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मुख्य समाचार

विश्व बैडमिंटन चैम्पियनशिप : सिंधु फिर चूकीं, मारिन तीसरी बार चैम्पियन (राउंडअप)

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नानजिंग (चीन), 5 अगस्त (आईएएनएस)| भारत की अग्रणी महिला बैडमिंटन खिलाड़ी पी.वी.सिंधु अपनी अनचाही गलतियों के कारण एक बार फिर विश्व बैडमिंटन चैम्पियनशिप में इतिहास रचने से चूक गईं और उन्हें दूसरी बार रजत से ही संतोष करना पड़ा। रविवार को खेले गए महिला एकल वर्ग के फाइनल में स्पेन की कैरोलीना मारिन ने वर्ल्ड नम्बर-3 सिंधु को मात देकर तीसरी बार विश्व चैम्पियनशिप का स्वर्ण जीता।

इस जीत के साथ मारिन तीन बार विश्व चैम्पियनशिप का खिताब जीतने वाली पहली महिला बैडमिंटन खिलाड़ी बन गई हैं। उन्होंने इससे पहले, 2014 और 2015 में इस टूर्नामेंट के स्वर्ण पदक पर अपना कब्जा जमाया था।

वर्ल्ड नम्बर-8 मारिन ने सिंधु को 45 मिनटों तक खेले इस खिताबी मुकाबले में सीधे गेमों में 21-19, 21-10 से मात दी।

पहले गेम में मारिन ने अच्छी शुरुआत की, लेकिन सिंधु ने भी अपने रणनीतिक खेल के साथ मारिन के खिलाफ 3-3 से बराबरी की। इसके बाद भारतीय खिलाड़ी ने स्पेनिश खिलाड़ी के खिलाफ अंक बटोरने शुरू किए और उसे 15-11 से पीछे कर दिया।

अपने खेल में तेजी लाते हुए मारिन ने खेल में वापसी की और सिंधु की गलतियों का फायदा उठाते हुए स्कोर 18-18 से बराबर कर लिया। यहां सिंधु ने एक अंक हासिल किया और मारिन के खिलाफ स्कोर 19-20 किया लेकिन दो बार विश्व बैडमिटन चैम्पियनशिप का स्वर्ण पदक जीत चुकी मारिन ने एक अंक हासिल किया और पहले गेम में सिधु को 21-19 से हरा दिया।

दूसरे गेम में सिंधु को वापसी का मौका न देते हुए और मैच पर अपना दबदबा बनाते हुए मारिन ने अंक बटोरने शुरू किए और सिंधु को 11-2 से पीछे किया।

मारिन ने सिंधु की हर गलती का फायदा उठाया और उनके खिलाफ अंक बटोरते हुए उन्हें दूसरे गेम में 21-19 से मात देकर खिताबी जीत हासिल की।

सिंधु को इससे पहले भी मारिन के खिलाफ रियो ओलम्पिक के खिताबी मुकाबले में मारिन से हार का सामना करना पड़ा था। वह उस मुकाबले में भी स्वर्णिम इतिहास रचने से चूक गईं। सिंधु ने पिछले साल रजत पदक जीता था। उन्हें फाइनल में जापान की नोजोमी ओकुहारा ने मात दी थी। उन्होंने इसके अलावा, 2013 और 2014 में कांस्य पदक भी जीता है।

मारिन और सिंधु के बीच अब कुल 12 मुकाबले खेले जा चुके हैं। ऐसे में सात मैचों में स्पेनिश खिलाड़ी ने जीत हासिल की है। 2014 में हुए विश्व चैम्पियनशिप के सेमीफाइनल में भी मारिन ने सिंधु को मात दी थी।

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नेशनल

क्या रद्द होगी राहुल गांधी की भारतीय नागरिकता ?

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नई दिल्ली। राहुल गांधी के पास ब्रिटेन की भी नागरिकता है और इसलिए उनकी भारतीय नागरिकता रद्द कर दी जानी चाहिए.’ एस विग्नेश शिशिर ने यह दावा करते हुए एक जनहित याचिका दायर की है, जिस पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को फैसला करने का निर्देश दिया. इस दौरान केंद्र सरकार की तरफ से पेश डिप्टी सॉलिसिटर जनरल ने कहा, ‘याचिकाकर्ता की तरफ से कुछ दस्तावेज गृह मंत्रालय को मिले हैं और वह इस पर विचार कर रहा है कि राहुल गांधी की नागरिकता रद्द की जानी चाहिए या नहीं.’

जस्टिस एआर मसूदी और सुभाष विद्यार्थी की डिविजन बेंच ने अपर सॉलिसिटर जनरल एसबी पांडेय को निर्देश दिया कि वो तीन हफ्ते के अंदर इस बारे में गृह मंत्रालय से निर्देश प्राप्त करें और अगली तारीख पर इसका जवाब पेश करें. इस मामले की सुनवाई अब 19 दिसबंर को रखी गई है.

मामले की पूरी जानकारी

राहुल गांधी की नागरिकता से जुड़ा विवाद तब शुरू हुआ जब लखनऊ हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई, जिसमें आरोप लगाया गया कि राहुल गांधी के पास ब्रिटिश नागरिकता है। याचिकाकर्ता एस विग्नेश शिशिर ने दावा किया कि उन्होंने गहन जांच के बाद यह निष्कर्ष निकाला है कि राहुल गांधी के पास यूके की नागरिकता है। शिशिर ने यह भी कहा कि उनके पास कुछ गोपनीय जानकारी है, जिससे यह साबित होता है कि राहुल गांधी का विदेशी नागरिकता प्राप्त करना कानून के तहत भारतीय नागरिकता को रद्द करने का कारण हो सकता है।

पहले इस मामले में शिशिर की याचिका को जुलाई 2024 में खारिज कर दिया गया था, लेकिन इसके बाद शिशिर ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के पास शिकायत की थी, जिसमें कोई एक्शन नहीं लिया गया। फिर से इस मामले को अदालत में लाया गया और अब गृह मंत्रालय से राहुल गांधी की नागरिकता पर स्पष्टीकरण मांगा गया है।

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