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मौजूद हालात की तुलना आपातकाल से करना गलत : मार्क टुली

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नई दिल्ली, 25 जून (आईएएनएस)| बीबीसी के पूर्व ब्राडकास्टर और प्रसद्धि लेखक मार्क टुली ने विपक्ष के भारत की मौजूद स्थिति की तुलना बहुत हद तक आपातकाल से करने के दावों को खारिज कर दिया, लेकिन इसके साथ ही उन्होंने लोगों को देश में पैदा हो रहे ‘भय के माहौल’ को लेकर चेताया।

1977 में जॉन दयाल और अजॉय बोस द्वारा लिखित किताब ‘फॉर रिजंस ऑफ स्टेट : दिल्ली अंडर इमर्जेसी’ के नवीनतम संस्करण की प्रस्तावना में टुली ने इंदिरा गांधी के शासन में आपातकाल के दिनों को याद किया और इसे ‘अनैतिक कार्य’ बताया।

उन्होंने कहा, आज, एक बार फिर, पूर्ण बहुमत के साथ सरकार है और एक शक्तिशाली प्रधानमंत्री अपनी पार्टी पर हावी है। इसने डर का माहौल पैदा किया है। डर का यह माहौल कुछ समुदायों में ज्यादा है, खासकर मुसलमानों में। यह माहौल हिंदू कट्टर समूहों की वजह से है और ऐसा प्रतीत होता है कि ये समूह सरकार पर शक्तिशाली प्रभाव रखते हैं।

दो प्रसिद्ध किताब ‘नो फुल स्टॉप्स ऑफ इंडिया’ और ‘इंडिया इन स्लो मोशन’ लिख चुके 82 वर्षीय टुली ने कहा, हालांकि, यह कहना गलत होगा कि ये हालात आपातकाल जैसे हैं। संविधान को निलंबित नहीं किया गया है और सभी मूल अधिकार लागू हैं। प्रेस पर प्रतिबंध नहीं लगाया गया है और विपक्षी पार्टी के नेताओं को गिरफ्तार नहीं किया गया है।

टुली ने कहा कि जहां तक मीडिया का सवाल है, मौजूदा स्थिति की तुलना आपातकाल से करना एक बार फिर गलत होगा।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में राजग सरकार के खिलाफ ‘व्यापक क्रोध’ के कोई संकेत नहीं हैं, लेकिन उनके अपने शब्दों में निराशा के बढ़ने के संकेत हैं।

उन्होंने कहा, मुझे लगता है कि अगर विपक्ष और प्रेस इस निराशा को मजबूती से उठाएगा तो, लोग पूछेंगे कि ‘नरेंद्र मोदी ने बहुत कुछ वादा किया था लेकिन उन्होंने पूरा किया? कहां हैं अच्छे दिन, जो आने वाले थे?’

उन्होंने लिखा, आज के अनुमानित खतरों के बावजूद, मुझे अभी भी पूरा विश्वास है कि भारतीय लोकतंत्र में कोई पूर्ण विराम नहीं होगा। आखिर, आपातकाल केवल एक कोमा साबित हुआ था।

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नेशनल

केजरीवाल ने सदन में पूछा सवाल, क्या लॉरेंस बिश्नोई को बीजेपी की तरफ से संरक्षण प्राप्त है

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नई दिल्ली। दिल्ली में कानून-व्यवस्था की खराब स्थिति को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शक्रवार को केंद्र सरकार और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर निशाना साधा है। अरविंद केजरीवाल ने विधानसभा में कहा कि दिल्ली में बदहाल होती कानून-व्यवस्था पर अमित शाह चुप क्यों हैं?। केजरीवाल ने कहा कि लॉरेंस बिश्नोई कौन है। इसका जवाब बीजेपी को देना होगा। क्या लॉरेंस बिश्नोई को बीजेपी की तरफ से संरक्षण प्राप्त है। उसे जेल में कौन-कौन सी सुविधाएं मिल रही हैं। वह गुजरात की जेल में रहते हुए भी देश-विदेश में गैंग कैसे चला रहा है।

उन्होंने कहा कि दिल्ली में हमने स्कूल, अस्पताल, सड़कें और बिजली ठीक करने की जिम्मेदारी पूरी की है लेकिन केंद्र सरकार और गृह मंत्री अमित शाह से दिल्ली की कानून व्यवस्था संभाली नहीं जा रही है। दिल्ली में हत्याएं और बम ब्लास्ट हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि अभी-अभी मैं देख रहा था कि एक वकील कह रहे थे कि सड़क पर हाथ में मोबाइल फोन ले जाना मुश्किल है। आप मोबाइल फोन लो जाओगे, कोई ना कोई आपका मोबाइल छीन लेगा। दिल्ली में दुष्कर्म हो रहे हैं, मर्डर कर देते हैं। मैं यह एक अखबार लेकर आया हूं। दिल्ली की कानून व्यवस्था को लेकर इसमें जानकारी दी गई है।

उन्होंने कहा कि आपके पड़ोस में गैंगवार शुरू हो गए हैं। ये लॉरेंस बिश्नोई कौन है? कैसे वह जेल में बैठ कर गैंग चला रहा है। इसके बारे में अमित शाह को बताना पड़ेगा। बिश्नोई गैंग, भाऊ ग्रैंड, गोगी गैंग… ऐसे दर्जन भर गैंग दिल्ली के अंदर सक्रिय हैं। कोई बता रहा था कि इन्होंने अपने एरिया बांट रखे हैं।

दिल्ली में कानून व्यवस्था का यह हाल हो गया है कि आज हर कोई डरा हुआ है। लोगों को वसूली के फोन आ रहे हैं। महिलाओं का रेप कर हत्या की जा रही है। लॉरेंस बिश्नोई की गैंग ने आतंक मचा रखा है। एक बात समझ नहीं आ रही कि लॉरेंस बिश्नोई BJP शासित गुजरात की साबरमती जेल में बंद है तो वह जेल में रहकर अपनी गैंग कैसे चला रहा है?

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