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विजयवाड़ा के पास वॉलमार्ट स्टोर में लगी आग

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विजयवाड़ा

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विजयवाड़ाविजयवाड़ा| विजयवाड़ा के पास स्थित वॉलमार्ट के एक थोक स्टोर में शनिवार सुबह भयानक आग लग गई। पुलिस ने कहा कि निदमानुर में स्थित आधुनिक थोक स्टोर, बेस्ट प्राइस के बड़े हिस्से में आग लग गई, जिसके कारण संपत्ति का भारी नुकसान हुआ है। अधिकारियों ने कहा कि आग में हालांकि कोई हताहत नहीं हुआ है, और यह आग संभवत: शार्ट सर्किट के कारण लगी है।

वॉलमार्ट के एक प्रवक्ता ने कहा, “विजयवाड़ा स्थित हमारे ‘बेस्ट प्राइस’ स्टोर परिसर में आज (शनिवार) सुबह आग लग गई। राज्य अग्निशमन विभाग के अधिकारी तुरंत स्टोर पहुंचे और उन्होंने आग पर काबू कर लिया। हम संपत्ति के नुकसान का आकलन करने के साथ ही मामले की जांच भी कर रहे हैं। सौभाग्य वश इस दुर्घटना में कोई हताहत नहीं हुआ और हमारे सभी कर्मचारी सुरक्षित हैं।”

भारत में वॉलमार्ट इंडिया द्वारा संचालित 21 ‘बेस्ट प्राइस’ थोक स्टोरों में से यह एक है। प्रत्येक स्टोर 5,000 से अधिक सामान थोक दर पर नकद में उपलब्ध कराता है। प्रवक्ता ने कहा, “हमारे पास इस तरह के मुद्दों से निपटने के लिए एक मजबूत ‘बिजनेस कांटीन्यूटी प्लान’ (बीसीपी) है और हमारी बीसीपी टीम ने स्टोर को बहाल करने का काम तत्काल शुरू कर दिया है। हम यह सुनिश्चित करा रहे हैं कि हमारे सम्माननीय ग्राहकों की सेवा में कोई बाधा न आए, और इसके लिए पास में गंटूर स्थित हमारे बेस्ट प्राइस स्टोर के जरिए उन्हें सेवाएं जारी रखी जाएंगीं।”

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देवताल-माणापास लोक विरासतीय यात्रा-2024 सम्पन्न

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वरिष्ठ पत्रकार चन्द्रशेखर जोशी की रिपोर्ट

लोक विरासतीय देवताल- माणापास लोकयात्रा आज सम्पन्न हो गयी। 2015 से उत्तराखंड के पूर्व केबिनेट मंत्री स्व. मोहनसिंह रावत “गांववासी” द्वारा शुरू की गई इस यात्रा को प्रतिवर्ष आयोजित किया जा रहा है। शुक्रवार सुबह बदरीनाथ धाम से लोकयात्रा ने प्रस्थान किया। जय बदरीविशाल के जयघोष के साथ यात्रा बदरीधाम से 55 किमी दूर उच्च हिमालय स्थित माणापास-देवताल पहुंची।

देवताल में तीर्थयात्रियों ने पूजा-अर्चना की और अपने पितरों को भी पवित्र सरोवर का जल अर्पण किया। इस बार प्रशासन ने 54 लोगों को यात्रा पर जाने की अनुमति दी थी। आईटीबीपी और सेना के जवानों ने तीर्थ यात्रियों को रास्तेभर सुविधा दी और जलपान-भोजन का भी इंतज़ाम किया था।

देवताल चमोली गढवाल में देश की सबसे ऊंचाई की झील है। लगभग 18000 फ़ीट पर इसी पवित्र सरोवर से देवनदी सरस्वती का उद्गम है। माना जाता है कि देवताल में देवता स्नान करते हैं। 1962 से पूर्व भारत-तिब्बत व्यापार का यह प्रमुख रास्ता था। लेकिन 1962 के भारत-चीन युद्ध के बाद इसको बंद कर दिया गया था।

इस अवसर पर प्रोफे.सुभाष चंद्र थलेडी ने बताया कि देवताल-माणापास से कैलाश मानसरोवर के रास्ते को खोलने के लिए सरकार को विचार करना चाहिए, क्योंकि यह रास्ता नजदीक और सुगम है। साथ ही सीमा तक सड़क मार्ग से जुड़ा है। इससे तीर्थयात्रियों को सुविधा होगी। इसी के साथ देवताल जाने के लिए भी स्थानीय तीर्थ यात्रियों को सुगमता से जाने-आने की सुविधा भी दी जानी चाहिए।

देवताल में पूर्व मंत्री स्व.मोहनसिंह रावत के नेतृत्व में बने हनुमान मंदिर में। भी पूजा अर्चना की गई। “गांववासी अमर रहे’ के नारों से देवताल गूंज उठा।

पंडित भास्कर डिमरी के संयोजन में इस यात्रा का आयोजन किया गया। यात्रा में बी.डी. सिंह, प्रोफे. (डॉ.) सुभाष चंद्र थलेडी, डॉ. श्रीनंद उनियाल, पंकज डिमरी, अभिषेक भंडारी, दीपा रौथाण, संजीव रौथाण, डॉ. ज्योति शर्मा, डॉ. चेतना पुरोहित, सिद्धार्थ उनियाल, पंकज हटवाल आदि समेत लगभग चार दर्जन यात्री शामिल हुए।

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