ऑफ़बीट
13 साल की उम्र में ही ये खूबसूरत लड़की अचानक बन गई करोड़पति, वजह है हैरान कर देने वाली!
नई दिल्ली। महज 13 साल की उम्र में एक लड़की करोड़पति बन गई यह सुनकर आपको भी थोड़ा अजीब लग रहा होगा लेकिन एक वेबसाइट का दावा है कि यह बात सौ फीसदी सही है।
अमेरिकन टीवी शो में नजर आने वाली 13 वर्ष की डेनियल ब्रिगोली अब जल्द ही करोड़पति की लिस्ट में शामिल होने वाली है। एक अमेरिकन वेबसाइट के दावे के मुताबिक डेनियल ब्रिगोली 2018 के अंतिम तक करोड़पति बन जाएंगी।
बढ़ती फैन्स फॉलोइंग के चलते प्रत्येक एक छोटे से शो में जाने के लिए भी उनकी फीस बहुत बढ़ गई है। साथ ही केवल इंटरनेट पर विज्ञापन के जरिए वो 65 लाख रुपए तक की कमाई कर रही है। खबरों के मुताबिक, वो अपने चाहने वालों से मिलने और उनके स्वागत के लिए 24 लाख की मोटी रकम लेती हैं।
एक वेबसाइट में बताया गया है कि वह इंस्टाग्राम पर फिट टी एवं पोस्टमेट्स जैसे प्रोडक्ट को प्रमोट कर रही हैं। इंस्टाग्राम पर 83 लाख फॉलोअर्स संग विज्ञापन की उनकी सिंगल पोस्ट से 40 हजार पाउंड से अधिक की कमाई हो रही है।
वेबसाइट में बताया गया है कि, अपने चाहने वालों से मिलने की फीस एवं अपने काम के चार्ज को शामिल करते हुए अनुमानित तौर पर उनकी नेट वर्थ अभी सवा करोड़ रु. पहुंच रही है।
अन्तर्राष्ट्रीय
नींद के कारण गलती से हुआ 1990 करोड़ से ज्यादा ट्रांसफर, जानें पूरी रिपोर्ट
जर्मनी। जर्मनी में लगभग 12 साल पहले एक बैंक में ऐसा अजीबोगरीब वाकया हुआ था जिसने सभी को हैरान कर दिया है। एक कर्मचारी काम के दौरान कंप्यूटर के की-बोर्ड पर उंगली दबाए हुए सो गया। इस गलती के कारण एक शख्स को 64.20 यूरो की जगह 222 मिलियन यूरो (करीब 1990 करोड़ रुपये से ज्यादा) ट्रांसफर हो गए। गनीमत रही कि एक अन्य कर्मचारी ने समय रहते इस गलती को पकड़ लिया जिसके बाद ट्रांजैक्शन को रोक दिया गया।
शुरू हुई कानूनी लड़ाई
यह घटना साल 2012 की है जो अब इंटरनेट पर वायरल हो रही है। मामले में सबसे हैरान करने वाली बात यह रही है क्लर्क की इस गलती पर सुपरवाइजर ने भी ध्यान नहीं दिया और इस ट्रांजैक्शन को अप्रूव कर दिया। ट्रांजैक्शन की जांच करने की जिम्मेदारी सुपरवाइजर की थी लिहाजा बैंक ने इस बड़ी गलती के लिए उसे जिम्मेदार ठहराते हुए नौकरी से निकाल दिया। मामला जर्मनी की लेबर कोर्ट तक पहुंचा और मामले में कानूनी लड़ाई शुरू हुई।
अदालत ने सुनाया फैसला
लंबी कानूनी लड़ाई के बाद जर्मनी के हेस्से स्टेट की लेबर कोर्ट की ओर से इस मामले में आदेश दिया गया। कोर्ट ने बैंक द्वारा कर्मचारी को नौकरी से निकालने के फैसले को गलत बताया। कोर्ट ने कहा कि यह गलती क्लर्क ने जानबूझकर नहीं की थी। अदालत की ओर से यह भी कहा गया कि कर्मचारी ने भले ही अपनी गलती पर ध्यान नहीं दिया लेकिन उसके कार्यों के लिए उसे बर्खास्त नहीं किया जाना चाहिए।
कोर्ट ने यह भी कहा
कोर्ट ने यह भी कहा कि कर्मचारी पर समय का बहुत दबाव था, वह रोजाना सैकड़ों लेन-देन की समीक्षा करता था। कोर्ट ने अपने आदेश में इस बात का भी जिक्र किया कि 222 मिलियन यूरो के गलत ट्रांजैक्शन वाली घटना के दिन कर्मचारी ने 812 डॉक्युमेंट्स को संभाला था और हर डॉक्युमेंट पर वो महज कुछ सेकेंड का समय ही दे पा रहा था। अदालत ने अपने आदेश में इस बात पर जोर दिया कि कर्मचारी की ओर से जानबूझकर की गई लापरवाही का कोई सबूत नहीं मिला। कोर्ट ने कहा कि इस मामले में बर्खास्तगी के बजाय औपचारिक चेतावनी ही पर्याप्त थी।
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