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दिव्यांग बच्ची को माँ ने चार मंजिला घर से 2 बार फेंका, हुई भयावह मौत

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बेंगलुरू।  बेंगुलरू में एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है जहां एक महिला ने सात साल की अपनी ही बेटी की हत्या कर दी। महिला ने बेटी को 4 मंजिला घर से दो बार नीचे फेंका। पुलिस के अनुसार यहीं के जेपी नगर स्थित घर के पास मौजूद चश्मदीदों ने कहा,कि स्वाथी सरकार (34) ने एक बेटी को एक बार छत सेर धकेल दिया, दूसरी बार उसे नीचे फेंकने के लिए उसे वापस टेरेस पर ले गई।

लोगों ने जब यह दृश्य देखा तो वो दहल गए और फिर महिला को एक बिजली के खंभे से बांध दिया। इसके बाद पुलिस बुलाई गई और उसकी गिरफ्तारी हुई।

पुलिस अधिकारी ने नाम ना प्रकाशित किए जाने की शर्त पर स्वाथी के बयान के आधार पर कहा लड़की इशिका दिव्यांग थी। अधिकारी ने कहा कि स्वाथी अपने पति से करीब सात महीने से अलग रह रही थी। प्रारंभिक जांच के अनुसार, लड़की कथित तौर पर चिल्ला रही थी और जिद्दी थी। जिसके चलते महिला ने उसे मार दिया।

स्वाथी और उनके पति पश्चिम बंगाल के निवासी हैं और लगभग 10 साल पहले इस शहर में आए थे। पुलिस ने कहा कि पड़ोसियों से हुई बातचीत के दौरान यह पता नहीं चला कि स्वाथी की दिमागी हालत कैसी थी इसके साथ ही जब हमने उससे पूछताछ की गई तो भी कोई अवसाद के लक्षण नहीं दिखे।

 

 

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बिहार का ‘उसैन बोल्ट’, 100 किलोमीटर तक लगातार दौड़ने वाला यह लड़का कौन

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चंपारण। बिहार का टार्जन आजकल खूब फेमस हो रहा है. बिहार के पश्चिम चंपारण के रहने वाले राजा यादव को लोगों ने बिहार टार्जन कहना शुरू कर दिया है. कारण है उनका लुक और बॉडी. 30 मार्च 2003 को बिहार के बगहा प्रखंड के पाकड़ गांव में जन्मे राज़ा यादव देश को ओलंपिक में गोल्ड मेडल दिलाना चाहते हैं.

लिहाजा दिन-रात एकक़र फिजिकल फिटनेस के साथ-साथ रेसलिंग में जुटे हैं. राज़ा को कुश्ती विरासत में मिली है. दादा जगन्नाथ यादव पहलवान और पिता लालबाबू यादव से प्रेरित होकर राज़ा यादव ने सेना में भर्ती होने की कोशिश की. सफलता नहीं मिली तो अब इलाके के युवाओं के लिए फिटनेस आइकॉन बन गए हैं.

महज 22 साल की उम्र में राजा यादव ‘उसैन बोल्ट’ बन गए. संसाधनों की कमी राजा की राह में रोड़ा बन रहा है. राजा ने एनडीटीवी से कहा कि अगर उन्हें मौका और उचित प्रशिक्षण मिले तो वे पहलवानी में देश का भी प्रतिनिधित्व कर सकते हैं. राजा ओलंपिक में गोल्ड मेडल लाने के लिए दिन रात मैदान में पसीना बहा रहे हैं. साथ ही अन्य युवाओं को भी पहलवानी के लिए प्रेरित कर रहे हैं.

’10 साल से मेहनत कर रहा हूं. सरकार ध्यान दे’

राजा यादव ने कहा, “मेरा जो टारगेट है ओलंपिक में 100 मीटर का और मेरी जो काबिलियत है उसे परखा जाए. इसके लिए मैं 10 सालों से मेहनत करते आ रहा हूं तो सरकार को भी ध्यान देना चाहिए. मेरे जैसे सैकड़ों लड़के गांव में पड़े हुए हैं. उन लोगों के लिए भी मांग रहा हूं कि उन्हें आगे बढ़ाने के लिए सुविधा मिले तो मेरी तरह और युवक उभर कर आएंगे.”

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