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बिजनेस

हिमाचल में 4 सालों में 167 पनबिजली परियोजनाएं मंजूर

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शिमला, 3 सितम्बर (आईएएनएस)| हिमाचल प्रदेश ने लगभग 27,000 मेगावाट संभावित विद्युत उत्पादन क्षमता के साथ चार साल में 167 पनबिजली परियोजनाओं को मंजूरी दी है।

राज्य सरकार ने रविवार को एक बयान में कहा कि इस अवधि के दौरान 2,067 मेगावाट क्षमता वाली 31 परियोजनाएं शुरू की गईं, जिसमें 800 मेगावाट की कोल डैम, 412 मेगावाट की रामपुर, 130 मेगावाट की काशांग और 520 मेगावाट की परबती परियोजनाओं सहित अन्य परियोजनाएं शामिल हैं।

हिमाचल में 27,000 मेगावाट बिजली उत्पादन क्षमता में से अभी तक केवल 10,400 मेगावाट का ही उत्पादन किया जा सका है।

हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड लिमिटेड ने 300 मेगावाट क्षमता वाली करीब 22 परियोजनाओं का क्रियान्वयन शुरू कर दिया है।

18 मेगावाट की परियोजना को कुल्लू जिले के रैसान में प्रारंभिक आधार पर क्रियान्वित किया जाएगा, जिसके लिए विश्व बैंक वित्तीय मदद देगा।

पनबिजली परियोजनाओं में सुरक्षा और गुणवत्ता नियंत्रण सुनिश्चित करने के लिए राज्य ने ऊर्जा निदेशालय के तहत एक सुरक्षा और गुणवत्ता नियंत्रण प्राधिकरण बनाया है।

इसके साथ ही बांध सुरक्षा और संचालन प्रक्रियाओं के लिए अनिवार्य प्रक्रियागत दिशानिर्देशों को लागू किया गया है।

सरकार ने कहा कि दुर्घटनाओं से बचने के लिए चालू परियोजनाओं के अनिवार्य निरीक्षण सुनिश्चित किया गया है और बाढ़ सुरक्षा उपाय लागू किए गए हैं।

परियोजनाओं की प्रगति की निगरानी के लिए और परियोजना के निर्माणकर्ता द्वारा प्राप्त सफलताओं के आंकलन के लिए एक निगरानी इकाई भी स्थापित की गई है।

पनबिजली क्षेत्र के धीमे प्रदर्शन की बात स्वीकारते हुए मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने इसके लिए सरकार की नीति को बदलने की आवश्यकता पर जोर दिया।

मुख्यमंत्री ने यह बात एक सितंबर को हिमाचल प्रदेश जलविद्युत निगम लिमिटेड द्वारा आयोजित एक संगोष्ठी में कही थी।

इस संगोष्ठी में अतिरिक्त मुख्य सचिव तरुण श्रीधर ने कहा कि सरकार ने इस क्षेत्र को पुनर्जीवित करने पर सुझाव मांगने के लिए एक समिति बनाई है।

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बिजनेस

जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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