बिजनेस
बिलियनलोन्स को रिलायंस कैपिटल से मिला वित्तपोषण
बेंगलुरू/मुंबई, 3 जुलाई (आईएएनएस)| बिलियनलोन्स फाइनेंसियल सर्विसेज (बिलियनलोन्स) को रिलायंस कैपिटल की पूर्ण स्वामित्व वाली सहयोगी कंपनी रिलायंस कॉरपोरेट एडवाइजरी सर्विसेज से 7 करोड़ रुपये (10 लाख डॉलर) का वित्तपोषण प्राप्त हुआ है। कंपनी ने सोमवार को यह जानकारी दी।
बिलियनलोन्स एक प्रौद्योगिकी-आधारित वित्तीय सेवा कंपनी है, जिसका जोर व्यक्तियों और छोटे कारोबारियों को लचीले व किफायती वित्तीय विकल्पों को मुहैया कराना है, जिन्हें पारंपरिक बैंकिंग प्रणाली से ऋण मिलने में कठिनाई होती है।
बिलियनलोन्स के अध्यक्ष वी. बालाकृष्णनन ने कहा, हमारा लक्ष्य प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल कर उपभोगकर्ताओं को तेजी से ऋण मुहैया कराना है। इससे ऋण तक लोगों की पहुंच में नाटकीय बदलाव आएगा, खासतौर पर उनके लिए जिनका क्रेडिट इतिहास ज्यादा अच्छा नहीं है।
बिलियनलोन्स के शुरुआती निवेशकों में से एक तथा एक्सफिनिटी वेंचर फंड के अध्यक्ष और इंफोसिस के बोर्ड के पूर्व सदस्य बालाकृष्णन का कहना है, रिलायंस कैपिटल से मिला निवेश हमारे व्यापार मॉडल को मिली बड़ी मान्यता है।
बिलियनलोन्स के मुताबिक उसका शुरुआती जोर एसएमई को ऋण देने, किफायती आवास के लिए ऋण देने, शिक्षा के लिए ऋण देने तथा निजी काम के लिए ऋण मुहैया कराने पर है।
रिलायंस कैपिटल के कार्यकारी निदेशक अनमोल अंबानी ने इस निवेश की घोषणा करते हुए कहा, हम बिलियनलोन्स के दृष्टिकोण का समर्थन करने तथा उनके विस्तार में भागीदार बनने के लिए तत्पर हैं।
प्रादेशिक
एस्सार ग्रुप के सह-संस्थापक शशि रुइया का 80 साल की उम्र में निधन
मुंबई। एस्सार ग्रुप के सह-संस्थापक शशि रुइया का 80 साल की उम्र में निधन हो गया है। रुइया के पार्थिव शरीर को प्रार्थना और श्रद्धांजलि के लिए वालकेश्वर के बाणगंगा में रखा जाएगा। अंतिम संस्कार यात्रा रुइया हाउस से शाम 4 बजे हिंदू वर्ली श्मशान के लिए निकलेगी।
शशि रुइया ने अपने भाई रवि रुइया के साथ मिलकर एस्सार की स्थापना की थी। वह करीब एक महीने पहले अमेरिका से इलाज करा लौटे थे। मंगलवार को दोपहर 1 बजे से 3 बजे तक उनका पार्थिव शरीर रुइया हाउस में अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा। शाम चार बजे रुइया हाउस से शवयात्रा हिंदू वर्ली श्मशान घाट के लिए रवाना होगी।
उद्योगपति शशि रुइया ने अपने पिता नंद किशोर रुइया के मार्गदर्शन में 1965 में अपने व्यावसायिक दुनिया में कदम रखा। उन्होंने अपने भाई रवि के साथ मिलकर 1969 में चेन्नई बंदरगाह पर एक बाहरी ब्रेकवाटर का निर्माण कर एस्सार की नींव रखी। इसके बाद एस्सार ग्रुप ने इस्पात, तेल रिफाइनरी, अन्वेषण और उत्पादन, दूरसंचार, बिजली और निर्माण सहित विभिन्न क्षेत्रों में विस्तार किया।
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