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मुख्य समाचार

लोकसभा अध्यक्ष ने संसद में गतिरोध पर सांसदों को पत्र लिखा

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नई दिल्ली, 10 जुलाई (आईएएनएस)| लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने सभी सांसदों को लिखे पत्र में संसद में लगातार उत्पन्न किए गए गतिरोध पर चिंता जताई और कहा कि राय और असहमति स्थापित मानदंडों के भीतर होनी चाहिए। मंगलवार को मीडिया में जारी पत्र में महाजन ने कहा कि 16वीं लोकसभा का कार्यकाल अपने अंतिम वर्ष में पहुंच गया है और अब केवल तीन सत्र ही बचे हैं।

मानूसन सत्र 18 जुलाई से शुरू होने वाला है।

उन्होंने कहा कि लोग सांसदों के प्रदर्शन को काफी उत्सुकता के साथ देखते हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि सदस्य संसदीय व्यवहार, अनुशासन और शिष्टाचार का प्रदर्शन करेंगे।

महाजन ने कहा कि क्या राजनीतिक पार्टियां सदन में अपने व्यवहार को यह कहकर सही ठहरा सकती हैं कि इससे पहले अन्य पार्टियों ने सदन की कार्यवाही में ऐसा ही व्यवधान उत्पन्न किया था।

उन्होंने कहा, अगर हम इस तर्क को स्वीकार कर लेते हैं तो गतिरोध का यह चक्र लगातार चलता रहेगा और यह प्रक्रिया कभी समाप्त नहीं होगी।

उन्होंने कहा कि कुछ सदस्य उनके स्थान के पास आ जाते हैं और नारे लगाते हैं, तख्तियां दिखाते हैं और कार्यवाही में व्यवधान उत्पन्न करते हैं, जिसकी वजह से सदन को बार-बार स्थगित करना पड़ता है।

उन्होंने कहा, आप सभी इस बात से सहमत होंगे कि चर्चा, बहस, राय और विचार में असहमति लोकतांत्रिक प्रणाली का एक अभिन्न अंग है। सकारात्मक विपक्ष और जीवंत बहस लोकतंत्र की जीवनरेखा है, लेकिन आप इससे भी सहमत होंगे कि बहस, राय और विचार भिन्नता स्थापित मानदंडों के भीतर जाहिर करना चाहिए और संसदीय मर्यादा और शिष्टाचार को स्वीकार करना चाहिए ताकि लोगों का लोकतंत्र और लोकतांत्रिक संस्थानों में विश्वास बना रहे।

विधानसभा अध्यक्ष ने कहा उनके हालिया विदेशी दौरे के दौरान, भारतीय प्रवासियों और अन्य विदेशी पदाधिकारियों ने भी सदन में लगातार गतिरोध पर चिंता और निराशा व्यक्त की थी।

उन्होंने कहा कि यह सदस्यों की सामूहिक जिम्मेदारी है कि संसद की पवित्रता और मर्यादा की सुरक्षा की जाए।

उन्होंने कहा, इसलिए, हमारे लिए आत्मविश्लेषण करने और यह निर्णय करने का समय आ गया है कि हमारे लोकतंत्र और संसद के लिए आदर्श छवि क्या होगा और आगे बढ़ने का रास्ता क्या होगा।

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नेशनल

केजरीवाल ने सदन में पूछा सवाल, क्या लॉरेंस बिश्नोई को बीजेपी की तरफ से संरक्षण प्राप्त है

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नई दिल्ली। दिल्ली में कानून-व्यवस्था की खराब स्थिति को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शक्रवार को केंद्र सरकार और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर निशाना साधा है। अरविंद केजरीवाल ने विधानसभा में कहा कि दिल्ली में बदहाल होती कानून-व्यवस्था पर अमित शाह चुप क्यों हैं?। केजरीवाल ने कहा कि लॉरेंस बिश्नोई कौन है। इसका जवाब बीजेपी को देना होगा। क्या लॉरेंस बिश्नोई को बीजेपी की तरफ से संरक्षण प्राप्त है। उसे जेल में कौन-कौन सी सुविधाएं मिल रही हैं। वह गुजरात की जेल में रहते हुए भी देश-विदेश में गैंग कैसे चला रहा है।

उन्होंने कहा कि दिल्ली में हमने स्कूल, अस्पताल, सड़कें और बिजली ठीक करने की जिम्मेदारी पूरी की है लेकिन केंद्र सरकार और गृह मंत्री अमित शाह से दिल्ली की कानून व्यवस्था संभाली नहीं जा रही है। दिल्ली में हत्याएं और बम ब्लास्ट हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि अभी-अभी मैं देख रहा था कि एक वकील कह रहे थे कि सड़क पर हाथ में मोबाइल फोन ले जाना मुश्किल है। आप मोबाइल फोन लो जाओगे, कोई ना कोई आपका मोबाइल छीन लेगा। दिल्ली में दुष्कर्म हो रहे हैं, मर्डर कर देते हैं। मैं यह एक अखबार लेकर आया हूं। दिल्ली की कानून व्यवस्था को लेकर इसमें जानकारी दी गई है।

उन्होंने कहा कि आपके पड़ोस में गैंगवार शुरू हो गए हैं। ये लॉरेंस बिश्नोई कौन है? कैसे वह जेल में बैठ कर गैंग चला रहा है। इसके बारे में अमित शाह को बताना पड़ेगा। बिश्नोई गैंग, भाऊ ग्रैंड, गोगी गैंग… ऐसे दर्जन भर गैंग दिल्ली के अंदर सक्रिय हैं। कोई बता रहा था कि इन्होंने अपने एरिया बांट रखे हैं।

दिल्ली में कानून व्यवस्था का यह हाल हो गया है कि आज हर कोई डरा हुआ है। लोगों को वसूली के फोन आ रहे हैं। महिलाओं का रेप कर हत्या की जा रही है। लॉरेंस बिश्नोई की गैंग ने आतंक मचा रखा है। एक बात समझ नहीं आ रही कि लॉरेंस बिश्नोई BJP शासित गुजरात की साबरमती जेल में बंद है तो वह जेल में रहकर अपनी गैंग कैसे चला रहा है?

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