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भारत ने कश्मीर के लिए ‘भारत प्रशासनिक क्षेत्र’ शब्द को तवज्जो नहीं दी

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नई दिल्ली, 29 जून (आईएएनएस)| भारत ने गुरुवार को अमेरिका के विदेश विभाग द्वारा पाकिस्तान के हिजबुल मुजाहिदीन (एचएम) नेता सयैद सलाहुद्दीन को एक वैश्विक आतंकवादी घोषित किए जाने के दौरान जम्मू एवं कश्मीर के लिए ‘भारत प्रशासनिक क्षेत्र’ शब्द का उपयोग किए जाने को ज्यादा तवज्जो नहीं दी है। विपक्षी कांग्रेस ने इस शब्द पर आपत्ति जताते हुए कहा था कि जम्मू एवं कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है। विदेश मामलों के मंत्रालय में प्रवक्ता गोपाल बागले ने कहा, भारत प्रशासनिक क्षेत्र जम्मू एवं कश्मीर’ शब्द का उपयोग केवल हमारी स्थिति को ही मजबूत करता है कि सैयद सलाहुद्दीन सीमापार भारत के खिलाफ आतंकी गतिविधियों में शामिल रहा है।

इस तरह के शब्द को अमेरिका के विदेश मंत्रालय द्वारा आतंकवाद पर देश की प्रत्येक वर्ष की रिपोर्ट में उपयोग किया जाता रहा है। 2010 से 2013 के दौरान आई रिपोर्टो को मिलाकर, ये भारत पर सीमापार आतंकी गतिविधियों के संदर्भ पर आधारित हैं।

विदेश विभाग के प्रवक्ता ने कहा, भारत की यह समानरूप से दृढ़ता है कि पूरा जम्मू एवं कश्मीर राज्य भारत का एक अभिन्न अंग है, यह सर्वविदित है।

अमेरिकी विदेश विभाग द्वारा 26 जून को जारी की गई एक अधिसूचना में कहा गया है, वरिष्ठ एचएम नेता के रूप में सलाहुद्दीन के कार्यकाल में, एचएम ने कई हमलों की जिम्मेदारी लेने का दावा किया था, जिनमें अप्रैल 2014 में ‘भारत प्रशासनिक जम्मू एवं कश्मीर’ में हमला शामिल है, जिसमें 17 लोग घायल हुए थे।

वरिष्ठ कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने इस शब्द के उपयोग को ‘देशद्रोह’ बताया है।

अमेरिका द्वारा सलाहुद्दीन को एक विशेष वैश्विक आतंकी घोषित किए जाने का स्वागत करते हुए बागले ने कहा, लंबे समय से चल रही बातचीत के तहत इस बहुप्रतीक्षित कदम को उठाया गया है।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच हुई वार्ता के बाद जारी किए गए एक संयुक्त बयान में कहा गया, दोनों देशों की आतंकवाद के खिलाफ कंधे से कंधा मिलाकर लड़ाई लड़ने और पाकिस्तान को इस बात की चेतावनी कि उसकी जमीन का उपयोग, दूसरे देशों पर हमलों के लिए नहीं किया जाएगा, के प्रति एक मजबूत प्रतिबद्धता है।

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दिल्ली के बंटी-बबली नागपुर से 16 लाख रुपये के 38 लैपटॉप लेकर फरार, नागपुर पुलिस के चढ़े हत्थे

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नागपुर। नागपुर पुलिस ने बंटी-बबली जोड़ी को गिरफ्तार किया है। ये कंप्यूटर वर्क की दुकान खोलने के बहाने लगभग 16 लाख रुपये के 38 लैपटॉप लेकर फरार हो गए। दिल्ली के रहवासी बंटी-बबली को नागपुर की पुलिस ने गिरफ्तार किया है। इन दोनों आरोपियों को पुलिस ने दिल्ली से गिरफ्तार किया और नागपुर लेकर आई। आरोपी पवन कुमार और अनीता शर्मा के खिलाफ देश के कई राज्यों में मामले दर्ज हैं। यह दोनों मित्र है, जो कई वर्षों से ठगी में लिप्त हैं।

पहले लिए 18 पुराने लैपटॉप

पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार दोनों ने नागपुर के बजाज नगर में किराए का मकान लिया। इसके बाद किराए पर दुकान लिया। इन लोगों ने एक बिजनेसमैन से पहले 18 पुराने लैपटॉप लिए और फिर 28 नए लैपटॉप ऑर्डर किए। उन्होंने व्यवसायी को तत्काल भुगतान का वादा किया और चले गए। तत्काल भुगतान का वादा करने के बाद भी आरोपियों ने रुपए नहीं दिए।

DCP लोहीत मतानी ने बताया कि,

लैपटॉप मिलने के बाद तुरंत ये लोग फरार हो गए। इन दोनों आरोपियों ने लैपटॉप के डीलर से कहा कि अगले दिन पैसे का भुगतान कर देंगे। लैपटॉप डीलर को दोनों ने बताया था कि यहां पर यह कंपनी चालू करने जा रहे हैं, इसके लिए नए लैपटॉप की जरूरत है। पुलिस ने अब तक सिर्फ 6 लैपटॉप जप्त किया है। इन लोगों ने अलग-अलग लोगों को लैपटॉप बेच दिए हैं। पुलिस अब उन जगहों पर जाकर बाकी लैपटॉप जप्त करेगी।

 

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