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दिग्गज अभिनेता व भाजपा सांसद विनोद खन्ना पंचतत्व में विलीन

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मुंबई। बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता व पूर्व केंद्रीय मंत्री विनोद खन्ना नहीं रहे। उनका लंबी बीमारी के बाद गुरुवार सुबह निधन हो गया। गुरुवार शाम उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया। वह 70 वर्ष के थे। उनके परिवार में उनकी पूर्व पत्नी गीतांजली और उनसे हुए दो बेटे अक्षय खन्ना व राहुल खन्ना तथा मौजूदा पत्नी कविता और उनके बेटे साक्षी तथा बेटी श्रद्धा हैं।

गुरुवार शाम वर्ली स्थित हिंदू श्मशान घाट पर उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया, जिस दौरान वहां बॉलीवुड के कई दिग्गज मौजूद थे।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी समेत तमाम राजनेताओं और विभिन्न क्षेत्रों की हस्तियों ने विनोद खन्ना के निधन पर शोक व्यक्त किया है।

विनोद खन्ना को अप्रैल के पहले सप्ताह में सर एच.एन. रिलायंस फाउंडेशन अस्पताल में कैंसर के उपचार के लिए भर्ती कराया गया था, लेकिन उनके परिवार ने उनकी हालत के बारे में तब कुछ नहीं कहा था। अस्पताल ने गुरुवार को जारी एक बयान में कहा कि खन्ना ने पूर्वाह्न् 11.20 अंतिम सांस ली। उन्हें ‘ब्लैडर कार्सिनोमा’ (मूत्राशय कैंसर) था। खन्ना पंजाब में गुरदासपुर निर्वाचन क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के लोकसभा सांसद थे। वह इस सीट से चौथी बार सांसद चुने गए थे।

राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने उन्हें ‘बेहद प्रतिभाशाली तथा सम्मानित अभिनेता व सांसद करार दिया’, वहीं मोदी ने कहा कि खन्ना ‘एक मशहूर अभिनेता, समर्पित नेता तथा एक लाजवाब इंसान थे।’ महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा, “भारतीय सिनेमा के महान दिग्गजों में से एक के निधन के बारे में सुनना दुखद है।” उन्होंने कहा, “हमने एक प्रतिष्ठित व्यक्तित्व को खो दिया है, जिन्होंने अपने फिल्मी करियर में विभिन्न भूमिकाएं निभाईं और इसके बाद वह सामाजिक-राजनीतिक जीवन में सक्रिय हुए। फिल्मों और मंत्री, दोनों के रूपों में उनका योगदान हमेशा याद किया जाएगा।”

वर्ष 1968 में फिल्म ‘मन का मीत’ से उन्होंने बॉलीवुड में दस्तक दी थी। इसके बाद कई सफल फिल्में दीं। बॉलीवुड में उन्होंने ‘मेरे अपने’, ‘इंसाफ’, ‘परवरिश’, ‘मुकद्दर का सिकंदर’, ‘कुर्बानी’, ‘दयावान’, ‘मेरा गांव मेरा देश’, ‘चांदनी, ‘द बर्निग ट्रेन’ तथा ‘अमर, अकबर, एंथनी’ जैसी फिल्मों में काम किया था। दिलीप कुमार-मधुबाला अभिनीत ‘मुगल-ए-आजम’ और देवानंद-वहीदा रहमान अभिनीत ‘सोलवां साल’ देखने के बाद उनमें अभिनय की इच्छा जागी थी।

फिल्म निर्माता सुभाष घई ने विनोद खन्ना को पर्दे पर और पर्दे के बाद ‘रियल हैंडसम मैन’ करार दिया। घई ने कहा, “उन्होंने अपना जीवन प्यार, गरिमा और करुणा के साथ मनाया और अपने देश में सांसद के रूप में सेवा की।” पेशावर (अब पाकिस्तान में) में एक व्यापारिक परिवार में जन्मे खन्ना ने मुंबई में सेंट मैरी स्कूल और दिल्ली में सेंट जेवियर्स हाई स्कूल तथा दिल्ली पब्लिक स्कूल में पढ़ाई की। इसके बाद उन्होंने नासिक के बार्नेस स्कूल में अपनी पढ़ाई पूरी की। उन्होंने मुंबई के सिदेनहम कॉलेज से बीकॉम किया था।

खन्ना ने अपने करियर की शुरुआत छोटी भूमिकाओं से की और नायक के रूप में सफल होने से पहले कई नकारात्मक भूमिकाएं निभाईं।करियर की ऊंचाइयों पर पहुंचने के बाद खन्ना ने अचानक 1982 में संन्यास ले लिया और ओशो के संस्थापक रजनीश के अनुयायी बन गए तथा पांच वर्ष तक पुणे में रहे।

उन्होंने 1987 में बॉलीवुड में वापसी की और इसके बाद वह राजनीति में शामिल हुए। खन्ना वर्ष 1998 में पहली बार गुरदासपुर से निर्वाचित हुए थे। इसके बाद 1999 और 2004 के आम चुनावों में भी वह इस सीट से निर्वाचित हुए। लेकिन 2009 में वह कांग्रेस उम्मीदवार प्रताप सिंह बाजवा से हार गए। वर्ष 2014 में वह एक बार फिर इस सीट से जीत गए। उन्हें पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में संस्कृति एवं पर्यटन राज्यमंत्री और फिर विदेश राज्यमंत्री बनाया गया।

दिग्गज गायिका आशा भोंसले ने विनोद खन्ना के बारे में कहा, “जीवन के अंत तक एक शानदार व्यक्त्वि व अभिनेता।” अभिनेता सह राजनीतिज्ञ शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा कि उन्होंने राजनीति तथा फिल्म, दोनों में ही उनके साथ लंबी पारी खेली। अभिनेता अक्षय कुमार ने कहा कि उनका निधन ‘सचमुच में एक युग का अंत’ है। उनके निधन की खबर सुनने के बाद वसुंधरा राजे, ममता बनर्जी, लता मंगेशकर, रजनीकांत, अनिल कपूर, ऋषि कपूर, हेमा मालिनी, महेश भट्ट, एस.एस राजामौली, अनुपम खेर और माधुरी दीक्षित-नेने जैसे राजनेताओं व बॉलीवुड सितारों ने ट्विटर के माध्यम से उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।

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पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला, 38 लोगों की मौत

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पख्तूनख्वा। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला हुआ है। इस हमले में 38 लोगों की मौत हो गई है। यह हमला खैबर पख्तूनख्वा के डाउन कुर्रम इलाके में एक पैसेंजर वैन पर हुआ है। हमले में एक पुलिस अधिकारी और महिलाओं समेत दर्जनों लोग घायल भी हुए हैं। जानकारी के मुताबिक उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में आतंकियों ने शिया मुस्लिम नागरिकों को ले जा रहे यात्री वाहनों पर गोलीबारी की है। यह क्षेत्र में हाल के वर्षों में इस तरह का सबसे घातक हमला है। मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।

AFP की रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में 38 लोगों की मौत हुई है. पैसेंजर वैन जैसे ही लोअर कुर्रम के ओचुट काली और मंदुरी के पास से गुजरी, वहां पहले से घात लगाकर बैठे आतंकियों ने वैन पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. पैसेंजर वैन पाराचिनार से पेशावर जा रही थी। पाकिस्तान की समाचार एजेंसी डॉन के मुताबिक तहसील मुख्यालय अस्पताल अलीजई के अधिकारी डॉ. ग़यूर हुसैन ने हमले की पुष्टि की है.

शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच तनाव 

अफगानिस्तान की सीमा से लगे कबायली इलाके में भूमि विवाद को लेकर शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच दशकों से तनाव बना हुआ है। किसी भी समूह ने घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है। जानकारी के मुताबिक “यात्री वाहनों के दो काफिले थे, एक पेशावर से पाराचिनार और दूसरा पाराचिनार से पेशावर यात्रियों को ले जा रहा था, तभी हथियारबंद लोगों ने उन पर गोलीबारी की।” चौधरी ने बताया कि उनके रिश्तेदार काफिले में पेशावर से यात्रा कर रहे थे।

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