बिजनेस
विनिर्माण क्षेत्र में वेतन सबसे कम : रपट
नई दिल्ली, 18 जुलाई (आईएएनएस)| सरकार द्वारा देश को विनिर्माण का हब बनाने की लगातार कोशिशों के बाद भी वेतन में सर्वाधिक 16 फीसदी की गिरावट इस क्षेत्र में आई है और यह साल 2014 के 251.9 रुपये प्रति घंटा, साल 2015 के 252.1 रुपये प्रति घंटा तथा साल 2016 में 211.7 रुपये प्रति घंटा रही। यह जानकारी मंगलवार को एक रपट में सामने आई है। साल 2016 की मोंसटर सैलरी सूचकांक (एमएसआई) रपट में कहा गया है, जिस दर से इस क्षेत्र में वेतन गिर रहा है, उसके अनुसार नई प्रतिभा को इस क्षेत्र में लाना मुश्किल होगा।
इस रपट में बताया गया है कि भारत में विनिर्माण क्षेत्र का वेतन सबसे कम है और यह औसतन 211.7 रुपये प्रति घंटा है।
विभिन्न मानकों का विश्लेषण करते हुए इस रपट में बताया गया है विनिर्माण क्षेत्र में माध्यमिक शिक्षा प्राप्त कर्मी का वेतन 101.4 रुपये प्रति घंटा है, जो कि परास्नातक के 270.8 रुपये प्रति घंटा वेतन की तुलना में 62.6 फीसदी कम है।
इस क्षेत्र में पुरुष कर्मचारी औसतन 256.6 रुपये प्रति घंटा कमाते हैं और महिला कर्मचारी 179.8 रुपये प्रति घंटा कमाती हैं। इस क्षेत्र में वेतन में लिंगभेद 29.9 फीसदी है।
इस रपट में विभिन्न क्षेत्रों को शामिल किया गया है, जिसमें सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी), बैंकिंग, वित्तीय सेवाएं, बीमा, उत्पादन, व्यापार गतिविधियां, स्वास्थ्य सेवाएं, देखभाल सेवाएं, लॉजिस्टिक्स, सामाजिक काम, परिवहन, संचार, निर्माण और तकनीकी परामर्श जैसे क्षेत्र शामिल हैं।
सबसे ज्यादा रोजगार मुहैया कराने वाले क्षेत्रों में सबसे ज्यादा औसत वेतन देने वाला क्षेत्र बैंकिंग, वित्तीय सेवाएं और बीमा (बीएफएसआई) है। इन क्षेत्रों में साल 2016 में औसत वेतन प्रति घंटा 433 रुपये रहा, जबकि आईटी में 386.8 रुपये और स्वास्थ्य सेवाएं, देखभाल सेवाएं और सामाजिक काम के क्षेत्र में यह 242.5 रुपये प्रति घंटा रहा।
साल 2016 में शिक्षा के क्षेत्र में प्रति घंटा औसत वेतन 204.1 रुपये रहा।
मोंस्टर डॉट कॉम (भारत, मध्य पूर्व, दक्षिण पूर्व एशिया, हांग कांग) के प्रबंध निदेशक संजय मोदी ने कहा, भारत में विनिर्माण क्षेत्र का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में योगदान 16 फीसदी है। देश की अर्थव्यवस्था के लिए इतना महत्वपूर्ण क्षेत्र होते हुए भी इस क्षेत्र में सबसे कम वेतन दिया जाता है, जोकि औसतन 211.7 रुपये प्रति घंटा है।
प्रादेशिक
एस्सार ग्रुप के सह-संस्थापक शशि रुइया का 80 साल की उम्र में निधन
मुंबई। एस्सार ग्रुप के सह-संस्थापक शशि रुइया का 80 साल की उम्र में निधन हो गया है। रुइया के पार्थिव शरीर को प्रार्थना और श्रद्धांजलि के लिए वालकेश्वर के बाणगंगा में रखा जाएगा। अंतिम संस्कार यात्रा रुइया हाउस से शाम 4 बजे हिंदू वर्ली श्मशान के लिए निकलेगी।
शशि रुइया ने अपने भाई रवि रुइया के साथ मिलकर एस्सार की स्थापना की थी। वह करीब एक महीने पहले अमेरिका से इलाज करा लौटे थे। मंगलवार को दोपहर 1 बजे से 3 बजे तक उनका पार्थिव शरीर रुइया हाउस में अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा। शाम चार बजे रुइया हाउस से शवयात्रा हिंदू वर्ली श्मशान घाट के लिए रवाना होगी।
उद्योगपति शशि रुइया ने अपने पिता नंद किशोर रुइया के मार्गदर्शन में 1965 में अपने व्यावसायिक दुनिया में कदम रखा। उन्होंने अपने भाई रवि के साथ मिलकर 1969 में चेन्नई बंदरगाह पर एक बाहरी ब्रेकवाटर का निर्माण कर एस्सार की नींव रखी। इसके बाद एस्सार ग्रुप ने इस्पात, तेल रिफाइनरी, अन्वेषण और उत्पादन, दूरसंचार, बिजली और निर्माण सहित विभिन्न क्षेत्रों में विस्तार किया।
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