मुख्य समाचार
यूपी विधानसभा में जीएसटी बिल सर्वसम्मति से पास
जीएसटी से देश में बड़ा आर्थिक सुधार होगा : योगी आदित्यनाथ
लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा में मंगलवार को सर्वसम्मति से वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) विधेयक पारित हो गया। जीएसटी पास करने वाला यह नौवां राज्य बन गया है। इससे पहले समाजवादी पार्टी की ओर से नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी ने इस मुद्दे को उठाते हुए विधानसभा अध्यक्ष से चर्चा कराने की मांग की, लेकिन उन्होंने चर्चा कराने से इनकार कर दिया।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जीएसटी बिल पर सदन को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि जीएसटी बिल देश में आर्थिक सुधार का सबसे बड़ा साधन है। पिछली सरकार ने भी बिल पर अपनी सहमति दी थी।
उन्होंने कहा कि सभी को पता है कि इसके लागू होने से टैक्स की चोरी रुकेगी। इसके साथ ही बॉर्डर पर सामान को लेकर व्यापारियों का उत्पीड़न बंद होगा, अभी तक सभी इससे बेहद पीड़ित हैं।
योगी ने कहा, “उत्तर प्रदेश के अंदर एक महत्वपूर्ण दायित्व हम सब पर आ चुका है। जीएसटी के लागू होने के बाद आम जनता को इससे लाभ होने वाला है। यह उपभोक्ताओं और व्यापारियों के हित में भी है। एक महत्वपूर्ण विधेयक है। अभी तक जीएसटी काउंसिल की 13 बैठकें हुई हैं। देश में कर प्रणाली की एक जुटता बनाए रखने के लिए जीएसटी काउंसिल की व्यवस्था बन गई है।”
विधानसभा के विशेष सत्र के दूसरे दिन नेता प्रतिपक्ष चौधरी ने एक नोटिस जारी कर मांग की कि जीएसटी को सदन की प्रवर समिति को भेजा जाना चाहिए। समिति इसकी रिपोर्ट एक महीने में दे। हालांकि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की गुजारिश पर उन्होंने नोटिस वापस ले लिया।
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि जीएसटी से देश में बड़ा आर्थिक सुधार होगा। इससे पहले, सदन में विपक्ष ने प्रश्नकाल के दौरान ही उप्र में खराब कानून व्यवस्था का मुद्दा उठाया। विधानसभा की कार्यवाही मंगलवार सुबह 11 बजे जैसे ही शुरू हुई, प्रश्नकाल के दौरान ही सदन में मथुरा में ज्वेलरी शो-रूम में डकैती के दौरान हत्या का मामला जमकर गूंजा।
विपक्ष के नेता चौधरी ने इस मुद्दे को उठाते हुए कहा कि पहले सदन में कानून व्यवस्था पर चर्चा होनी चाहिए। मथुरा में दिनदहाड़े हत्या कर चार करोड़ रुपये लूट लिए गए। कानून–व्यवस्था की स्थिति बदतर होती जा रही है।
विपक्ष के नेता के इस सवाल पर हालांकि विधानसभा के अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने कहा, “प्रश्नकाल के बाद ही किसी विषय पर चर्चा हो सकती है। पहले प्रश्नकाल पूरा होने दीजिए। पूरे प्रदेश की जनता आपको देख रही है। कल जिस तरह से विपक्ष ने अपना व्यवहार दिखाया, उससे जनता बहुत दुखी है।”
दीक्षित ने कहा कि नियम 311 के तहत चर्चा कराने के लिए किसी ने अनुरोध नहीं किया है, इसीलिए वह इसे निरस्त करते हैं। इस विषय पर चर्चा नहीं हो सकती। यह बात सदन के सभी सदस्यों को समझना चाहिए।
इस बीच, चौधरी के बयान पर संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने सरकार की तरफ से जवाब दिया। उन्होंने कहा कि सरकार कानून व्यवस्था को लेकर पूरी तरह से गंभीर है और जहां भी घटनाएं हो रही हैं, सरकार की तरफ से तुरंत कार्रवाई की जा रही है।
इधर, मथुरा के डकैती कांड पर मुख्यमंत्री योगी ने कहा, “उत्तर प्रदेश में कानून का राज होगा। यहां पर हमारे शासन में अपराधी के साथ अपराधी जैसा व्यवहार किया जाएगा। किसी भी अपराधी को बख्शा नहीं जाएगा।”
उन्होंने कहा, “हमारी सरकार के सत्ता संभालने के बाद से प्रदेश में अपराध में कमी आई है। अपराधियों से अपराधी जैसा ही व्यवहार हो रहा है। अब यहां पर कानून से खिलवाड़ नहीं हो सकेगा और न ही किसी को भी राजनीतिक संरक्षण मिलेगा।”
उधर, कांग्रेस के विधायकों ने विधायकों ने सहारनपुर कांड को लेकर सदन से वक आउट किया है। इस बीच, विधान भवन में विधानसभा अध्यक्ष दीक्षित के कमरे के बाहर एक संविदा कर्मी ने हंगामा किया। वह सदन के अंदर विधानसभा अध्यक्ष के पास जाने के प्रयास में थी। संविदा पर कार्यरत सहायक सामीक्षा अधिकारी सौरम देवी स्थायी नौकरी की मांग कर रही थीं। सौरम देवी को सुरक्षाकर्मियों ने विधानसभा से बाहर कर दिया।
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स्वच्छ, सुरक्षित और सुव्यवस्थित महाकुम्भ के लिए प्रधानमंत्री जी देंगे ₹7000 करोड़ से अधिक का उपहार: मुख्यमंत्री
प्रयागराज- विश्व के सबसे बड़े आध्यत्मिक-सांस्कृतिक समागम ‘प्रयागराज महाकुम्भ’ के औपचारिक शुभारंभ से पूर्व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्रयागराज को ₹7000 करोड़ से अधिक का उपहार भेंट करने जा रहे हैं। 13 दिसंबर को प्रधानमंत्री का प्रयागराज दौरा प्रस्तावित है। इस अवसर पर प्रधानमंत्री जी पावन त्रिवेणी संगम का पूजन कर नवनिर्मित भरद्वाज आश्रम कॉरीडोर और श्रृंगवेरपुर धाम कॉरीडोर का लोकार्पण करेंगे।
शनिवार को प्रयागराज पहुंचे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 13 दिसंबर के कार्यक्रम की तैयारियों की समीक्षा की और आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2019 के कुम्भ में राज्य सरकार ने अपने मद से 2406.65 करोड़ का व्यय किया था। पूरी दुनिया में इस महाआयोजन के प्रबंधन की प्रशंसा हुई थी। तीर्थयात्रियों की सुविधा और ‘सनातन गर्व महाकुम्भ’ की महत्ता के दृष्टिगत इस बार इसे और विस्तार दिया गया है। इस वर्ष महाकुम्भ के लिए राज्य सरकार की ओर से 5496.48 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी गई है, जबकि प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने अतिरिक्त 2100 करोड़ रुपये का सहयोग प्रदान किया है। बजट की कोई कमी नहीं है, इसलिए व्यवस्था में कहीं किसी प्रकार का अभाव नहीं होना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि विभिन्न राज्यों की ओर से महाकुम्भ में अपने शिविर स्थापित करने के अनुरोध मिल रहे हैं, इस संबंध में यथोचित निर्णय तत्काल हो जाए। इसी प्रकार, महाकुंभ के दौरान ब्रह्मलीन होने वाले साधु-संतों की समाधि के लिए प्रयागराज में भूमि आरक्षित कर दी जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि 2019 कुंभ में कुल 5,721 संस्थाओं का सहयोग लिया गया था, जबकि महाकुंभ में लगभग 10 हजार संस्थाएं एक उद्देश्य के साथ कार्य कर रही हैं। 4000 हेक्टेयर में विस्तारित 25 सेक्टरों में बंटे महाकुंभ मेला क्षेत्र में श्रद्धालुओं की सुविधा के दृष्टिगत सभी आवश्यक प्रबंध किए जा रहे हैं। 12 किमी लंबाई के घाट, 1850 हेक्टेयर में पार्किंग, 450 किमी चकर्ड प्लेट, 30 पांटून पुल, 67 हजार स्ट्रीट लाइट, 1,50,000 शौचालय, 1,50,000 टेंट के साथ ही 25 हजार से अधिक पब्लिक एकोमडेशन की व्यवस्था की जा रही है। पौष पूर्णिमा, मकर संक्रांति, मौनी अमावस्या, बसंत पंचमी, माघ पूर्णिमा और महाशिवरात्रि के विशेष स्नान पर्व पर सुरक्षा और सुविधा के लिए विशेष कार्ययोजना तैयार की गई है। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि महाकुम्भ में हर श्रद्धालु को अविरल-निर्मल गंगा में स्नान सुलभ हो, इसके लिए राज्य सरकार संकल्पित है। नदी में जीरो डिस्चार्ज सुनिश्चित किया जा रहा है।
जारी निर्माण परियोजनाओं की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सूबेदारगंज ब्रिज, हनुमान मंदिर (फेज-1) सभी चिह्नित 16 क्रिटिकल रोड से जुड़े कार्य, रिवर फ्रंट रोड, फाफामऊ-सहसो रोड, सभी 04 थीम आधारित गेट, 84 स्तंभ, मनकामेश्वर मंदिर और अलोपशंकरी मंदिर के अधूरे कार्य प्रत्येक दशा में 10 दिसंबर तक पूरे हो जाने चाहिए। मुख्यमंत्री ने जोर देते हुए कहा कि टाइमलाइन के दबाव में कार्य की गुणवत्ता से समझौता नहीं होना चाहिए।
रेलवे के प्रतिनिधियों से संवाद करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि महाकुम्भ में आने वाले तीर्थयात्री और पर्यटक काशी और अयोध्याधाम का भी दर्शन करने जाएंगे। इसके अलावा, चित्रकूट की ओर भी बड़ी संख्या में लोगों के जाने की संभावना है। ऐसे में इन पवित्र स्थलों को कनेक्ट करते हुए ट्रेनों की उपलब्धता की जानी चाहिए।
मुख्यमंत्री ने महाकुम्भ से जुड़ी तैयारियों के लिए डेडलाइन तय करते हुए निर्देश दिया कि 10 दिसंबर तक सारे काम पूरे कर लिए जाएं। उन्होंने कहा कि महाकुम्भ विश्व को सनातन भारतीय संस्कृति से साक्षात्कार कराने का सुअवसर है। यह स्वच्छता, सुरक्षा और सुविधा का मानक भी होगा। सीएम योगी ने निर्देश दिया कि महाकुम्भ को देखते हुए 7000 से अधिक बसें लगाई जाएंगी। यहां डेढ़ लाख से अधिक शौचालय स्थापित किए जाएंगे। स्वच्छता पर जोर देते हुए सीएम ने निर्देश दिया कि 10 हजार कर्मचारियों की तैनाती कर यहां की सफाई व्यवस्था को सुदृढ़ बनाए रखा जाए।
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