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मधुमेह में पैरों की जांच जरूरी

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नई दिल्ली, 22 जुलाई (आईएएनएस)| टाइप 2 मधुमेह के निदान के दौरान कम से कम 10 में से एक रोगी के पैर में क्षति की आशंका देखी गई है। अध्ययन बताते हैं कि भारत में 7.4 से 15.3 प्रतिशत मधुमेह रोगियों के पैरों में तकलीफ होती है। ऐसे में इसकी जल्द पहचान कर उपचार करा लेना चाहिए, अन्यथा हालत गंभीर हो सकती है। एक छोटी सी चोट से भी बाद में संक्रमण हो सकता है और पैर काटना भी पड़ सकता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, डायबेटिक फुट उसे कहते हैं, जिसमें संक्रमण के चलते ऊतक सड़ सकते हैं और जिसमें अल्सर के कारण तंत्रिका संबंधी असामान्यताएं हो सकती हैं। इससे परिधीय संवहनी रोगों का खतरा बन जाता है और उपापचय की जटिलताएं हो सकती हैं।

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के अध्यक्ष पद्मश्री डॉ. के. के. अग्रवाल ने कहा, मधुमेह होने पर यह जरूरी है कि प्रतिदिन पैरों की जांच की जाए। थोड़ी सी भी चोट या पैर की अंगुली या नाखून के संक्रमण से अल्सर हो सकता है। मधुमेह से पैर की नसें क्षतिग्रस्त हो सकती हैं। यदि दर्द न हो तो ऐसी छोटी मोटी चोटें नजरअंदाज भी हो सकती हैं। इसके अतिरिक्त, उच्च रक्तचाप, धूम्रपान, कोलेस्ट्रॉल और मोटापे के कारण मधुमेह रोगी के पैर में रक्त प्रवाह कम हो सकता है। इन सबके चलते व्यक्ति में द्वितीय संक्रमण होने पर समस्या आगे बढ़ जाती है। मधुमेह प्रभावित पैर से जुड़ी कुछ अन्य जटिलताओं में शामिल हैं- अल्सर, संक्रमण, सेप्टीसीमिया, गैंगरीन, विकृति और अंग का नुकसान।

मधुमेह प्रभावित पैर के कुछ संभावित कारणों में प्रमुख हैं- परिधीय न्यूरोपैथी यानी तंत्रिका क्षति, वस्कुलोपैथी (रक्त वाहिकाओं मंे रुकावट), पैर की विकृति, संक्रमण और एडिमा (सूजन)। मधुमेह प्रभावित पैर के इलाज के लिए दरुगध और संक्रमण के नियंत्रण पर ध्यान देना चाहिए।

डा. अग्रवाल ने बताया, मधुमेह पीड़ित लोगों को अपने पैरों की हर साल जांच करानी चाहिए। यदि पैर में कोई चोट लगी हो, नाखून खराब हो गया हो या पैर में किसी भी प्रकार का दर्द महसूस हो तो चिकित्सक को सूचित करने की जरूरत है। ग्लाइसेमिक नियंत्रण, पैर की नियमित जांच, सही जूते और नमी से बचाकर पैरों की रक्षा की जा सकती है।

इस तरह करें पैरों की देखभाल –

* शर्करा के स्तर की जांच करें : रक्त शर्करा के स्तर को सही रेंज में रखने के लिए अपने चिकित्सक द्वारा सुझाई गई जीवनशैली का पालन करें।

* हर दिन अपने पैरों की जांच करें : किसी भी लाल धब्बे, छीलन, सूजन या छाले पर ध्यान दें।

* शारीरिक रूप से सक्रिय रहें : प्रतिदिन कम से कम 30 मिनट की शारीरिक गतिविधि में व्यस्त रहें।

* अपने पैरों को साफ रखें : हर दिन पैरों को धोकर सावधानी से सुखा लें, खासकर पैर की उंगलियों के बीच का क्षेत्र।

* अच्छी तरह से मॉइस्चराइज करें : अपने पैरों के ऊपरी और निचली ओर मॉइस्चराइजर की एक पतली परत लगाएं।

* अपने नाखूनों को नियमित रूप से काटें।

* आरामदायक जूते और मोजे पहनें : नंगे पैर न चलें। आरामदायक जूते मोजे ही पहनें। सुनिश्चित करें कि अस्तर चिकना हो और आपके जूते के अंदर कोई चुभने वाली चीज न हो।

* पैरों में रक्त परिसंचरण सुनिश्चित करें : बैठने पर पैरों को ऊपर की ओर रखें। पैर की उंगलियों को घुमाएं और अपने टखनों को पांच मिनट तक दिन में दो या तीन बार ऊपर-नीचे करें।

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आज शाम दिल्ली स्थित बीजेपी मुख्यालय जाएंगे पीएम मोदी, कार्यकर्ताओं को करेंगे संबोधित

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मुंबई। महाराष्ट्र और झारखंड में विधानसभा चुनाव के परिणाम शनिवार को सामने आ रहे हैं। महाराष्ट्र में जहां बीजेपी को प्रचंड बहुमत मिला है तो वहीं झारखंड में परिणाम बीजेपी को निराश करने वाले हैं। महाराष्ट्र में अकेले भाजपा 131 सीटों पर आगे है। वहीं कुल 221 सीटें पर महायुति आगे है। झारखंड की बात की जाए यहां पर JMM गठबंधन आगे चल रहा है। इस समय वह 49 सीटों पर आगे है।विभिन्न राज्यों में विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव में भी भाजपा ने काफी अच्छा प्रदर्शन किया है। भाजपा की इस जीत से देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी गदगद नजर आ रहे हैं।

कार्यकर्ताओं को संबोधित करेंगे पीएम

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज शनिवार की शाम को दिल्ली स्थित भारतीय जनता पार्टी के मुख्यालय पर जाएंगे। शाम में पीएम मोदी महाराष्ट्र में भाजपा+ की जीत और उपचुनाव में भाजपा की जीत के बाद कार्यकर्ताओं को संबोधित करेंगे। बता दें कि पीएम मोदी ने हरियाणा और जम्मू-कश्मीर के विधानसभा चुनाव परिणाम के बाद भी पार्टी के मुख्यालय पर कार्यकर्ताओं को संबोधित किया था।

वहीं, शुरूआती रुझानों से उत्साहित भाजपा सांसद और पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ. सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि महायुति अपने विकास कार्यों के कारण महाराष्ट्र में शानदार तरीके से सत्ता में वापस आ रही है। महाराष्ट्र चुनाव इस बात की लड़ाई थी कि जनता का जनादेश ‘विचार की विरासत’ को मिलेगा या ‘परिवार की विरासत’ को। महाराष्ट्र की जनता ने ‘विचार की विरासत’ को चुना और ‘परिवार की विरासत’ को हराया। झारखंड में अभी तक नतीजे हमारी उम्मीदों के मुताबिक नहीं आए हैं। महाराष्ट्र के सीएम और शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे ने कहा कि अंतिम परिणाम आने दें। फिर, जिस तरह से हमने एक साथ चुनाव लड़ा था, उसी तरह सभी तीन पार्टियां एक साथ बैठेंगी और निर्णय लेंगी कि सीएम कौन होगा।

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