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हैदराबाद हवाईअड्डे के नाम को लेकर राज्यसभा में हंगामा

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नई दिल्ली| कांग्रेस ने गुरुवार को राज्यसभा में एकबार फिर हैदराबाद हवाईअड्डे का नाम बदले जाने का मुद्दा उठाया, जिसके कारण सदन की कार्यवाही बाधित हुई और इसे कई बार स्थगन का सामना करना पड़ा। प्रश्नकाल के दौरान अभी कुछ ही सवाल रखे गए थे कि कांग्रेस के सदस्य सभापति की आसंदी के नजदीक पहुंच कर विरोध जताने लगे।

सदन की कार्यवाही पूर्वाह्न 11 बजे शुरू होते ही कांग्रेस नेता हनुमानथा राव ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर ‘राजनीतिक लाभ’ लेने का आरोप लगाया।

इसके बाद उप सभापति पी.जे.कुरियन ने सदस्यों को शांति करने की कोशिश की और कहा, “आप एकमात्र इंसान नहीं हैं, जो राजीव गांधी से प्यार करते हैं, मेरे दिल में भी राजीव गांधी के लिए समान आदर है।”

कुरियन ने कहा, “मुद्दा बुधवार को उठाया गया था, इस पर वित्त मंत्री अरुण जेटली ने जवाब दिया था। अगर आप इस मुद्दे को फिर से उठाना चाहते हैं, तो उचित नोटिस के साथ आए आएं।”

विरोध जता रहे कांग्रेस के सदस्य हालांकि, सभापति की आसंदी के नजदीक नारेबाजी करने लगे, जिसके बाद सदन की कार्यवाही 10 मिनट के लिए स्थगित करनी पड़ी।

हालांकि, 12 बजे प्रश्नकाल दोबारा शुरू होते ही कांग्रेस सदस्य फिर विरोध जताने लगे।

इस कोलाहल के बीच सभापति एम.हामिद अंसारी ने प्रश्नकाल जारी रखने की कोशिश की, लेकिन कांग्रेस सदस्य सभापति की आसंदी के नजदीक नारेबाजी करने लगे, जिसके कारण कार्यवाही फिर 10 मिनट के लिए स्थगित कर दी गई।

सदन की कार्यवाही दोबारा शुरू होने पर यही दृश्य देखने को मिला, जिसके कारण कार्यवाही अपराह्न दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।

कांग्रेस हैदराबाद हवाईअड्डे के घरेलू टर्मिनल का नाम बदलने का विरोध कर रही है।

केंद्र सरकार ने हालांकि, यह स्पष्ट किया है कि अंतर्राष्ट्रीय टर्मिनल का नाम राजीव गांधी के नाम पर रहेगा और घरेलू टर्मिनल का नाम तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) के संस्थापक एन.टी.रामा.राव के नाम पर रखा जाएगा।

राज्यसभा में पिछले दो दिनों से इस मुद्दे पर विरोध देखा जा रहा है।

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पीएम के संबोधन के बीच विपक्ष का वॉकआउट, मोदी बोले- उनकी सारी हरकतें फेल हो गईं इसलिए मैदान छोड़कर भाग गए

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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार को राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई चर्चा का जवाब दे रहे हैं। पीएम मोदी ने कहा- 60 साल के बाद यह हुआ है कि 10 साल के बाद कोई एक सरकार की वापसी हुई है। यह घटना असामान्य है। कुछ लोग जानबूझकर के उससे अपना मुंह फेरकर बैठे रहे। कांग्रेस के कुछ साथियों को मैं धन्यवाद देना चाहता हूं। उन्होंने बार-बार ढोल पीटा था कि एक तिहाई सरकार। इससे बड़ा सत्य क्या हो सकता है कि हमारे दस साल हुए हैं, बीस साल बाकी है। उनके मुंह में घी शक्कर।

प्रधानमंत्री के भाषण के दौरान विपक्ष लगातार हंगामा करता रहा। 32 मिनट की स्पीच के बाद विपक्ष ने सदन से वॉकआउट किया। इस पर सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा- ये मुझे नहीं, संविधान काे पीठ दिखा रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा- देश वासियों ने जो आदेश दिया है, उसे वे (विपक्ष) पचा नहीं पा रहा। कल उनकी सारी हरकतें फेल हो गईं। आज इसलिए वे मैदान छोड़कर भाग गए।

इस दौरान पीएम मोदी ने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि संविधान हमारे लिए कोई आर्टिकल का कंपाइलेशन मात्र नहीं है। हमारे लिए संविधान की स्पिरिट और इसके शब्द बहुत मूल्यवान हैं। हमारा मानना है किसी भी सरकार के लिए नीति-निर्धारण में संविधान हमारा मार्गदर्शन करने का काम करता है।

पीएम मोदी ने कहा, मुझे याद है लोकसभा में जब हमारी सरकार की तरफ से कहा गया कि हम 26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में मनाएंगे, तो मैं हैरान हूं कि जो आज संविधान की प्रति लेकर घूमते रहते हैं, दुनिया में लहराते रहते हैं, उन्होंने विरोध किया था कि 26 जनवरी तो है ही, फिर संविधान दिवस क्यों मनाएं। आज संविधान दिवस के माध्यम से स्कूलों और कॉलेजों ​को संविधान की भावना को, संविधान की रचना में क्या भूमिका रही है, देश के गणमान्य महापुरुषों ने संविधान के निर्माण में किन कारणों से कुछ चीजों को छोड़ने का निर्णय किया और किन कारणों से कुछ चीजों को स्वीकार करने का निर्णय किया, इसके विषय में स्कूलों और कॉलेजों विस्तार से चर्चा हो। एक व्यापक रूप से संविधान के प्रति आस्था का भाव जगे और संविधान के प्रति समझ विकसित हो। संविधान हमारी प्रेरणा रहे, इसके लिए हम कोशिश करते रहे हैं। जब हम 75वें वर्ष में प्रवेश कर रहे हैं तो हमने इसे जन उत्सव के रूप में मनाने का निर्णय लिया। उन्होंने कहा कि ये चुनाव 10 वर्ष की सिद्धियों पर तो मुहर है ही, इस चुनाव में भविष्य के संकल्पों के लिए भी देश की जनता ने हमें चुना है।

पीएम मोदी ने कहा कि देश की जनता का एकमात्र भरोसा हम पर होने के कारण जनता ने आने वाले सपनों को, संकल्पों को सिद्ध करने के लिए हमें अवसर दिया है। जो ये मानते हैं कि इसमें क्या है, ये तो होने ही वाला है, ये तो अपने आप हो ही जाएगा… ऐसे विद्वान हैं। ये लोग ऐसे हैं, जो ऑटो पायलट मोड में, रिमोट कंट्रोल सरकार चलाने के आदी हैं। ये कुछ करने धरने में विश्वास नहीं रखते, ये इंतजार करना जानते हैं। लेकिन हम परिश्रम में कोई कमी नहीं रखते। इस दौरान पीएम मोदी ने विपक्ष पर तंज कसते हुए कहा कि 10 साल के बाद किसी सरकार की वापसी हुई है और मैं जानता हूं कि भारत के लोकतंत्र में 6 दशक बाद हुई, ये घटना असामान्य घटना है। कुछ लोग जानबूझकर इससे अपना मुंह फेर कर बैठे रहे, कुछ लोगों को समझ नहीं आया और जिनको समझ आया उन्होंने हो-हल्ला कर देश की जनता के इस महत्वपूर्ण निर्णय पर छाया करने की कोशिश की। लेकिन, मैं पिछले दो दिन से देख रहा हूं कि आखिर पराजय भी स्वीकार हो रही है और दबे मन से विजय भी स्वीकार हो रही है। मैं कांग्रेस के कुछ साथियों को दिल से धन्यवाद करना चाहता हूं। नतीजे आए तब से हमारे एक साथी की ओर से (हालांकि उनकी पार्टी उनका समर्थन नहीं कर रही थी) बार-बार ढोल पीटा गया कि यह एक तिहाई सरकार है। इससे बड़ा सत्य क्या हो सकता है कि हमारे 10 साल हुए हैं, 20 और बाकी हैं। एक तिहाई हुआ है, दो तिहाई और बाकी है और इसलिए उनकी इस भविष्यवाणी के लिए उनके मुंह में घी शक्कर।

 

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