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मप्र : नदी, नाले उफान पर, ग्वालियर-आगरा के बीच आवागमन बंद

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भोपाल| मध्य प्रदेश में पिछले पांच दिनों से हो रही बारिश मंगलवार को थम गई, लेकिन बारिश में नदी, नालों का जलस्तर बढ़ जाने से आवागमन की समस्या अब भी बनी हुई है। कोटा बैराज से पानी छोड़े जाने के बाद चंबल नदी का जलस्तर बढ़ गया है, जिसके कारण प्रशासन को ग्वालियर-आगरा मार्ग पर आवागमन बंद करना पड़ा। राज्य में पिछले दिनों हुई बारिश ने मंदसौर, उज्जैन, शाजापुर, रतलाम, सीहोर, मुरैना, शिवपुरी आदि इलाकों में बाढ़ जैसी स्थिति बना दी थी, लेकिन मंगलवार को बारिश थमने के बाद जनजीवन सामान्य हो चला है। हालांकि बारिश रुकने के बाद भी बांधों से जल निकासी के कारण नदी, नालों का जलस्तर बढ़ा हुआ है और आवागमन बाधित हो रहा है।

मुरैना के पुलिस अधीक्षक विनीत खन्ना ने मंगलवार को बताया कि चंबल नदी का जलस्तर खतरे के निशान तक पहुंचने के कारण राष्ट्रीय राजमार्ग आगरा-मुंबई पर ग्वालियर-आगरा के बीच आवागमन बंद कर दिया गया है।

सूत्रों के अनुसार, कोटा बैराज से भारी मात्रा में पानी छोड़े जाने के कारण चंबल नदी का जलस्तर बढ़ गया है। खतरे को देखते हुए दुपहिया वाहनों तक के आवागमन पर रोक लगा दी गई है।

उज्जैन के बाढ़ नियंत्रण कक्ष से मिली जानकारी के अनुसार, क्षिप्रा एवं गंभीर नदियों का जलस्तर बढ़ने के कारण जल की निकासी के लिए गंभीर बांध के दो फाटक खोल दिए गए हैं।

राज्य के जनसंपर्क विभाग द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक, बाढ़ प्रभावितों की मदद के लिए प्रदेश के सभी जिलों के जिला कमांडेंट होमगार्डस कार्यालय में जिला आपातकालीन संचालन केंद्र स्थापित किए गए हैं।

राजधानी भोपाल में स्थापित राज्य कमांड सेंटर में संयुक्त राहत एवं बचाव टीमें बनाई गई हैं। प्रत्येक टीम मोटर-बोट, बस, ट्रक, लाइफ जैकेट एवं अन्य बचाव उपकरणों सहित 30 विशेष रूप से प्रशिक्षित तैराक एवं गोताखोरों एवं आपदा बचाव कार्य में अनुभवी जवानों से लैस है। प्रदेश के सभी जिलों में 150 से अधिक त्वरित प्रतिक्रिया बचाव दल गठित किए गए हैं, जिनमें से हर दल में 2,000 जवान हैं। मोटर-बोट एवं अन्य आपदा बचाव उपकरणों से लैस ये दल अंतर-जिला गतिविधियों के लिए 24 घंटे तैयार हैं।

आधिकारिक जानकारी के अनुसार, राज्य में अब तक होम गार्ड्स के जवानों द्वारा बाढ़ में फंसे लगभग 2,500 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा चुका है। उज्जैन जिले में क्षिप्रा नदी में आई बाढ़ में फंसे लगभग 700 लोगों को सुरक्षित निकाला जा चुका है। वहीं, मकसूदगढ़, शाजापुर, इंदौर, होशंगाबाद, रतलाम, मंदसौर जिलों में भी बाढ़ में फंसे लोगों को सुरक्षित ठिकानों तक पहुंचाया गया है।

 

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पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला, 38 लोगों की मौत

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पख्तूनख्वा। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला हुआ है। इस हमले में 38 लोगों की मौत हो गई है। यह हमला खैबर पख्तूनख्वा के डाउन कुर्रम इलाके में एक पैसेंजर वैन पर हुआ है। हमले में एक पुलिस अधिकारी और महिलाओं समेत दर्जनों लोग घायल भी हुए हैं। जानकारी के मुताबिक उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में आतंकियों ने शिया मुस्लिम नागरिकों को ले जा रहे यात्री वाहनों पर गोलीबारी की है। यह क्षेत्र में हाल के वर्षों में इस तरह का सबसे घातक हमला है। मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।

AFP की रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में 38 लोगों की मौत हुई है. पैसेंजर वैन जैसे ही लोअर कुर्रम के ओचुट काली और मंदुरी के पास से गुजरी, वहां पहले से घात लगाकर बैठे आतंकियों ने वैन पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. पैसेंजर वैन पाराचिनार से पेशावर जा रही थी। पाकिस्तान की समाचार एजेंसी डॉन के मुताबिक तहसील मुख्यालय अस्पताल अलीजई के अधिकारी डॉ. ग़यूर हुसैन ने हमले की पुष्टि की है.

शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच तनाव 

अफगानिस्तान की सीमा से लगे कबायली इलाके में भूमि विवाद को लेकर शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच दशकों से तनाव बना हुआ है। किसी भी समूह ने घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है। जानकारी के मुताबिक “यात्री वाहनों के दो काफिले थे, एक पेशावर से पाराचिनार और दूसरा पाराचिनार से पेशावर यात्रियों को ले जा रहा था, तभी हथियारबंद लोगों ने उन पर गोलीबारी की।” चौधरी ने बताया कि उनके रिश्तेदार काफिले में पेशावर से यात्रा कर रहे थे।

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