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बिजनेस

शेयर बाजार : व्यापक आर्थिक आंकड़े, भूराजनैतिक तनाव पर नजर

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नई दिल्ली, 13 अगस्त (आईएएनएस)| अगले सप्ताह शेयर बाजारों में निवेशकों की नजर व्यापक आर्थिक आंकड़ों, उत्तर कोरिया और अमेरिका के बीच तथा भारत और चीन के बीच जारी भूराजनैतिक तनाव, कंपनियों के तिमाही नतीजों, मॉनसून के रुख, वैश्विक बाजारों के रुझान, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (एफपीआई) और घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) के रुख, डॉलर के मुकाबले रुपये की चाल और कच्चे तेल की कीमतों पर रहेगी। मंगलवार को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर बजार बंद रहेंगे। अगले सप्ताह जिन प्रमुख कंपनियों के नतीजे घोषित किए जाएंगे, उनमें अडाणी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकॉनमिक जोन की चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही के नतीजे शनिवार को घोषित किए जाएंगे। कोल इंडिया, ग्रासिम इंडस्ट्रीज और टाटा पॉवर कंपनी की वित्त वर्ष 2017-18 की पहली तिमाही के नतीजे सोमवार को आएंगे।

भारतीय मौसम विभाग ने कहा कि मॉनसून के दौरान देश में 9 अगस्त तक बारिश सामान्य से 3 फीसदी कम हुई है।

शुक्रवार को सरकार ने औद्योगिक उत्पादन आंकड़ों की घोषणा की, महीने दर महीने आधार पर जून में आईआईपी वृद्धि दर 1.7 फीसदी से घटकर -0.1 फीसदी रही है। महीने दर महीने आधार पर जून में विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि दर 1.2 फीसदी से घटकर -0.4 फीसदी रही है। वही खनन क्षेत्र की वृद्धि दर में भी गिरावट हुई है और यह मई के -0.9 फीसदी के मुकाबले 0.4 फीसदी हो गई है। हालांकि महीने दर महीने आधार पर जून में विद्युत क्षेत्र की वृद्धि दर 8.7 फीसदी से घटकर 2.1 फीसदी रही है। सोमवार को जब बाजार खुलेंगे तो इन नकारात्मक नतीजों का बाजार की चाल पर असर दिखाई देगा।

सरकार मुद्रास्फीति पर आधारित जुलाई के थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) के आंकड़े सोमवार को जारी करेगी। इस साल जून में डब्ल्यूपीआई 0.9 फीसदी थी, जबकि मई में यह 2.17 फीसदी थी। वहीं, सोमवार को ही सरकार मुद्रास्फीति के आंकडो़ं पर आधारित जुलाई के उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) की घोषणा करेगी। जून में सीपीआई की दर 1.54 फीसदी थी, जबकि मई में यह 2.18 फीसदी थी।

वैश्विक मोर्चे पर अमेरिका और उत्तर कोरिया के बीच तनातनी जारी है और दोनों देशों के बीच युद्ध की आशंका के बीच वैश्विक शेयर बाजारों में गिरावट दर्ज की गई है। अगले हफ्ते भारतीय बाजार पर भी इनका असर होगा। वहीं, घरेलू मोर्चे पर भूटान के डोकलांग में भारत और चीन की सेनाओं के बीच तनाव जारी है। हालांकि भारत की तरफ से बार-बारे मुद्दे को कूटनीतिक समाधान के जरिए सुलझाने की बात कही जा रही है, लेकिन अनिश्चितता बरकरार है। किसी ‘अनहोनी’ की दशा में बाजार पर इसका गहरा असर होगा।

व्यापक आर्थिक आंकड़ों में अमेरिकी खुदरा बिक्री के जुलाई के आंकड़े मंगलवार को जारी किए जाएंगे। फेडरल ओपन मार्केट कमिटी 26 जुलाई को हुई अपनी पिछली बैठक मिनट्स बुधवार को जारी करेगी। जैसा की उम्मीद थी फेड रिजर्व ने अपनी मौद्रिक नीति में कोई बदलाव नहीं किया है और 26 जुलाई को की गई घोषणा में ब्याज दरों को यथावत रखा है।

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बिजनेस

जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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