Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

मुख्य समाचार

सुरक्षा परिषद में इजरायल के बचाव में अलग-थलग पड़ा अमेरिका

Published

on

Loading

संयुक्त राष्ट्र, 2 जून (आईएएनएस)| संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में फिलीस्तीन पर दो प्रस्तावों पर वोटिंग के दौरान इजरायल के बचाव में अमेरिका पूरी तरह से अलग-थलग पड़ गया।

इनमें से एक प्रस्ताव कुवैत ने पेश किया जबकि अमेरिका ने उसके विरोध में प्रस्ताव पटल पर रखा।

सुरक्षा परिषद में इन दोनों प्रस्तावों पर वोटिंग हुई। इस दौरान अमेरिका के निकटतम सहयोगियों ने भी अमेरिका का साथ छोड़ दिया जबकि संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की स्थायी प्रतिनिधि निकी हेली ने कुवैत की ओर से पेश प्रस्ताव पर वीटो कर दिया और उसके विरोध में एक प्रस्ताव पेश किया, जिसे सिर्फ एक ही वोट मिला।

इस दौरान सुरक्षा परिषद में हमास का मुद्दा छाया रहा। निकी ने कहा कि गाजा में हिंसा के लिए हमास की निदा की जानी चाहिए।

कुवैत के मसौदा प्रस्ताव में पिछले महीने गाजा सीमा के पास फिलीस्तीनी प्रदर्शनकारियों पर इजरायली सेना द्वारा बलप्रयोग की निदा करने की मांग की गई।

इस प्रस्ताव के पक्ष में 10 वोट पड़े जबकि अमेरिका ने इसके विरोध में वीटो कर दिया। वहीं, इथियोपिया, नीदरलैंड्स, पोलैंड और ब्रिटेन वोटिंग से दूर रहे।

हेली ने गाजा में संघर्ष के लिए ‘आतंकवादी संगठन हमास’ को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि यह प्रस्ताव एकतरफा है क्योंकि इसमें सिर्फ इजरायल को जिम्मेदार ठहराया गया है।

हेली ने कुवैत के प्रस्ताव के विरोध में प्रस्ताव पेश किया, जिसमें हमास का आतंकवादी संगठन के तौर पर उल्लेख किया गया और गाजा में फिलीस्तीनी सेना द्वारा इजरायल की ओर अंधाधुंध रॉकेट दागे जाने की निंदा की गई।

अमेरिका के इस प्रस्ताव के पक्ष में सिर्फ खुद उन्होंने ही वोट दिया जबकि कुवैत, रूस और बोलीविया ने इसके विरोध में वोट किया और बाकी 11 देश इससे दूर रहे।

हेली ने कहा, यह अब स्पष्ट है कि संयुक्त राष्ट्र इजरायल को लेकर पक्षपाती है। अमेरिका इस तरह के पक्षपात की अनुमति नहीं देगा।

संयुक्त राष्ट्र में कुवैत के स्थाई प्रतिनिधि मंसूर अय्यद अलोतैबी ने इस प्रस्ताव को पेश करने से पहले परिषद के सदस्यों के साथ कई दिनों तक चर्चा की थी।

हालांकि, वह इस प्रस्ताव को लेकर पर्याप्त समर्थन बटोरने में कामयाब रहे थे लेकिन वह अमेरिका को इस पर वीटो करने से नहीं रोक सके।

इसके विपरीत हेली ने अमेरिकी प्रस्ताव पेश करने से पहले सुरक्षा परिषद के सदस्य देशों से चर्चा नहीं की थी।

परिषद में फ्रांस के स्थाई प्रतिनिधि फ्रांसिस डेलाट्रे ने कहा कि अमेरिकी प्रस्ताव बिना किसी चर्चा के पेश हुआ और इसमें फिलीस्तीन संघर्ष को लेकर संतुलित रुख नहीं झलकता।

Continue Reading

मुख्य समाचार

पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला, 38 लोगों की मौत

Published

on

Loading

पख्तूनख्वा। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला हुआ है। इस हमले में 38 लोगों की मौत हो गई है। यह हमला खैबर पख्तूनख्वा के डाउन कुर्रम इलाके में एक पैसेंजर वैन पर हुआ है। हमले में एक पुलिस अधिकारी और महिलाओं समेत दर्जनों लोग घायल भी हुए हैं। जानकारी के मुताबिक उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में आतंकियों ने शिया मुस्लिम नागरिकों को ले जा रहे यात्री वाहनों पर गोलीबारी की है। यह क्षेत्र में हाल के वर्षों में इस तरह का सबसे घातक हमला है। मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।

AFP की रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में 38 लोगों की मौत हुई है. पैसेंजर वैन जैसे ही लोअर कुर्रम के ओचुट काली और मंदुरी के पास से गुजरी, वहां पहले से घात लगाकर बैठे आतंकियों ने वैन पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. पैसेंजर वैन पाराचिनार से पेशावर जा रही थी। पाकिस्तान की समाचार एजेंसी डॉन के मुताबिक तहसील मुख्यालय अस्पताल अलीजई के अधिकारी डॉ. ग़यूर हुसैन ने हमले की पुष्टि की है.

शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच तनाव 

अफगानिस्तान की सीमा से लगे कबायली इलाके में भूमि विवाद को लेकर शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच दशकों से तनाव बना हुआ है। किसी भी समूह ने घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है। जानकारी के मुताबिक “यात्री वाहनों के दो काफिले थे, एक पेशावर से पाराचिनार और दूसरा पाराचिनार से पेशावर यात्रियों को ले जा रहा था, तभी हथियारबंद लोगों ने उन पर गोलीबारी की।” चौधरी ने बताया कि उनके रिश्तेदार काफिले में पेशावर से यात्रा कर रहे थे।

Continue Reading

Trending