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रणबीर सिंह जन्म शताब्दी समारोह में राष्ट्रपति करेंगे शिरकत
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नई दिल्ली| स्वतंत्रता सेनानी चौधरी रणबीर सिंह हुड्डा का जन्म शताब्दी समारोह राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में 27 नवंबर को मनाया जाएगा। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी इस समारोह में मुख्य अतिथि होंगे, जबकि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह इसकी अध्यक्षता करेंगे। कार्यक्रम के आयोजक और रणबीर सिंह के पोते दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि समारोह में देश भर के स्वतंत्रता सेनानी हिस्सा लेंगे। उन्होंने कहा, “हम हरियाणा और इसके बाहर विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन करेंगे, जिसमें लोगों को चौधरी रणबीर सिंह की उपलब्धि के बारे में बताया जाएगा। इसके अतिरिक्त कार्यक्रम के दौरान देश के विभिन्न क्षेत्रों में योगदान देने वाले लोगों को सम्मानित भी किया जाएगा।”
चौधरी रणबीर सिंह हुड्डा का जन्म 26 नवंबर 1914 को हुआ था। स्वतंत्रता संग्राम के दौरान उन्होंने अपने जीवन के महत्वपूर्ण साल आठ अलग-अलग जेलों में बिताए। आजादी के बाद संविधान सभा के वह सबसे युवा सदस्य थे। एक फरवरी, 2009 को उन्होंने अंतिम सांस ली। हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा उनके बेटे हैं।
दीपेंद्र ने कहा, “इस समारोह का आयोजन दलगत राजनीति से ऊपर उठकर किया जा रहा है। इसलिए इसमें विभिन्न राजनीतिक, सामाजिक तथा धार्मिक संगठनों के प्रतिनिधियों को आमंत्रित किया गया है।” चौधरी रणबीर सिंह अपने जीवन में सात विभिन्न सदनों के सदस्य रहने वाले एकमात्र नेता थे। वे संविधान सभा, संविधान विधायी सभा, अस्थायी संसद, लोकसभा, राज्यसभा, पंजाब विधानसभा और हरियाणा विधानसभा के सदस्य थे। उनका यह अद्भुत रिकार्ड लिम्का बुक ऑफ वल्र्ड रिकार्ड में भी दर्ज है।
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पीएम के संबोधन के बीच विपक्ष का वॉकआउट, मोदी बोले- उनकी सारी हरकतें फेल हो गईं इसलिए मैदान छोड़कर भाग गए
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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार को राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई चर्चा का जवाब दे रहे हैं। पीएम मोदी ने कहा- 60 साल के बाद यह हुआ है कि 10 साल के बाद कोई एक सरकार की वापसी हुई है। यह घटना असामान्य है। कुछ लोग जानबूझकर के उससे अपना मुंह फेरकर बैठे रहे। कांग्रेस के कुछ साथियों को मैं धन्यवाद देना चाहता हूं। उन्होंने बार-बार ढोल पीटा था कि एक तिहाई सरकार। इससे बड़ा सत्य क्या हो सकता है कि हमारे दस साल हुए हैं, बीस साल बाकी है। उनके मुंह में घी शक्कर।
प्रधानमंत्री के भाषण के दौरान विपक्ष लगातार हंगामा करता रहा। 32 मिनट की स्पीच के बाद विपक्ष ने सदन से वॉकआउट किया। इस पर सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा- ये मुझे नहीं, संविधान काे पीठ दिखा रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा- देश वासियों ने जो आदेश दिया है, उसे वे (विपक्ष) पचा नहीं पा रहा। कल उनकी सारी हरकतें फेल हो गईं। आज इसलिए वे मैदान छोड़कर भाग गए।
इस दौरान पीएम मोदी ने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि संविधान हमारे लिए कोई आर्टिकल का कंपाइलेशन मात्र नहीं है। हमारे लिए संविधान की स्पिरिट और इसके शब्द बहुत मूल्यवान हैं। हमारा मानना है किसी भी सरकार के लिए नीति-निर्धारण में संविधान हमारा मार्गदर्शन करने का काम करता है।
पीएम मोदी ने कहा, मुझे याद है लोकसभा में जब हमारी सरकार की तरफ से कहा गया कि हम 26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में मनाएंगे, तो मैं हैरान हूं कि जो आज संविधान की प्रति लेकर घूमते रहते हैं, दुनिया में लहराते रहते हैं, उन्होंने विरोध किया था कि 26 जनवरी तो है ही, फिर संविधान दिवस क्यों मनाएं। आज संविधान दिवस के माध्यम से स्कूलों और कॉलेजों को संविधान की भावना को, संविधान की रचना में क्या भूमिका रही है, देश के गणमान्य महापुरुषों ने संविधान के निर्माण में किन कारणों से कुछ चीजों को छोड़ने का निर्णय किया और किन कारणों से कुछ चीजों को स्वीकार करने का निर्णय किया, इसके विषय में स्कूलों और कॉलेजों विस्तार से चर्चा हो। एक व्यापक रूप से संविधान के प्रति आस्था का भाव जगे और संविधान के प्रति समझ विकसित हो। संविधान हमारी प्रेरणा रहे, इसके लिए हम कोशिश करते रहे हैं। जब हम 75वें वर्ष में प्रवेश कर रहे हैं तो हमने इसे जन उत्सव के रूप में मनाने का निर्णय लिया। उन्होंने कहा कि ये चुनाव 10 वर्ष की सिद्धियों पर तो मुहर है ही, इस चुनाव में भविष्य के संकल्पों के लिए भी देश की जनता ने हमें चुना है।
पीएम मोदी ने कहा कि देश की जनता का एकमात्र भरोसा हम पर होने के कारण जनता ने आने वाले सपनों को, संकल्पों को सिद्ध करने के लिए हमें अवसर दिया है। जो ये मानते हैं कि इसमें क्या है, ये तो होने ही वाला है, ये तो अपने आप हो ही जाएगा… ऐसे विद्वान हैं। ये लोग ऐसे हैं, जो ऑटो पायलट मोड में, रिमोट कंट्रोल सरकार चलाने के आदी हैं। ये कुछ करने धरने में विश्वास नहीं रखते, ये इंतजार करना जानते हैं। लेकिन हम परिश्रम में कोई कमी नहीं रखते। इस दौरान पीएम मोदी ने विपक्ष पर तंज कसते हुए कहा कि 10 साल के बाद किसी सरकार की वापसी हुई है और मैं जानता हूं कि भारत के लोकतंत्र में 6 दशक बाद हुई, ये घटना असामान्य घटना है। कुछ लोग जानबूझकर इससे अपना मुंह फेर कर बैठे रहे, कुछ लोगों को समझ नहीं आया और जिनको समझ आया उन्होंने हो-हल्ला कर देश की जनता के इस महत्वपूर्ण निर्णय पर छाया करने की कोशिश की। लेकिन, मैं पिछले दो दिन से देख रहा हूं कि आखिर पराजय भी स्वीकार हो रही है और दबे मन से विजय भी स्वीकार हो रही है। मैं कांग्रेस के कुछ साथियों को दिल से धन्यवाद करना चाहता हूं। नतीजे आए तब से हमारे एक साथी की ओर से (हालांकि उनकी पार्टी उनका समर्थन नहीं कर रही थी) बार-बार ढोल पीटा गया कि यह एक तिहाई सरकार है। इससे बड़ा सत्य क्या हो सकता है कि हमारे 10 साल हुए हैं, 20 और बाकी हैं। एक तिहाई हुआ है, दो तिहाई और बाकी है और इसलिए उनकी इस भविष्यवाणी के लिए उनके मुंह में घी शक्कर।
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