अन्तर्राष्ट्रीय
19 करोड़ में बिकी इस लड़की की वर्जिनिटी, अबू धाबी के बिजनसमैन ने खरीदा
वाशिंगटन। आपने कई तरह की नीलामियों के बारे में सुना होगा लेकिन जिस नीलामी के बारे में हम आज आपको बताने जा रहे हैं उसके बारे में सुनकर आप भी हैरान रह जाएंगे। अमेरिका की एक मॉडल ने 19 करोड़ रु में अपनी वर्जिनिटी नीलाम करने का फैसला किया है। 19 साल की गिसेले ने कहा है कि वह पढ़ाई और घूमने में इस पैसे को खर्च करेगी। लड़की ने इसे ‘सपने का पूरा होना’ बताया है।
गिसेले ने बाकायदा एक एस्कॉर्ट एजेंसी से संपर्क साधा है। इस एजेंसी ने अपनी वेबसाइट पर दावा किया है कि लड़की की वर्जिनिटी साबित करने के लिए उनके पास डॉक्टर का सर्टिफिकेट है और यदि खरीदार चाहे तो खुद भी लड़की का टेस्ट करा सकता है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, अबू धाबी के एक अरबपति बिजनेसमैन बोली लगाने में एक हॉलीवुड स्टार से आगे निकल गया। उसने लड़की की वर्जिनिटी को 2.5 मिलियन यूरो करीब 19 करोड़ रु में खरीदा।
वर्जिनिटी नीलाम करने के ट्रेंड पर मॉडल ने कहा, ”मैं सोचती हूं कि वर्जिनिटी बेचने का ट्रेंड खुद को आजाद करने का तरीका है जिससे आप सोशल और इकोनॉमिक राइट हासिल करते हैं। उन लोगों से मुझे झटका लगा है जो महिलाओं के वर्जिनिटी बेचने के खिलाफ हैं। अगर मैं पहली बार किसी ऐसे शख्स के साथ जाना चाहती हूं जो मेरा पहला प्यार नहीं है तो यह मेरा फैसला है।”
लड़की ने यह भी कहा कि उसने कभी नहीं सोचा था कि नीलामी की राशि इतनी अधिक हो जाएगी। उसे यह सपनों के पूरा होने जैसा लग रहा है। बता दें कि इससे पहले रोमानिया की एक मॉडल ने अपनी वर्जिनिटी 2 मिलियन पाउंड (करीब 17 करोड़ रुपये) में नीलाम की थी।
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इच्छामृत्यु को कानूनी दर्जा देने के लिए ब्रिटिश संसद में बिल पास, पूरी तरह समझे कानून
ब्रिटेन। इच्छामृत्यु को लेकर कई देशों में वाद-विवाद है, भारत में इच्छामृत्यु संबंधी कानून सक्रिय और निष्क्रिय इच्छामृत्यु के बीच अंतर करता है। देश में (India) घातक यौगिकों के प्रशासन सहित सक्रिय इच्छामृत्यु के रूप अभी भी अवैध हैं। लेकिन एक वक्त पर भारत पर राज करने वाले ब्रिटेन (Britain) ने इच्छामृत्यु को कानूनी दर्जा देने के लिए ब्रिटिश संसद में बिल पास कर दिया है। ब्रिटेन का ये विधेयक गंभीर रूप से बीमार लोगों, जिनकी जीवन प्रत्याशा 6 महीने से कम है, वे अपनी इच्छा से खुद का जीवन खत्म कर सकते हैं। ये पूरी तरह से कानूनी होगा।
क्या होगा कानून
इस विधेयक के मुताबिक इसे लागू करने के लिए दो स्वतंत्र डॉक्टर्स और एक हाईकोर्ट के जज की सहमति भी जरूरी होगी। हालांकि मरीज को इच्छामृत्यु के इस फैसले के लिए मानसिक रूप से पहले सक्षम माना जाना चाहिए और ये सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि वो किसी दबाव में तो नहीं। इसके अलावा मरीज को 2 बार अपनी मरने की इच्छा भी जतानी होगी। जिसके बीच कम से कम 7 दिनों का अंतर होना चाहिए।
विधेयक पर तीखी बहस
ब्रिटेन की संसद में इस बिधेयक को लेकर तो बहस हुई ही साथ ही अब जनता भी दो धड़ों में बंटी हुई दिखाई दे रही है। संसद में इस बिल के समर्थकों ने इसे मरीज का दर्द खत्म करने और गरिमा के साथ मौते देने का विकल्प बताया तो विरोधी पक्ष ने इसे कमजोर और बीमार लोगों के लिए जोखिम भरा बताया और इसके दुरुपयोग की संभावना जताई। बता दें कि ये विधेयक भले ही संसद से पास हो गया हो लेकिन इसे कानून बनने के लिए और भी समीक्षा प्रक्रियाओं से गुजरना होगा। इसके बाद ही कानून का रूप ले पाएगा। अब विपक्ष समेत आधी जनता के विरोध को देखते हुए जानकारों का मानना है कि शायद ही ये विधेयक इतनी आसानी से कानून का रूप ले पाएगा।
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