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नेपाल, भारत 2 अरब डॉलर की परियोजनाओं पर हस्ताक्षर करेंगे

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काठमांडू| दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (दक्षेस) के शिखर सम्मेलन के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नेपाल यात्रा के दौरान नेपाल और भारत दो अरब डॉलर मूल्य के करीब दर्जन भर समझौतों पर हस्ताक्षर करेंगे। ये समझौते ऊर्जा, सुरक्षा, पर्यटन अैर सड़क क्षेत्र से संबंधित होंगे।

यह नेपाल और भारत के बीच संबंधों के इतिहास में सबसे बड़ा आर्थिक समझौता होगा और इस मौके पर नेपाल के प्रधानमंत्री सुशील कोईराला और मोदी उपस्थित रहेंगे।

मोदी यहां मंगलवार अपराह्न् पहुंचे। वह कोईराला के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगे और कई मुद्दों पर चर्चा करेंगे। नेपाल के राष्ट्रपति मोदी के सम्मान में रात्रि भोज आयोजित करेंगे। दक्षेस सम्मेलन 26 और 27 नवंबर को होगा।

सहमति पत्र (एमओयू) के तहत भारत नेपाल को एक अरब डॉलर का सरल ऋण देगा।

मोदी ने ऊर्जा संकट से निपटने और अवसंरचनागत जरूरतों के लिए अगस्त में नेपाल को सरल ऋण देने पर सहमति जताई थी।

सरल ऋण का उपयोग मध्य नेपाल में बुडुगंडकी पनबिजली परियोजना (1,000 मेगावाट की स्थापित क्षमता), पश्चिमी नेपाल में महाकाली-3 सिंचाई परियोजना, कोसी पंप नहर और महाकाली नदी के ऊपर एक पुल बनाने के लिए किया जाएगा। इस पुल से भारत के उत्तराखंड और पश्चिमी नेपाल के बीच आवागमन की सुविधा बढ़ेगी।

दोनों प्रधानमंत्रियों के समक्ष अरुण-3 पनबिजली परियोजना के परियोजना विकास समझौते (पीडीए) पर भी हस्ताक्षर होगा। इस परियेाजना का कार्यान्वयन भारतीय प्रमोटर कंपनी सतलज जल विद्युत निगम लिमिटेड (एसजेवीएनएल) करेगी।

काठमांडू के निकट कावरे जिले में एक अत्याधुनिक नेपाल पुलिस अकादमी स्थापित होगी, जिसके लिए भारत तीन अरब रुपये देगा।

दोनों देश बौद्ध सर्किट बनाने के लिए पर्यटन सहयोग पर एक प्रारूप समझौते पर भी हस्ताक्षर करेंगे। यह सर्किट बौद्ध महत्व के स्थलों जैसे लुंबिनी (भगवान बुद्ध की जन्मस्थली, नेपाल) – बोधगया (जहां बुद्ध को ज्ञान प्राप्त हुआ था, भारत) – तथा अन्य स्थानों को जोड़ेगा।

काठमांडू और वाराणसी, जनकपुर और अयोध्या और लुंबिनी तथा बोधगया को सहायक शहर बनाने के लिए भी एमओयू पर हस्ताक्षर होंगे।

दोनों नेता काठमांडू और नई दिल्ली के बीच एक बस सेवा शुरू करेंगे।

मोदी 200 बिस्तरों वाला एक ट्रॉमा सेंटर नेपाल को सौंपेंगे। यह ट्रॉमा सेंटर भारतीय खर्च से बना है। वह भारत की ओर नेपाल को उपहार स्वरूप एक आधुनिक हल्के हेलीकॉप्टर-ध्रुव की चाबी कोईराला भी कोईराला को सौंपेंगे।

खाद्य पदार्थो में कीटनाशकों की मौजूदगी के स्तर का पता लगाने के लिए भारत नेपाल को एक मोबाइल वैन भेंट कर रहा है।

नेपाल और भारत के बीच आयुर्वेद में सहयोग पर भी एक सहमति पत्र पर हस्ताक्षर होगा।

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पीएम के संबोधन के बीच विपक्ष का वॉकआउट, मोदी बोले- उनकी सारी हरकतें फेल हो गईं इसलिए मैदान छोड़कर भाग गए

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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार को राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई चर्चा का जवाब दे रहे हैं। पीएम मोदी ने कहा- 60 साल के बाद यह हुआ है कि 10 साल के बाद कोई एक सरकार की वापसी हुई है। यह घटना असामान्य है। कुछ लोग जानबूझकर के उससे अपना मुंह फेरकर बैठे रहे। कांग्रेस के कुछ साथियों को मैं धन्यवाद देना चाहता हूं। उन्होंने बार-बार ढोल पीटा था कि एक तिहाई सरकार। इससे बड़ा सत्य क्या हो सकता है कि हमारे दस साल हुए हैं, बीस साल बाकी है। उनके मुंह में घी शक्कर।

प्रधानमंत्री के भाषण के दौरान विपक्ष लगातार हंगामा करता रहा। 32 मिनट की स्पीच के बाद विपक्ष ने सदन से वॉकआउट किया। इस पर सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा- ये मुझे नहीं, संविधान काे पीठ दिखा रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा- देश वासियों ने जो आदेश दिया है, उसे वे (विपक्ष) पचा नहीं पा रहा। कल उनकी सारी हरकतें फेल हो गईं। आज इसलिए वे मैदान छोड़कर भाग गए।

इस दौरान पीएम मोदी ने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि संविधान हमारे लिए कोई आर्टिकल का कंपाइलेशन मात्र नहीं है। हमारे लिए संविधान की स्पिरिट और इसके शब्द बहुत मूल्यवान हैं। हमारा मानना है किसी भी सरकार के लिए नीति-निर्धारण में संविधान हमारा मार्गदर्शन करने का काम करता है।

पीएम मोदी ने कहा, मुझे याद है लोकसभा में जब हमारी सरकार की तरफ से कहा गया कि हम 26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में मनाएंगे, तो मैं हैरान हूं कि जो आज संविधान की प्रति लेकर घूमते रहते हैं, दुनिया में लहराते रहते हैं, उन्होंने विरोध किया था कि 26 जनवरी तो है ही, फिर संविधान दिवस क्यों मनाएं। आज संविधान दिवस के माध्यम से स्कूलों और कॉलेजों ​को संविधान की भावना को, संविधान की रचना में क्या भूमिका रही है, देश के गणमान्य महापुरुषों ने संविधान के निर्माण में किन कारणों से कुछ चीजों को छोड़ने का निर्णय किया और किन कारणों से कुछ चीजों को स्वीकार करने का निर्णय किया, इसके विषय में स्कूलों और कॉलेजों विस्तार से चर्चा हो। एक व्यापक रूप से संविधान के प्रति आस्था का भाव जगे और संविधान के प्रति समझ विकसित हो। संविधान हमारी प्रेरणा रहे, इसके लिए हम कोशिश करते रहे हैं। जब हम 75वें वर्ष में प्रवेश कर रहे हैं तो हमने इसे जन उत्सव के रूप में मनाने का निर्णय लिया। उन्होंने कहा कि ये चुनाव 10 वर्ष की सिद्धियों पर तो मुहर है ही, इस चुनाव में भविष्य के संकल्पों के लिए भी देश की जनता ने हमें चुना है।

पीएम मोदी ने कहा कि देश की जनता का एकमात्र भरोसा हम पर होने के कारण जनता ने आने वाले सपनों को, संकल्पों को सिद्ध करने के लिए हमें अवसर दिया है। जो ये मानते हैं कि इसमें क्या है, ये तो होने ही वाला है, ये तो अपने आप हो ही जाएगा… ऐसे विद्वान हैं। ये लोग ऐसे हैं, जो ऑटो पायलट मोड में, रिमोट कंट्रोल सरकार चलाने के आदी हैं। ये कुछ करने धरने में विश्वास नहीं रखते, ये इंतजार करना जानते हैं। लेकिन हम परिश्रम में कोई कमी नहीं रखते। इस दौरान पीएम मोदी ने विपक्ष पर तंज कसते हुए कहा कि 10 साल के बाद किसी सरकार की वापसी हुई है और मैं जानता हूं कि भारत के लोकतंत्र में 6 दशक बाद हुई, ये घटना असामान्य घटना है। कुछ लोग जानबूझकर इससे अपना मुंह फेर कर बैठे रहे, कुछ लोगों को समझ नहीं आया और जिनको समझ आया उन्होंने हो-हल्ला कर देश की जनता के इस महत्वपूर्ण निर्णय पर छाया करने की कोशिश की। लेकिन, मैं पिछले दो दिन से देख रहा हूं कि आखिर पराजय भी स्वीकार हो रही है और दबे मन से विजय भी स्वीकार हो रही है। मैं कांग्रेस के कुछ साथियों को दिल से धन्यवाद करना चाहता हूं। नतीजे आए तब से हमारे एक साथी की ओर से (हालांकि उनकी पार्टी उनका समर्थन नहीं कर रही थी) बार-बार ढोल पीटा गया कि यह एक तिहाई सरकार है। इससे बड़ा सत्य क्या हो सकता है कि हमारे 10 साल हुए हैं, 20 और बाकी हैं। एक तिहाई हुआ है, दो तिहाई और बाकी है और इसलिए उनकी इस भविष्यवाणी के लिए उनके मुंह में घी शक्कर।

 

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