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श्यामराव ने 5 साल पहले ही बना ली थी नाली के पानी से रसोई गैस

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रायपुर, 17 अगस्त (आईएएनएस/वीएनएस)। देश में इन दिनों कचरे और नाले के गंदे पानी से रसोई गैस बनाने को लेकर बवाल मचा हुआ है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जहां अपने भाषण में कचरे और नाली के गंदे पानी से रसोई गैस बनाने का जिक्र किया तो विपक्ष उनके इस बयान का मजाक बनाने पर उतारू हो गया, लेकिन राजधानी रायपुर के एक सामान्य मेकेनिकल कॉन्ट्रेक्टर श्यामराव शिर्के ने 5 साल पहले ही गंदे नाली के पानी से रसोई गैस बनाकर इतिहास रचा था। प्रधानमंत्री मोदी ने इस आम आदमी की तारीफ भी अपने भाषण में की है।

राजधानी रायपुर के तंग से मोहल्ले चंगोरा भाटा में वीएनएस संवाददाता जब श्यामराव शिर्के के घर पहुंचा तो वे अपनी रसोई में चाय बनाते मिले। पेशे से मेकेनिकल कॉन्ट्रेक्टर श्यामराव कोई छोटी हस्ती नहीं हैं, बल्कि ये 11वीं तक पढ़े एक ऐसे वैज्ञानिक हैं, जिन्होंने नाले के गंदे पानी से रसोई गैस बनाकर एक अनोखा अविष्कार किया है।

इस अनोखे आविष्कार के चलते इन दिनों उनका नाम देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जुबान पर चढ़ा हुआ है। इतना ही नहीं, इन्हें तो इसके लिए पीएमओ से बाकायदा रिसर्च को आगे बढ़ाने के लिए प्रोत्साहन फोन भी किया गया है।

श्यामराव बताते हैं कि 5 साल पहले उन्होंने नालों से बहते हुए गंदे पानी को देखा तो उस पानी से उन्हें बुलबुले निकलते दिखाई दिए। तभी श्यामराव को लगा कि नाले के इस गंदे पानी में कोई गैस जरूर है और जब उन्होंने और अधिक रिसर्च की तो उन्हें इस गैस से रसोई गैस बनाने का आइडिया आया। इसके बाद उन्होंने नाले के गंदे पानी से रसोई गैस बनाकर उससे करीब 6 महीने तक 20 लोगों का रोजाना चाय-नाश्ता और खाना भी बनाया है।

श्यामराव बताते हैं कि गैस जमा करने का जुगाड़ू उपकरण बनाने के लिए उन्होंने पानी के तीन कंटेनरों को आपस में जोड़कर उसमें एक वॉल्व लगा दिया और ये तीनों कंटेनर के नीचे उन्होंने जाली लगा दी, ताकि नाले से बहनेवाला कचरा ड्रम में ना आए और फिर उन्होंने इस कंटेनर को नाले से बहते हुए पानी के ऊपर रख दिया। फिर उसे पाइप के जरिये गैस चूल्हे से जोड़ दिया, बस क्या था कंटेनरों में गैस जमा हुई और गैस चूल्हा जलने लगा।

श्यामराव बताते हैं कि उन्होंने इस उपकरण को अपने मित्र भारती बंधु के घर पर लगा दिया और वहां इस गैस से रोजाना 15-20 लोगों का चाय-नाश्ता और खाना बनने लगा। उनके इस आविष्कार को देखकर छत्तीसगढ़ काउंसिल ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी के वैज्ञानिकों ने उनको इस प्रोजेक्ट को बड़े पैमाने पर तैयार करने के लिए मदद की और उनके आविष्कार का पेटेंट भी करवाया।

उन्होंने कहा, ये उपकरण मैंने अपने मित्र के घर लगवाया। उससे 20 लोगों का रोजाना चाय-नाश्ता और खाना बनने लगा। 6 महीने तक ये इसी तरह रहा, लेकिन बाद में नगर निगम ने इस उपकरण को बिना किसी सूचना के नाले से हटा दिया।

श्यामराव ने बताया कि हाल ही में पीएमओ से उन्हें फोन आया और उन्होंने बधाई देते हुए आगे रिसर्च बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित किया गया। वे बताते हैं कि 18 से 20 हजार में एक ऐसा स्थायी उपकरण बनाया जा सकता है, जिससे रोजाना 20 लोगों का खाना बनाया जा सके और इसका सालों तक कोई मेंटेनेंस खर्च भी नहीं होगा।

श्यामराव कहते हैं, अभी तक मैं मुफलिसी की जिंदगी जी रहा था, लेकिन अब मोदीजी से निवेदन करता हूं कि वो मुझे मदद करें, मैं उनकी विचारधारा से एक कदम आगे बढ़कर काम करूंगा।

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पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला, 38 लोगों की मौत

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पख्तूनख्वा। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला हुआ है। इस हमले में 38 लोगों की मौत हो गई है। यह हमला खैबर पख्तूनख्वा के डाउन कुर्रम इलाके में एक पैसेंजर वैन पर हुआ है। हमले में एक पुलिस अधिकारी और महिलाओं समेत दर्जनों लोग घायल भी हुए हैं। जानकारी के मुताबिक उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में आतंकियों ने शिया मुस्लिम नागरिकों को ले जा रहे यात्री वाहनों पर गोलीबारी की है। यह क्षेत्र में हाल के वर्षों में इस तरह का सबसे घातक हमला है। मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।

AFP की रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में 38 लोगों की मौत हुई है. पैसेंजर वैन जैसे ही लोअर कुर्रम के ओचुट काली और मंदुरी के पास से गुजरी, वहां पहले से घात लगाकर बैठे आतंकियों ने वैन पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. पैसेंजर वैन पाराचिनार से पेशावर जा रही थी। पाकिस्तान की समाचार एजेंसी डॉन के मुताबिक तहसील मुख्यालय अस्पताल अलीजई के अधिकारी डॉ. ग़यूर हुसैन ने हमले की पुष्टि की है.

शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच तनाव 

अफगानिस्तान की सीमा से लगे कबायली इलाके में भूमि विवाद को लेकर शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच दशकों से तनाव बना हुआ है। किसी भी समूह ने घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है। जानकारी के मुताबिक “यात्री वाहनों के दो काफिले थे, एक पेशावर से पाराचिनार और दूसरा पाराचिनार से पेशावर यात्रियों को ले जा रहा था, तभी हथियारबंद लोगों ने उन पर गोलीबारी की।” चौधरी ने बताया कि उनके रिश्तेदार काफिले में पेशावर से यात्रा कर रहे थे।

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