प्रादेशिक
फरीदाबाद: एकतरफा प्यार में पागल तौफीक ने एग्जाम देकर निकल रही छात्रा की गोली मारकर की हत्या
फरीदाबाद। हरियाणा के फरीदाबाद जिले में परीक्षा देकर कालेज से निकली छात्रा की शोहदे ने गोली मारकर हत्या कर दी। मृतका का नाम निकिता है और वह बीकॉम फाइनल ईयर की छात्रा थी। छात्रा बल्लभगढ़ के अग्रवाल कॉलेज में एग्जाम देने आई थी। निकिता जब एग्जाम देकर बाहर निकली तो कार सवार एक युवक ने उसे गाड़ी में जबरदस्ती बैठाने की कोशिश की। लड़की ने कार में बैठने से इनकार किया तो आरोपी उसे गोली मारकर फरार हो गया। हालांकि बाद में पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। जबकि दूसरा आरोपी अभी फरार है।
छात्रा के पिता ने बताया कि तौफिक नाम का युवक 12वीं कक्षा तक निकिता के साथ पढ़ा था। वह उस पर दोस्ती के लिए दबाव डालता था, मगर उसने इससे साफ इनकार कर दिया था। आरोपी ने साल 2018 में छात्रा का अपहरण भी किया था, मगर तब लोकलाज के चलते परिवार ने समझौता कर लिया था।
पुलिस ने छात्रा के भाई नवीन की शिकायत पर तौफिक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है। नवीन ने बताया कि सोमवार को निकिता परीक्षा देने के लिए कॉलेज गई थी। मां और भाई नवीन कालेज के बाहर उसका इंतजार कर रहे थे। शाम करीब 4 बजे वह परीक्षा देकर बाहर आई। कॉलेज गेट से थोड़ा आगे एक कार आकर उसके पास रुकी, उसमें से तौफिक निकला। उसने निकिता को कार में खींचने का प्रयास किया। तौफिक ने निकिता की मां और भाई को देखा तो कट्टा निकाल कर निकिता पर गोली चला दी, जो उसके कंधे में लगी. मां और भाई ने निकिता को अस्पताल पहुंचाया।
नेशनल
कौन है नारायण सिंह चौरा ? जिसने पूर्व मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल की हत्या करने का प्रयास किया
अमृतसर। शिरोमणि अकाली दल के प्रमुख सुखबीर सिंह बादल को बुधवार को पंजाब के अमृतसर में स्वर्ण मंदिर के बाहर ‘सेवादार’ की ड्यूटी करते समय एक शख्स ने गोली मार दी। गोली दीवार पर लगने से व्हीलचेयर पर बैठे सुखबीर सिंह बादल बाल बाल बच गये। आखिर किस शख्स ने सुखबीर सिंह बादल पर गोली चलाई और उसका मकसद क्या था। तो बता दें कि फायरिंग करने वाले शख्स का नाम नारायण सिंह चौरा है जिसने गोली चलाई जिससे हड़कंप मच गया और तुरंत ही स्वर्ण मंदिर के बाहर खड़े कुछ लोगों ने उसे पकड़ लिया।
कौन हैं नारायण सिंह चौरा?
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, नारायण सिंह चौरा एक खालिस्तानी पूर्व आतंकवादी है, जिस पर पहले भी कई मामले दर्ज हुए हैं और वह भूमिगत रहा है। चौरा, कुछ वर्षों तक पंथिक नेता के रूप में सक्रिय था, वह डेरा बाबा नानक क्षेत्र से हैं। मंगलवार को वह सफेद कुर्ता-पायजामा पहनकर सुखबीर बादल के पास घूमता भी दिखाई दिया था। वह बुड़ैल जेलब्रेक का मास्टरमाइंड था। चौरा ने बब्बर खालसा इंटरनेशनल के आतंकवादियों जगतार सिंह हवारा और परमजीत सिंह भियोरा को उनके दो साथियों जगतार सिंह तारा और देवी सिंह के साथ बुड़ैल जेल से भागने में मदद की थी। उसने जेल की बिजली सप्लाई काफी देर के लिए बंद कर दी थी।
जानिए पाकिस्तान से चौरा का कनेक्शन
कथित तौर पर नारायण सिंह चौरा 1984 में पंजाब में आतंकवाद के शुरुआती चरण के दौरान पाकिस्तान भाग गया था। वहां उसने भारत में हथियारों और विस्फोटकों की बड़ी खेप की तस्करी में अहम भूमिका निभाई। पाकिस्तान में, उन्होंने कथित तौर पर गुरिल्ला युद्ध और देशद्रोही साहित्य पर एक किताब भी लिखी थी। चौरा पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह हत्याकांड में संदिग्ध था।
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