ने मैरीलैंड के स्लिगो सेवंथ डे एडवेंटिस्ट चर्च ने यह ऐलान किया है। यह एक गैर सरकारी संगठन है। यह कदम उठाने का मकसद अमेरिका में भारतीय अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों के कल्याण को प्रोत्साहित करने के लिए उन्हें एकजुट करना है। पीएम मोदी को यह पुरस्कार विश्व शांति के लिए उनके द्वारा किए जा रहे प्रयासों और समाज को एकजुट करने के लिए दिया जाएगा।
इसी कार्यक्रम के दौरान अल्पसंख्यकों का उत्थान करने के लिए वाशिंगटन में पीएम मोदी को मार्टिन लूथर किंग जूनियर ग्लोबल पीस अवार्ड से सम्मानित किया जाएगा। इस पुरस्कार को वाशिंगटन एडवेंटिस्ट यूनिवर्सिटी और एआइएएम द्वारा संयुक्त रूप से दिया जाएगा। जिसका मकसद अस्पसंख्यकों के कल्याण के साथ उनका समावेशी विकास करना भी है।
जाने माने परोपकारी जसदीप सिंह एआइएम के संस्थापक और चेयरमैन नियुक्त किए गए हैं। इसमें अल्पसंख्यक समुदाय को प्रोत्साहित करने के लिए 7 सदस्यीय बोर्ड डायरेक्टर भी हैं। इसमें बलजिंदर सिंह, डॉ. सुखपाल धनोआ (सिख), पवन बेजवाडा और एलिशा पुलिवार्ती (ईसाई), दीपक ठक्कर (हिंदू), जुनेद काजी (मुस्लिम) और भारतीय जुलाहे निस्सिम रिव्बेन शाल है।
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