बिजनेस
2017 तक कोयला आयात बंद करने में सक्षम हो भारत : गोयल
नई दिल्ली। केंद्रीय विद्युत एवं कोयला मंत्री पीयूष गोयल ने सोमवार को कहा कि भारत को साल 2017 तक कोयला आयात समाप्त करने में सक्षम हो जाना चाहिए, ताकि कीमती विदेशी मुद्रा बच सके।
अंतर्राष्ट्रीय लेखा कंपनी केपीएमजी की ओर से आयोजित एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए गोयल ने कहा, “साल 2017 तक भारत को कुछ ऊर्जा संयंत्रों को छोड़कर, जहां ईंधन का परिवहन दुरुह है, कोयला आयात करने की जरूरत नहीं है।” उन्होंने कहा, “यह कोयले की कमी के युग का अंत होगा।”
भारत द्वारा 21.5 करोड़ टन कोयले के आयात का उल्लेख करते हुए मंत्री ने कहा कि दुनिया में कोयला उत्पादन के क्षेत्र में तीसरा बड़ा देश होने के बावजूद अतीत में ऊर्जा की समस्याओं का पूरी तरह समाधान करने की बजाय उसके तात्कालिक प्रभावों को ही दूर करने के दृष्टिकोण के कारण ये हालात सामने आए।
प्रादेशिक
Adani Group राजस्थान में करेगा 7.5 लाख करोड़ रु का निवेश, चार नए सीमेंट प्लांट होंगे स्थापित
जयपुर। जयपुर में सोमवार को राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट 2024 में अदानी पोर्ट्स एंड एसईजेड लिमिटेड के एमडी करण अदानी ने एलान करते हुए कहा कि समूह द्वारा अगले पांच वर्षों में राजस्थान में कई बड़े इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स में 7.5 लाख करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा। करण अदाणी ने कहा कि राज्य में ग्रुप द्वारा चार नए सीमेंट प्लांट स्थापित किए जाएंगे।
उन्होंने आगे कहा कि हम यहां दुनिया का सबसे बड़ा इंटीग्रेडेट ग्रीन एनर्जी इकोसिस्टम बनाने की योजना बना रहे हैं, जिसमें 100 गीगावाट रिन्यूएबल एनर्जी, 2 मिलियन टन हाइड्रोजन और 1.8 गीगावाट पंप हाइड्रो स्टोरेज शामिल है। ये निवेश राजस्थान में बड़ी संख्या में ग्रीन एनर्जी सेक्टर में नौकरियां पैदा करेंगे। अदाणी ग्रुप जयपुर में एयरपोर्ट के डेवलपमेंट में भी अहम भूमिका निभाएगा। इससे राज्य की कनेक्टिविटी बढ़ेगी और एक निवेश डेस्टिनेशन के रूप में राजस्थान की छवि में सुधार होगा।
करण अदाणी ने आगे कहा कि वे राजस्थान में मल्टी-मॉडल लॉजिस्टिक्स पार्क और आईसीडी भी विकसित करेंगे, जिससे प्रदेश की अर्थव्यवस्था को सहारा मिलेगा। शिखर सम्मेलन में अपने संबोधन में करण अदाणी ने राजस्थान के प्रति समूह की दीर्घकालिक प्रतिबद्धता व्यक्त करते कहा कि राज्य अपनी समृद्ध विरासत, प्राकृतिक संसाधनों और बढ़ते निवेशक विश्वास के कारण तेजी से विकास के लिए तैयार है।
भारत मौजूदा समय में दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। पिछले एक दशक में आर्थिक तौर पर देश का काफी विकास हुआ है। इस दौरान जीडीपी दोगुनी हुई है और निर्यात में भी बढ़ोतरी देखी गई है। कोलियर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, 2030 तक भारत द्वारा इन्फ्रास्ट्रक्चर में 143 लाख करोड़ रुपये निवेश किए जा सकते हैं।
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