बिजनेस
नाइलिट ने ‘सक्ष-हम-पॉवर ऑफ शी’ अभियान शुरू की
नई दिल्ली, 19 जुलाई (आईएएनएस)| महिलाओं में उद्यमशीलता को प्रोत्साहित करने की दिशा में भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स व सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के निकाय नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी (नाइलिट) ने डिजिटल इंडिया के तहत ‘सक्ष-हम-पॉवर ऑफ शी’ नाम से अभियान की शुरुआत की है।
इसके तहत विभिन्न जगहों पर स्थित नाइलिट के केंद्रों से 200 से अधिक छात्राओं ने स्मार्ट वर्चुअल क्लासरूम के जरिये इसमें भागीदारी की। इन वर्चुअल कक्षाओं ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये लाइव इंटरैक्टिव सेशन की सुविधा प्रदान की।
आईटी और इलेक्ट्रॉनिक्स में उद्योग से संबद्ध कौशल हासिल करने की प्रक्रिया में शामिल नाइलिट की इन छात्राओं को विशेषज्ञों के पैनल द्वारा उद्यमशीलता विकसित करने के लिए प्रोत्साहित किया गया। इस पैनल में मुख्य रूप से महिला उद्यमी शामिल थीं। जहां इस तरह के और सत्रों का आयोजन करने की योजना है, शुरुआती सत्र में चंडीगढ़, गुवाहाटी, पटना, अजमेर और श्रीनगर स्थित नाइलिट केंद्रों से विद्यार्थी शामिल हुए।
नाइलिट के महानिदेशक डॉ. अश्वनी कुमार शर्मा ने यह अभियान शुरू करते हुए कहा, महिलाओं में उद्यमशीलता के प्रति जन्मजात विशेषता है, क्योंकि उन्हें कारगर ढंग से परिवार को संभालना होता है। इस प्रतिभा को निखारने की जरूरत है ताकि वे बाहर निकल सकें और भारत की आर्थिक वृद्धि में एक सार्थक योगदान कर सकें।
डॉ. शर्मा ने कहा, मानव जीवन को हर संभव तरीके से छूने वाली आईटी और इलेक्ट्रॉनिक्स सेवाओं के विस्तार में तेजी के साथ डिजिटल क्षेत्र में उद्यमशीलता विकास की जरूरत कई गुना बढ़ गई है। इसलिए, इन अवसरों का सही मायने में दोहन किया जाना चाहिए, क्योंकि कहावत है कि यदि आप एक पुरुष को मछली पकड़ना सिखाते हैं तो वह इसे आजीवन खाएगा, लेकिन यदि आप एक महिला को मछली पकड़ना सिखाते हैं तो वह पूरे गांव को मछली खिलाएगी।
विशेषज्ञों के पैनल में गूगल की विनीता दीक्षित (लोक नीति एवं राजकीय संपर्क ), वूमन इंटरप्रेन्यूर्स एट वर्क की संस्थापक रूबी सिन्हा, दि आंत्रप्रेन्योर स्कूल के संस्थापक एवं सीईओ संजीव शिवेश और इजीगवर्मेट की संस्थापक व निदेशक प्रभा शुक्ला शामिल थीं।
प्रादेशिक
एस्सार ग्रुप के सह-संस्थापक शशि रुइया का 80 साल की उम्र में निधन
मुंबई। एस्सार ग्रुप के सह-संस्थापक शशि रुइया का 80 साल की उम्र में निधन हो गया है। रुइया के पार्थिव शरीर को प्रार्थना और श्रद्धांजलि के लिए वालकेश्वर के बाणगंगा में रखा जाएगा। अंतिम संस्कार यात्रा रुइया हाउस से शाम 4 बजे हिंदू वर्ली श्मशान के लिए निकलेगी।
शशि रुइया ने अपने भाई रवि रुइया के साथ मिलकर एस्सार की स्थापना की थी। वह करीब एक महीने पहले अमेरिका से इलाज करा लौटे थे। मंगलवार को दोपहर 1 बजे से 3 बजे तक उनका पार्थिव शरीर रुइया हाउस में अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा। शाम चार बजे रुइया हाउस से शवयात्रा हिंदू वर्ली श्मशान घाट के लिए रवाना होगी।
उद्योगपति शशि रुइया ने अपने पिता नंद किशोर रुइया के मार्गदर्शन में 1965 में अपने व्यावसायिक दुनिया में कदम रखा। उन्होंने अपने भाई रवि के साथ मिलकर 1969 में चेन्नई बंदरगाह पर एक बाहरी ब्रेकवाटर का निर्माण कर एस्सार की नींव रखी। इसके बाद एस्सार ग्रुप ने इस्पात, तेल रिफाइनरी, अन्वेषण और उत्पादन, दूरसंचार, बिजली और निर्माण सहित विभिन्न क्षेत्रों में विस्तार किया।
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