अन्तर्राष्ट्रीय
हिंसक झड़पों के बाद पाकिस्तान के कानून मंत्री का इस्तीफा
इस्लामाबाद, 27 नवंबर (आईएएनएस)| पाकिस्तान के कानून मंत्री जाहिद हामिद ने पुलिस और धार्मिक समूहों के प्रदर्शनकारियों के बीच झड़पों के बाद सोमवार को पद से इस्तीफा दे दिया। प्रदर्शनकारी संगठनों ने अब अपने आंदोलन को वापस ले लिया है। देश में संसदीय कानून में प्रस्तावित बदलाव को लेकर प्रदर्शन हो रहे थे। इस बदलाव को ईशनिंदा से जोड़कर देखा जा रहा था।
डॉन न्यूज के मुताबिक, विभिन्न धार्मिक समूहों के नेताओं ने हामिद के इस्तीफे सहित सरकार द्वारा उनकी मांगों को स्वीकार किए जाने के बाद विरोध प्रदर्शन वापस ले लिया है। इन प्रदर्शनों से छह नवंबर से देश के कई शहरों में जनजीवन बाधित रहा था।
हामिद का यह इस्तीफा शनिवार को प्रदर्शनकारियों पर पुलिस कार्रवाई और रविवार रात को सरकार और प्रदर्शनकारियों के बीच ‘सफल वार्ता’ के बाद आया है।
इस अभियान के दौरान छह लोगों की मौत हो गई जबकि कई घायल हो गए।
तहरीक-ए-लब्बैक या रसूल अल्लाह (टीएलवाई) के नेता खादिम हुसैन रिजवी ने संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए देशभर के अपने अनुयायियों को प्रदर्शन खत्म कर घर जाने को कहा है।
उन्होंने सोमवार को बुलाई गई हड़ताल को भी वापस लेने का ऐलान किया और दुकानों और प्रतिष्ठानों को खोलने की अपील की।
उन्होंने कहा कि प्रदर्शनकारी प्रदर्शन स्थल से 12 घंटों के भीतर चले जाएंगे।
डॉन न्यूज के मुताबिक, प्रधानमंत्री शाहिद खाकान अब्बासी ने हामिद के इस्तीफे को स्वीकार कर लिया है और इस संदर्भ में मंत्रिमंडल प्रभाग की ओर से जल्द ही अधिसूचना जारी की जाएगी।
हामिद ने रविवार रात कहा, मैंने इस्तीफा देने का फैसला किया है।
प्रदर्शनकारी टीएलवाई, तहरीक-ए-खत्म-ए-नबूवत और सुन्नी तहरीक पाकिस्तान (एसटी) समूहों से थे।
ये लोग चुनाव अधिनियम 2017 में खत्म-ए-नबूवत शपथ के संशोधन में शामिल लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग कर रहे थे, जिसे बाद में नेशनल असेंबली ने ‘लेखन त्रुटि’ बताया था।
सरकार ने बाद में इस संशोधन को वापस ले लिया था।
अन्तर्राष्ट्रीय
इच्छामृत्यु को कानूनी दर्जा देने के लिए ब्रिटिश संसद में बिल पास, पूरी तरह समझे कानून
ब्रिटेन। इच्छामृत्यु को लेकर कई देशों में वाद-विवाद है, भारत में इच्छामृत्यु संबंधी कानून सक्रिय और निष्क्रिय इच्छामृत्यु के बीच अंतर करता है। देश में (India) घातक यौगिकों के प्रशासन सहित सक्रिय इच्छामृत्यु के रूप अभी भी अवैध हैं। लेकिन एक वक्त पर भारत पर राज करने वाले ब्रिटेन (Britain) ने इच्छामृत्यु को कानूनी दर्जा देने के लिए ब्रिटिश संसद में बिल पास कर दिया है। ब्रिटेन का ये विधेयक गंभीर रूप से बीमार लोगों, जिनकी जीवन प्रत्याशा 6 महीने से कम है, वे अपनी इच्छा से खुद का जीवन खत्म कर सकते हैं। ये पूरी तरह से कानूनी होगा।
क्या होगा कानून
इस विधेयक के मुताबिक इसे लागू करने के लिए दो स्वतंत्र डॉक्टर्स और एक हाईकोर्ट के जज की सहमति भी जरूरी होगी। हालांकि मरीज को इच्छामृत्यु के इस फैसले के लिए मानसिक रूप से पहले सक्षम माना जाना चाहिए और ये सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि वो किसी दबाव में तो नहीं। इसके अलावा मरीज को 2 बार अपनी मरने की इच्छा भी जतानी होगी। जिसके बीच कम से कम 7 दिनों का अंतर होना चाहिए।
विधेयक पर तीखी बहस
ब्रिटेन की संसद में इस बिधेयक को लेकर तो बहस हुई ही साथ ही अब जनता भी दो धड़ों में बंटी हुई दिखाई दे रही है। संसद में इस बिल के समर्थकों ने इसे मरीज का दर्द खत्म करने और गरिमा के साथ मौते देने का विकल्प बताया तो विरोधी पक्ष ने इसे कमजोर और बीमार लोगों के लिए जोखिम भरा बताया और इसके दुरुपयोग की संभावना जताई। बता दें कि ये विधेयक भले ही संसद से पास हो गया हो लेकिन इसे कानून बनने के लिए और भी समीक्षा प्रक्रियाओं से गुजरना होगा। इसके बाद ही कानून का रूप ले पाएगा। अब विपक्ष समेत आधी जनता के विरोध को देखते हुए जानकारों का मानना है कि शायद ही ये विधेयक इतनी आसानी से कानून का रूप ले पाएगा।
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