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ये फल–सब्जियां खाएं और ग्रहों को अपने अनुकूल बनाएं

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फल, सब्जियां, अनाज, ग्रहों, ज्‍योतिष

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हम जो फल, सब्जियां, अनाज खाते हैं उनका संबंध भी ग्रहों से होता है। यानी यदि आप कोई विशेष फल या सब्‍जी ज्यादा अथवा कम खा रहे हैं, तो उस फल का संबंध जिस ग्रह से है, उस ग्रह का प्रभाव आप पर घटने अथवा बढ़ने लग जाएगा।

फल, सब्जियां, अनाज, ग्रहों, ज्‍योतिष

आपको ये जानने की इच्छा हो रही होगी कि आपके पसंदीदा फल या सब्जी का संबंध किस ग्रह से है। आपकी खान–पान की आदतों के जरिए किस ग्रह का प्रभाव आप पर पड़ रहा है अथवा बढ़ने लगा है। क्या वो ग्रह आपके भविष्य को संवारने में मदद कर रहा है या आपके जीवन में बाधाएं खड़ी कर रहा है, या आपकी उन्‍नति की गति धीमा कर रहा है।

किस ग्रह का आप पर पड़ रहा है प्रभाव

अगर आप चटक मसालों का प्रयोग ज्यादा करते हैं तो मंगल ग्रह का प्रभाव ज्यादा बढ़ रहा है। सरसों का साग, कटहल की सब्जी या अचार ज्यादा खा रहे हैं तो भी मंगल ग्रह का असर आपके शरीर, मन और जीवन पर बढ़ रहा है क्योंकि इन खाने की चीजों का संबंध मंगल ग्रह से है।

यदि आपकी कुंडली में मंगल ग्रह की स्थिति अनुकूल है या मंगल कुंडली में कमजोर है तो ऊपर बताई गई चीजों का प्रयोग करने से मंगल के कारण शुभ फल मिलेगा। आपका पराक्रम बढ़ेगा, लेकिन यदि आपकी कुंडली में मंगल ग्रह की स्थिति ठीक नहीं है। तो  वैवाहिक जीवन में परेशानी, लड़ाई, झगड़ा, गलत लोगों की संगति, बीमारी, व्यापार में हानि,  क्रोध की वजह से आपको नुकसान हो सकता है।

इसलिए मंगल ग्रह से संबंधित खाने की चीजों का प्रयोग ऐसे लोगों को बहुत कम या बिल्कुल नहीं करना चाहिए जिनकी कुंडली में मंगल ग्रह की स्थिति प्रतिकूल हो। ये तो एक ग्रह का उदाहरण हुआ इसी तरह बाकि ग्रहों की भी कुंडली में स्थिति देख लें जो ग्रह आपकी कुंडली में अनुकूल स्थानों पर बैठे हुए हैं। शुभ फल दे रहे हैं।

उनसे संबंधित खाने-पीने की चीजों का प्रयोग करें या जो ग्रह कमजोर हैं। उसने शुभ फल पाने के लिए भी आप उनसे संबंधित फल, सब्जियों का अनाज का प्रयोग अपने खान-पान में बढ़ा दें आपको लाभ अवश्य होगा।

हर रंग की सब्जियां क्यों खाएं

अच्छे डाईटीशियन हर रंग की सब्जियों का प्रयोग भोजन में करने की सलाह देते हैं, ताकि शरीर को हर रंग और पोषक तत्व पर्याप्त मात्रा में मिल सके। रंगों का कनेक्शन ग्रहों से होता है। सफेद रंग का शुक्र से, लाल रंग का मंगल से, हरे रंग का बुध से, पीले रंग का बृहस्पति से, नीले या काले रंग का शनि से। आइए जानते हैं कुछ खाने-पीने की चीजों के बारे में कि उनका संबंध किस ग्रह से है।

किन ग्रहों का किनसे हैं संबंध

सूर्य- सूर्य का संबंध सूखा नारियल का गोला, खजूर का फल, केसर, बड़ी इलायची से है।

चंद्रमा- चंद्रमा का संबंध पानी वाले नारियल, लीची, खरबूजा, तरबूज, खीरा, नींबू, खुशबूदार बासमती चावल से है।

मंगल- मंगल का संबंध लाल मिर्च, काली मिर्च, जायफल, लौंग, तीखे मसाले, सरसों का साग, कटहल, सोयाबीन से है।

बुध- बुध का संबंध सूरन, अदरक, पालक, बथुआ, मेथी, सीताफल, बैंगन, पान और गन्ने से है।

गुरु- गुरु का संबंध अनाज, हल्दी, सिंघाड़े से है।

शुक्र- शुक्र का संबंध सभी फूलदार वनस्पति, जमीन के भीतर बढ़ने वाली सब्जियां जैसे आलू, गाजर, प्याज से है।

शनि- शनि का संबंध साबुत दालें, कषैले खट्टे स्वाद वाले आंवला, संतरा, बेलफल से है।

राहु-केतु- जहरीले पौधे, बरचिटा, कटैली कांटेदार बबूल और ऐसे फल जिन्हें खाया नहीं जा सकता है, का संबंध राहु-केतु से होता है।

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बिहार का ‘उसैन बोल्ट’, 100 किलोमीटर तक लगातार दौड़ने वाला यह लड़का कौन

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चंपारण। बिहार का टार्जन आजकल खूब फेमस हो रहा है. बिहार के पश्चिम चंपारण के रहने वाले राजा यादव को लोगों ने बिहार टार्जन कहना शुरू कर दिया है. कारण है उनका लुक और बॉडी. 30 मार्च 2003 को बिहार के बगहा प्रखंड के पाकड़ गांव में जन्मे राज़ा यादव देश को ओलंपिक में गोल्ड मेडल दिलाना चाहते हैं.

लिहाजा दिन-रात एकक़र फिजिकल फिटनेस के साथ-साथ रेसलिंग में जुटे हैं. राज़ा को कुश्ती विरासत में मिली है. दादा जगन्नाथ यादव पहलवान और पिता लालबाबू यादव से प्रेरित होकर राज़ा यादव ने सेना में भर्ती होने की कोशिश की. सफलता नहीं मिली तो अब इलाके के युवाओं के लिए फिटनेस आइकॉन बन गए हैं.

महज 22 साल की उम्र में राजा यादव ‘उसैन बोल्ट’ बन गए. संसाधनों की कमी राजा की राह में रोड़ा बन रहा है. राजा ने एनडीटीवी से कहा कि अगर उन्हें मौका और उचित प्रशिक्षण मिले तो वे पहलवानी में देश का भी प्रतिनिधित्व कर सकते हैं. राजा ओलंपिक में गोल्ड मेडल लाने के लिए दिन रात मैदान में पसीना बहा रहे हैं. साथ ही अन्य युवाओं को भी पहलवानी के लिए प्रेरित कर रहे हैं.

’10 साल से मेहनत कर रहा हूं. सरकार ध्यान दे’

राजा यादव ने कहा, “मेरा जो टारगेट है ओलंपिक में 100 मीटर का और मेरी जो काबिलियत है उसे परखा जाए. इसके लिए मैं 10 सालों से मेहनत करते आ रहा हूं तो सरकार को भी ध्यान देना चाहिए. मेरे जैसे सैकड़ों लड़के गांव में पड़े हुए हैं. उन लोगों के लिए भी मांग रहा हूं कि उन्हें आगे बढ़ाने के लिए सुविधा मिले तो मेरी तरह और युवक उभर कर आएंगे.”

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