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महंगी मेट्रो : 10 फीसदी छूट के लिए ऑफिसों में शिफ्ट बदलवा रहे लोग

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नई दिल्ली, 28 मई (आईएएनएस)| मेट्रो का बढ़ा हुआ किराया दैनिक यात्रियों के लिए सिरदर्द बन गया है। विभिन्न संगठन बढ़ा हुआ किराया वापस लेने की मांग कर रहे हैं, लेकिन डीएमआरसी किराए के मामले में अपना कदम पीछे न खींचने पर अड़ा हुआ है। उसका कहना है, ‘हम नॉन पीक आवर में 10 फीसदी छूट तो दे ही रहे हैं।’

किराया बढ़ने के बाद मेट्रो से सफर करने वाले यात्रियों की संख्या तीन फीसदी तक घट गई है। आलम यह है कि दैनिक यात्री नॉन पीक आवर में मिलने वाली 10 फीसदी छूट का लाभ लेने के लिए ऑफिस में अपनी शिफ्ट बदलवा रहे हैं, ताकि उन्हें थोड़ी सी राहत मिल जाए।

ऑफिस जाने के लिए बदरपुर से गुड़गांव का सफर तय करने वाली कीर्ति मेहता मेट्रो किराया बढ़ने से परेशान हैं। वह कहती हैं, किराए में उम्मीद से ज्यादा इजाफा हुआ है। नॉन पीक आवर में मिलने वाली छूट का लाभ लेने के लिए मैंने शिफ्ट बदलवा दी है। पहले मेरी शिफ्ट सुबह 10 बजे से शाम छह बजे तक थी, लेकिन मैंने अब इसे बदलवाकर सुबह आठ बजे करा ली है। अब मैं सुबह और शाम 10 फीसदी छूट का लाभ रोजना ले सकती हूं। इससे कुछ तो बचत होगी।

बुद्ध विहार के मनप्रीत चड्ढा की चांदनी चौक में कपड़े की दुकान है, वह कहते हैं, रोजाना आना-जाना है। किराए में ही जेब ढीली हो जाती है, मेरी मांग है कि डीएमआरसी इस बढ़े हुए किराए को तुरंत वापस ले, जिससे हमें राहत मिल सके।

हालांकि, दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (डीएमआरसी) ने साफ कर दिया है कि वह बढ़ा हुआ किराया वापस नहीं लेने जा रहा। डीएमआरसी प्रवक्ता अनुज दयाल ने आईएएनएस से कहा, बढ़ा हुआ किराया वापस नहीं होगा। काफी सोच-विचार के बाद किराए में जो वृद्धि की गई है, वह बिल्कुल जायज है।

डीएमआरसी ने 10 मई से मेट्रो किराए में बढ़ोतरी की है, जिसका तत्काल काफी विरोध हुआ। कई लोगों ने जेब पर पड़े इस अतिरिक्त भार को देखते हुए बसों से सफर करना शुरू कर दिया था। डीएमआरसी के मुताबिक, किराया बढ़ने के बाद से मेट्रो से यात्रा करने वाले यात्रियों की संख्या में तीन फीसदी तक की गिरावट देखी जा रही है।

वहीं, कुछ लोग ऐसे भी हैं जो कह रहे हैं कि 10 फीसदी छूट से उन्हें कुछ खास राहत नहीं मिलती। पुरानी दिल्ली में अकाउंटेंट का काम करने वाली पूनम अग्रवाल कहती हैं, 10 फीसदी छूट नाममात्र है, इससे राहत कैसे मिल सकती है। यह आटे में नमक बराबर है।

वहीं, डीएमआरसी ने पुष्टि की है कि अक्टूबर में फिर किराया बढ़ाने की उसकी योजना है।

मेट्रो का किराया बढ़ने के बाद लोगों ने धड़ल्ले से न सही, लेकिन डीटीसी बसों का रुख किया है। डीटीसी के प्रवक्ता आर.एस. मिन्हास ने आईएएनएस से कहा, हां यह सच है कि मेट्रो का किराया बढ़ने के बाद डीटीसी बसों से सफर करने वालों की संख्या बढ़ी है। उन्होंने हालांकि कोई आंकड़ा नहीं दिया।

अब सबकी नजर अक्टूबर में एक बार फिर मेट्रो के किराए में बढ़ोतरी पर है। तब तक जीएसटी भी बाजार पर अपना कमाल दिखा चुका रहेगा। त्योहारों के मौसम में डीएमआरसी के खिलाफ लोगों का रोष क्या रुख अख्तियार करता है, यह उसी समय पता चलेगा। फिलहाल लोग नॉन पीक आवर में मेट्रो से आने-जाने, बसों और कारपूलिंग के भरोसे बचत की आस लगाए हुए हैं।

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नेशनल

आज शाम दिल्ली स्थित बीजेपी मुख्यालय जाएंगे पीएम मोदी, कार्यकर्ताओं को करेंगे संबोधित

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मुंबई। महाराष्ट्र और झारखंड में विधानसभा चुनाव के परिणाम शनिवार को सामने आ रहे हैं। महाराष्ट्र में जहां बीजेपी को प्रचंड बहुमत मिला है तो वहीं झारखंड में परिणाम बीजेपी को निराश करने वाले हैं। महाराष्ट्र में अकेले भाजपा 131 सीटों पर आगे है। वहीं कुल 221 सीटें पर महायुति आगे है। झारखंड की बात की जाए यहां पर JMM गठबंधन आगे चल रहा है। इस समय वह 49 सीटों पर आगे है।विभिन्न राज्यों में विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव में भी भाजपा ने काफी अच्छा प्रदर्शन किया है। भाजपा की इस जीत से देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी गदगद नजर आ रहे हैं।

कार्यकर्ताओं को संबोधित करेंगे पीएम

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज शनिवार की शाम को दिल्ली स्थित भारतीय जनता पार्टी के मुख्यालय पर जाएंगे। शाम में पीएम मोदी महाराष्ट्र में भाजपा+ की जीत और उपचुनाव में भाजपा की जीत के बाद कार्यकर्ताओं को संबोधित करेंगे। बता दें कि पीएम मोदी ने हरियाणा और जम्मू-कश्मीर के विधानसभा चुनाव परिणाम के बाद भी पार्टी के मुख्यालय पर कार्यकर्ताओं को संबोधित किया था।

वहीं, शुरूआती रुझानों से उत्साहित भाजपा सांसद और पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ. सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि महायुति अपने विकास कार्यों के कारण महाराष्ट्र में शानदार तरीके से सत्ता में वापस आ रही है। महाराष्ट्र चुनाव इस बात की लड़ाई थी कि जनता का जनादेश ‘विचार की विरासत’ को मिलेगा या ‘परिवार की विरासत’ को। महाराष्ट्र की जनता ने ‘विचार की विरासत’ को चुना और ‘परिवार की विरासत’ को हराया। झारखंड में अभी तक नतीजे हमारी उम्मीदों के मुताबिक नहीं आए हैं। महाराष्ट्र के सीएम और शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे ने कहा कि अंतिम परिणाम आने दें। फिर, जिस तरह से हमने एक साथ चुनाव लड़ा था, उसी तरह सभी तीन पार्टियां एक साथ बैठेंगी और निर्णय लेंगी कि सीएम कौन होगा।

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