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भारत-अमेरिका रणनीतिक संबंधों का तर्क ‘निर्विवाद’ : मोदी

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नई दिल्ली, 26 जून (आईएएनएस)| अमेरिका दौरे पर गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत तथा अमेरिका आतंकवाद के ‘अभिशाप’ को हराने के लिए प्रतिबद्ध हैं और ‘हमारे रणनीतिक संबंधों का तर्क निर्विवाद है।’ समाचार पत्र वॉल स्ट्रीट जर्नल के मुताबिक, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ बैठक से पहले अपनी टिप्पणी में मोदी ने कहा कि वह उम्मीद करते हैं कि दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंध अगले कुछ दशकों में ‘महत्वाकांक्षी क्षितिज, सम्मिलित कार्रवाई तथा साझा विकास की पहले से भी अधिक उल्लेखनीय वृत्तांत होगा।’

उन्होंने कहा, पिछला दो दशक हमारे बीच परस्पर सुरक्षा तथा विकास को लेकर दोनों देशों के बीच संबंधों की फलदायी यात्रा रही है। मैं उम्मीद करता हूं कि अगला कुछ दशक महत्वाकांक्षी क्षितिज, सम्मिलित कार्रवाई तथा साझा विकास की पहले से भी अधिक उल्लेखनीय वृत्तांत होगा।

मोदी ने स्मरण किया कि उन्होंने साल 2016 में किस तरह अमेरिकी कांग्रेस (संसद) से कहा था कि द्विपक्षीय संबंधों ने ‘इतिहास के संकोच’ को खत्म कर दिया है। उन्होंने कहा कि एक साल बाद मैं फिर अमेरिका लौटा हूं और दोनों देशों के पहले से अधिक घनिष्ठता के साथ काम करने के प्रति आश्वस्त हूं।

उन्होंने कहा, यह विश्वास हमारे साझा मूल्यों तथा हमारी प्रणालियों की स्थिरता की मजबूती से प्रस्फुटित होता है। हमारे लोगों तथा संस्थानों ने नवीकरण तथा पुनरुत्थान के एक औजार के रूप में तेज लोकतांत्रिक बदलाव को देखा है।

प्रधानमंत्री ने कहा, एक-दूसरे के राजनीतिक मूल्यों में विश्वास तथा एक-दूसरे की खुशहाली में अकाट्य विश्वास ने हमारे बीच के संबंधों के विकास को सक्षम बनाया है।

रक्षा को अपनी साझेदारी का एक दूसरा परस्पर लाभकारी क्षेत्र करार देते हुए मोदी ने कहा कि अपने समाज तथा दुनिया को आतंकवादी ताकतों, कट्टरपंथी विचाराधाराओं तथा गैर पारंपरिक सुरक्षा खतरों से सुरक्षित करने के क्षेत्र में भारत तथा अमेरिका दोनों देशों के हित समान हैं।

उन्होंने कहा, आतंकवाद से निपटने में भारत के पास चार दशक का अनुभव है और हम इस अभिशाप को हराने के लिए अमेरिकी सरकार की प्रतिबद्धता को साझा करते हैं।

मोदी ने कहा कि दोनों देश मौजूदा तथा आने वाली उन रणनीतियों व सुरक्षा चुनौतियों से निपटने को लेकर साथ मिलकर काम कर रहे हैं, जो उन्हें अफगानिस्तान, पश्चिम एशिया, भारतीय-प्रशांत के बड़े समुद्री क्षेत्र में प्रभावित करते हैं। साथ ही नए व साइबर क्षेत्र में अप्रत्याशित खतरों से निपटने के प्रति भी दोनों देश मिलकर काम कर रहे हैं।

मोदी ने इस बात को रेखांकित किया कि भारत तथा अमेरिका के साथ मिलकर काम करने से दुनिया को इसका लाभ मिलेगा।

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नेशनल

महाराष्ट्र के रुझानों में महायुति को प्रचंड बहुमत, MVA को तगड़ा झटका

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मुंबई। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के शुरूआती रुझानों में दोबारा महायुति की सरकार बनती दिखाई दे रही है। महाराष्ट्र में अकेले भाजपा 131 सीटों पर आगे है। वहीं कुल 221 सीटें पर महायुति आगे है। झारखंड की बात की जाए यहां पर JMM गठबंधन आगे चल रहा है। इस समय वह 49 सीटों पर आगे है।

बता दें कि महाराष्ट्र में 20 नवंबर को सभी 288 सीटों पर मतदान हुआ। सत्ताधारी महायुति में बीजेपी ने 149 सीट, एकनाथ शिंदे की शिवसेना ने 81 सीट और अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी 59 सीटों पर चुनावी मैदान में उतरी। वहीं दूसरी ओर एमवीए में शामिल कांग्रेस ने 101, शिवसेना (UBT) ने 95 और NCP (शरदचंद्र पवार) ने 86 सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े किए।

वहीं, शुरूआती रुझानों से उत्साहित भाजपा सांसद और पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ. सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि महायुति अपने विकास कार्यों के कारण महाराष्ट्र में शानदार तरीके से सत्ता में वापस आ रही है। महाराष्ट्र चुनाव इस बात की लड़ाई थी कि जनता का जनादेश ‘विचार की विरासत’ को मिलेगा या ‘परिवार की विरासत’ को। महाराष्ट्र की जनता ने ‘विचार की विरासत’ को चुना और ‘परिवार की विरासत’ को हराया। झारखंड में अभी तक नतीजे हमारी उम्मीदों के मुताबिक नहीं आए हैं।

महाराष्ट्र के सीएम और शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे ने कहा कि अंतिम परिणाम आने दें। फिर, जिस तरह से हमने एक साथ चुनाव लड़ा था, उसी तरह सभी तीन पार्टियां एक साथ बैठेंगी और निर्णय लेंगी कि सीएम कौन होगा।

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