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मुख्य समाचार

भाजपा पैसे से जनजातीय वोटों को खरीदने का प्रयास कर रही : ममता बनर्जी

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झारग्राम (पश्चिम बंगाल), 9 अगस्त (आईएएनएस)| पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गुरुवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर राज्य में जनजातीय और अनुसूचित जाति समुदायों को गुमराह करने और चुनाव से पहले पैसे देकर उनके वोट खरीदने का प्रयास करने का आरोप लगाया। भाजपा का नाम लिए बगैर तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ने संकेत दिया कि भगवा संगठन इलाके में अशांति फैलाने के लिए पड़ोसी राज्य झारखंड से बंगाल के जंगलमहल में नक्सलियों की घुसपैठ कराने की योजना बना रहे हैं। जंगलमहल राज्य का जंगलों से घिरा पश्चिमी जिला है।

आदिवासी दिवस के मौके पर झारग्राम में एक जनसभा को संबोधित करते हुए बनर्जी ने कहा, यहां एक राजनीतिक दल है, जो चुनावों से पहले लोगों को गुमराह कर रहा है और प्रत्येक ग्रामीण को उनके वोट के बदले हजार रुपये देने की बात कह रहा है। उनका विश्वास मत कीजिए। वे आपको दो-तीन दिन पैसे देंगे और उसके बाद गायब हो जाएंगे।

उन्होंने दावा किया, हमने पिछले सात साल से इस क्षेत्र में किसी तरह के तनाव की स्थिति पैदा नहीं होने दी। हमने नक्सलियों को यहां संकट पैदा करने की इजाजत नहीं दी। लेकिन अब कुछ दल यहां झारखंड से नक्सलियों की घुसपैठ कराने में मदद कर रहे हैं। वे जंगलमहल में रक्तपात और हिंसा के दिनों को वापस लाने का प्रयास कर रहे हैं।

उन्होंने झारग्राम के स्थानीय लोगों से नक्सलियों को अपने इलाके में प्रवेश न करने देने और नक्सलियों को प्रभावित करने वालों को रोकने का आग्रह किया।

देश में पीट-पीट कर हत्या की घटनाओं का जिक्र करते हुए बनर्जी ने कहा कि भाजपा की रुचि लोगों के कल्याण में नहीं है और वह हमेशा सांप्रदायिक रूप से लोगों को विभाजित करने की प्रयास करती रही है।

बनर्जी ने कहा, हम हिंदुओं व मुसलमानों, सिखों व इसाईयों को विभाजित नहीं करते। दिल्ली पर काबिज भाजपा इन चीजों को करती है..वे लोगों के कल्याण में रुचि नहीं रखते। देखिए देश में कैसे दलितों, जनजातियों और अल्पसंख्यकों को पीट पीटकर जान से मारा जा रहा है।

उन्होंने कहा, हम सांप्रदायिक ताकतों को रोकने के लिए शपथ लें। सांप्रदायिकता, कट्टरपंथ, घृणा, षड्यंत्र और प्रचार के लिए कोई जगह नहीं है।

मुख्यमंत्री ने राज्य के पिछड़े जिलों में अपनी सरकार द्वारा चलाए गए विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी दी। उन्होंने झारग्राम में एक नए विश्वविद्यालय की आधारशिला भी रखी।

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नेशनल

क्या रद्द होगी राहुल गांधी की भारतीय नागरिकता ?

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नई दिल्ली। राहुल गांधी के पास ब्रिटेन की भी नागरिकता है और इसलिए उनकी भारतीय नागरिकता रद्द कर दी जानी चाहिए.’ एस विग्नेश शिशिर ने यह दावा करते हुए एक जनहित याचिका दायर की है, जिस पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को फैसला करने का निर्देश दिया. इस दौरान केंद्र सरकार की तरफ से पेश डिप्टी सॉलिसिटर जनरल ने कहा, ‘याचिकाकर्ता की तरफ से कुछ दस्तावेज गृह मंत्रालय को मिले हैं और वह इस पर विचार कर रहा है कि राहुल गांधी की नागरिकता रद्द की जानी चाहिए या नहीं.’

जस्टिस एआर मसूदी और सुभाष विद्यार्थी की डिविजन बेंच ने अपर सॉलिसिटर जनरल एसबी पांडेय को निर्देश दिया कि वो तीन हफ्ते के अंदर इस बारे में गृह मंत्रालय से निर्देश प्राप्त करें और अगली तारीख पर इसका जवाब पेश करें. इस मामले की सुनवाई अब 19 दिसबंर को रखी गई है.

मामले की पूरी जानकारी

राहुल गांधी की नागरिकता से जुड़ा विवाद तब शुरू हुआ जब लखनऊ हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई, जिसमें आरोप लगाया गया कि राहुल गांधी के पास ब्रिटिश नागरिकता है। याचिकाकर्ता एस विग्नेश शिशिर ने दावा किया कि उन्होंने गहन जांच के बाद यह निष्कर्ष निकाला है कि राहुल गांधी के पास यूके की नागरिकता है। शिशिर ने यह भी कहा कि उनके पास कुछ गोपनीय जानकारी है, जिससे यह साबित होता है कि राहुल गांधी का विदेशी नागरिकता प्राप्त करना कानून के तहत भारतीय नागरिकता को रद्द करने का कारण हो सकता है।

पहले इस मामले में शिशिर की याचिका को जुलाई 2024 में खारिज कर दिया गया था, लेकिन इसके बाद शिशिर ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के पास शिकायत की थी, जिसमें कोई एक्शन नहीं लिया गया। फिर से इस मामले को अदालत में लाया गया और अब गृह मंत्रालय से राहुल गांधी की नागरिकता पर स्पष्टीकरण मांगा गया है।

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