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बिजनेस

भारत में ऊर्जा उपभोग साल 2035 तक दोगुना होगा : धर्मेद्र प्रधान

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इस्ताबुंल, 12 जुलाई (आईएएनएस)| देश में ऊर्जा उपभोग साल 2035 तक दोगुना होने की संभावना है और यह मांग एक दशक से भी ज्यादा समय तक बढ़ती जाएगी।

केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेद्र प्रधान ने बुधवार को यह बातें कही।

प्रधान ने यहां 22वें वर्ल्ड पेट्रोलियम कांग्रेस (डब्ल्यूपीसी) में कहा, भारत जैसे उभरते एशियाई देशों के बढ़ते मध्य वर्ग से ऊर्जा की मांग में तेजी आएगी, जिसमें बिजली, खाना पकाने तथा परिवहन के लिए ऊर्जा की मांग बढ़ेगी। इसके साथ ही जीवनशैली से जुड़े कई कच्चे माल की मांग में भी तेजी होगी।

उन्होंने कहा, साल 2035 तक ऊर्जा उपभोग की मांग बढ़कर दोगुनी हो जाएगी। भारत एकलौता देश है जहां एक दशक से भी ज्यादा समय तक लगातार ऊर्जा की मांग में बढ़ोतरी होगी।

प्रधान ने यहां डब्ल्यूपीसी में ‘भारतीय तेल और गैस क्षेत्र में वर्तमान आर्थिक रणनीति’ विषय पर मंत्रीस्तरीय सत्र तथा ‘तेल, गैस और उत्पादों की मांग और आपूर्ति की चुनौतियों’ विषय पर आयोजित पूर्णकालिक सत्र की अध्यक्षता की।

उन्होंने भारत जैसे देशों के लिए कच्चे तेल की ‘जवाबदेह कीमतों’ पर जोर दिया, ताकि आम आदमी को ऊर्जा मुहैया कराया जा सके।

प्रधान ने यहां तुर्की के ऊर्जा मंत्री बेरत अलबेरक के साथ ऊर्जा सहयोग को लेकर द्विपक्षीय वार्ता की, जिसमें नवीकरणीय ऊर्जा पर भी चर्चा की गई।

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प्रादेशिक

एस्सार ग्रुप के सह-संस्‍थापक शशि रुइया का 80 साल की उम्र में निधन

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मुंबई। एस्सार ग्रुप के सह-संस्‍थापक शशि रुइया का 80 साल की उम्र में निधन हो गया है। रुइया के पार्थिव शरीर को प्रार्थना और श्रद्धांजलि के लिए वालकेश्वर के बाणगंगा में रखा जाएगा। अंतिम संस्कार यात्रा रुइया हाउस से शाम 4 बजे हिंदू वर्ली श्मशान के लिए निकलेगी।

शशि रुइया ने अपने भाई रवि रुइया के साथ मिलकर एस्सार की स्थापना की थी। वह करीब एक महीने पहले अमेरिका से इलाज करा लौटे थे। मंगलवार को दोपहर 1 बजे से 3 बजे तक उनका पार्थिव शरीर रुइया हाउस में अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा। शाम चार बजे रुइया हाउस से शवयात्रा हिंदू वर्ली श्मशान घाट के लिए रवाना होगी।

उद्योगपति शशि रुइया ने अपने पिता नंद किशोर रुइया के मार्गदर्शन में 1965 में अपने व्यावसायिक दुनिया में कदम रखा। उन्होंने अपने भाई रवि के साथ मिलकर 1969 में चेन्नई बंदरगाह पर एक बाहरी ब्रेकवाटर का निर्माण कर एस्सार की नींव रखी। इसके बाद एस्सार ग्रुप ने इस्पात, तेल रिफाइनरी, अन्वेषण और उत्पादन, दूरसंचार, बिजली और निर्माण सहित विभिन्न क्षेत्रों में विस्तार किया।

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