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आध्यात्म

करवाचौथ स्पेशल: व्रत के दौरान जल्दबाजी में भूलकर भी न करें ये तीन गलतियां

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कहते है करवाचौथ का व्रत पत्नी अपने पति के प्रति प्यार, स्नेह, आत्मसमर्पण और दीर्घायु के लिए रखती है एक पत्निव्रता स्त्री इस दिन सुबह से लेकर शाम तक निर्जल इस उपवास को रखती है और रात्रि के समय चन्द्रमां के समाने अपने पति को जल पिलाकर उसकी लम्बी आयु की कामना करने के पश्चात ही अपना व्रत पति के हाथों खोलती है।

ये दिन शादीशुदा स्त्रियों के लिए अत्याधिक शुभ माना जाता है लेकिन कभी-कभी कुछ जोड़े करवाचौथ की सही विधि को समझ नहीं पाते और कई ऐसी गलतियां अनजाने में कर बैठते है जो उनके वैवाहिक जीवन में कलह होने की वजह बन जाती है।

करवाचौथ पर पति के सामने कैसे दिखें ब्यूटीफुल

तो आइये बताते है आपको की आपको कौन सी वो गलतियां है, जो भूल से भी पूजा के दौरान नहीं करनी है

  • केवल सुहागिनें या जिनका रिश्ता तय हो गया है, ऐसी महिलाएं ही ये व्रत रख सकती हैं.
  •  यह व्रत सूर्योदय से चंद्रोदय तक रखा जाएगा, निर्जल या केवल जल पर ही व्रत रखें.
  •  व्रत रखने वाली कोई भी महिला काला या सफेद वस्त्र न पहने.
  •  लाल वस्त्र सबसे अच्छा है, पीला भी पहना जा सकता है.
  • आज के दिन पूर्ण श्रृंगार और पूर्ण भोजन जरूर करना चाहिए.
  • अगर कोई महिला अस्वस्थ है तो उसके स्थान पर उसके पति यह व्रत कर सकते हैं.

#karwa #karwachauth2020 #lifestyle #karwachauth

 

आध्यात्म

माता विंध्यवासिनी देवी से जुड़ीं कथाओं को शोकेस करेगी योगी सरकार, आर्ट गैलरी बनेगी माध्यम

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लखनऊ/ मीरजापुर। उत्तर प्रदेश की आध्यात्मिक चेतना के केंद्रों को विकसित करने के लिए प्रतिबद्ध योगी सरकार ने श्री काशी विश्वनाथ धाम और अयोध्या के कायाकल्प के बाद मीरजापुर में माता विंध्यवासिनी देवी के धाम को भी नव्य-भव्य रूप देने की शुरुआत कर दी है। यहां आने वाले भक्तों को अब माता विंध्यवासिनी की लीलाओं से जुड़ी कथाओं और तीर्थ के माहत्म को दर्शाने वाली विभिन्न कलाकृतियों को आर्ट गैलरी के माध्यम से शोकेस किया जाएगा। आर्ट गैलरी के निर्माण ये यहां आने वाले पर्यटकों को आस्था, कला और संस्कृति का अनुपम संगम देखने को मिलेगा। उल्लेखनीय है कि भगवती विंध्यवासिनी आद्या महाशक्ति हैं तथा विन्ध्याचल सदा से उनका निवास-स्थान रहा है। यही कारण है कि विंध्यगिरि को एक जागृत शक्तिपीठ माना जाता है और न केवल उत्तर प्रदेश बल्कि देश-दुनिया से भक्त माता विंध्यवासिनी के चरणों में निरंतर शीश नवाने आते हैं।

पर्यटन विकास का माध्यम बनेगी आर्ट गैलरी

विंध्य कॉरिडोर योजना के अंतर्गत मां विंध्यवासिनी माता मंदिर के अंतर्गत परिक्रमा पथ समेत विभिन्न प्रकार के निर्माण व विकास कार्यों को गति दी जा रही है। इसी क्रम में, आर्ट गैलरी के निर्माण के जरिए विंध्य क्षेत्र के पर्यटन विकास की प्रक्रिया को और बल मिलेगा। गौरतलब है कि सीएम योगी की मंशा अनुरूप मीरजापुर व विंध्य क्षेत्र के समेकित विकास का जो खाका खींचा गया था उसे क्रियान्वित करते हुए सरकार ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। यही कारण है कि आर्ट गैलरी के निर्माण कार्य को गति देने की प्रक्रिया भी तेज हुई है।

यूपी प्रोजेक्ट्स कॉर्पोरेशन लिमिटेड को सौंपा गया है जिम्मा

आर्ट गैलरी के निर्माण का जिम्मा यूपी प्रोजेक्ट्स कॉर्पोरेशन लिमिटेड (यूपीपीसीएल) को सौंपा गया है। यूपीपीसीएल द्वारा कार्यों की पूर्ति के लिए स्पेशेलाइज्ड एजेंसियों की नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। ई-निविदा माध्यम के जरिए संबंधित एजेंसियों की नियुक्ति के लिए यूपीपीसीएल ने आवेदन मांगे हैं। गौरतलब है कि आर्ट गैलरी से संबंधित सभी निर्माण कार्यों को 3.43 करोड़ रुपए की लागत से पूरा किया जाएगा। कार्यावंटन के बाद नियुक्त एजेंसियों को वर्षा अवधि के अतिरिक्त 6 माह में सभी निर्माण कार्यों को पूर्ण किया जाएगा।

विभिन्न प्रकार के कार्यों को दी जा रही गति

विंध्य कॉरिडोर योजना के अंतर्गत मां विंध्यवासिनी माता मंदिर के अंतर्गत परिक्रमा पथ परकोटा (ए ब्लॉक से लेकर एच ब्लॉक तक) बनाया जा रहा है। परकोटों के छत पर ए ब्लॉक से लेकर एच ब्लॉक तक कुल आठ केंद्र बिंदु हैं। 16 स्थानों पर मंदिर का अलग-अलग गुम्बद नुमा डिजाइन पत्थरों से बनाया जा रहा है। यहां देवी-देवताओं की मूर्तियों की स्थापना की जाएगी जो मां विंध्यवासिनी मंदिर की छत से इसकी भव्यता एवं दिव्यता प्रदर्शित करेगी। इसके अतिरिक्त, गलियों का चौड़ीकरण करने के पश्चात सड़क के बीच डिवाइडर का भी निर्माण कार्य चल रहा है। डिवाइडर को तरह-तरह के रंग बिरंगे पौधे, आर्क लैंप्स और रोशनी सज्जा युक्त किया जाएगा।

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