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बिजनेस

रेलवे को प्रगति मैदान में चाहिए स्थायी पवेलियन

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नई दिल्ली, 6 जनवरी (आईएएनएस)| रेलवे ने अपनी विरासत व भविष्य की योजनाओं को प्रदर्शित करने के मद्देनजर प्रगति मैदान में स्थायी जगह की मांग की है।

प्रगति मैदान का इन दिनों सौंदर्यीकरण चल रहा है और इस मशहूर परिसर को विश्वस्तरीय व अत्याधुनिक व एकीकृत प्रदशर्नी-सह-सम्मेलन केंद्र का स्वरूप दिया जा रहा है, जिसकी विस्तृत छत पर हेलीपैड भी होगा। यहां 500 कमरों का होटल और चार रंगशालाएं भी होंगी।

रेल मंत्रालय के एक अधिकारी ने नाम जाहिर न करने की शर्त पर आईएएनएस को बताया, रेलवे को प्रगति मैदान में करीब 1,800 वर्गमीटर की स्थायी जगह प्रदान करने की अनुमति के विषय में हम वाणिज्य मंत्रालय से बातचीत कर रहे हैं।

खास बात यह है कि प्रगति मैदान जिस जमीन पर बना है, वह मूल रूप से रेलवे की ही जमीन थी और वर्ष 1971 में इसका स्वामित्व तत्कालीन कार्य एवं आवास मंत्रालय को हस्तांतरित किया गया था। वर्तमान में इस मंत्रालय का नाम बदल कर शहरी मामलों का मंत्रालय कर दिया गया है। फिर यह जमीन नाममात्र एक रुपये सालाना के भुगतान पर इंडिया ट्रेड प्रमोशन ऑर्गेनाइजेशन (आईटीपीओ) को दे दी गई।

आईटीपीओ की योजना के अनुसार प्रगति मैदान परिसर का सौंदर्यीकरण कार्य 2019 तक पूरा हो सकता है, जिसके बाद यहां छतदार प्रदर्शनी की जगह 1,22,000 वर्गमीटर में होगी और प्रदर्शनी के खुला क्षेत्र तकरीबन 15 एकड़ में फैला होगा।

एकीकृत प्रदशर्नी-सह-सम्मेलन केंद्र परियोजना पर अनुमानित लागत 2,254 करोड़ रुपये आएगी। इसके अलावा यातायात के लिए व्यापक व्यवस्था पर अतिरिक्त 800 रुपये खर्च होंगे।

अधिकारी ने बताया, रेलवे की विरासत व भविष्य की योजनाओं को प्रदर्शित करने के लिए प्रगति मैदान में अंतर्राष्ट्रीय मानकों का स्थायी रेलवे पेवेलियल बनाने की जरूरत है।

रेलवे की योजना के मुताबिक, सुसज्जित व शानदार पवेलियन में पूरे साल विविध प्रोत्साहन कार्यक्रम करवाए जाएंगे और विभिन्न उत्पादों का प्रचार-प्रसार किया जाएगा।

रेलवे का प्रस्तावित पवेलियन सौंदर्यीकृत प्रगति मैदान की भव्यता के अनुकूल व रेलवे के भविष्य के परिवहन मॉडलों के अनुरूप होगा।

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बिजनेस

जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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