अन्तर्राष्ट्रीय
28 साल बाद चीन-रूस को जोडऩे वाले पुल का निर्माण शुरू
बीजिंग। चीन और रूस को जोडऩे वाले आधुनिक राजमार्ग पुल का निर्माण कार्य शुरू हो गया है। इस पुल के निर्माण के लिए दोनों देशों की सरकारों के बीच पिछले 28 वर्षों से चर्चा हो रही थी। यह पुल हेइलोंगजियांग नदी पर बनेगा।
इस पुल की लंबाई 1,283 मीटर है और यह उत्तरी चीन के हेइलोंगजियांग के सीमावर्ती कस्बे हेइहे को रूस के ब्लागोवेसचेनस्क से जोड़ेगा।
एक चीनी अधिकारी ने बताया, यह पुल महत्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय जुड़ाव और चीन, मंगोलिया, रूस के आर्थिक गलियारे का हिस्सा है। इससे दोनों क्षेत्रों के बीच सहयोग मजबूत होगा। इस पुल के निर्माण में कुल लागत 2.5 अरब युआन (लगभग 36 करोड़ डॉलर) आएगी। यह पुल अक्टूबर 2019 में खुलेगा। दोनों शहरों के बीच यात्रियों की आवाजाही 2020 तक 15 लाख होने की उम्मीद है जो मौजूदा संख्या का दोगुना है।
अन्तर्राष्ट्रीय
मक्का में भीषण गर्मी से अब तक 1300 से अधिक हज यात्रियों की मौत, 98 भारतीय भी शामिल
नई दिल्ली। सऊदी अरब में भीषण गर्मी से मरने वाले हाजियों की संख्या 1300 के पार हो गई है। कई वीडियो वायरल हुए हैं जिसमें सड़क पर हाजियों के शव पड़े हुए दिखाई दे रहे हैं। रविवार को सऊदी अरब ने इस बात की जानकारी देते हुए कहा कि हज यात्रा के दौरान इस साल कम से कम 1301 लोगों की मौत हुई है। जिनमें गर्मी के कारण कई लोगों की जान गई। जबकि पांच में से चार लोगों की जान “अनधिकृत” यात्राओं के कारण हुईं. सऊदी अरब सरकार ने एक बयान में कहा कि, “इस साल गर्मी ने स्वास्थ्य प्रणाली को प्रभावित किया, जिससे कई लोग परेशान हो गए। अफसोस की बात ये है कि इस दौरान 1,301 लोगों की मौत हो गई।
सरकारी टीवी अल अखबरिया से बात करते हुए मंत्री ने कहा कि 95 तीर्थयात्रियों का अस्पतालों में इलाज चल रहा है, जिनमें से कुछ को इलाज के लिए हवाई मार्ग से राजधानी रियाद लाया गया है। समाचार एजेंसी एपी के अनुसार, उन्होंने कहा कि मृत तीर्थयात्रियों की पहचान प्रक्रिया में देरी हुई क्योंकि कई के पास कोई दस्तावेज नहीं थे। उन्होंने बताया कि मृतकों को मक्का में दफनाया गया, लेकिन इस बारे में कोई विस्तृत जानकारी नहीं दी। इस साल हज के दौरान 98 भारतीय तीर्थयात्रियों की मौत हुई है। मृतकों में सबसे बड़ी संख्या मिस्र के तीर्थयात्रियों की है। मिस्र के 660 से अधिक नागरिकों की मौत हुई है। काहिरा में दो अधिकारियों ने बताया कि 31 को छोड़कर सभी गैर-पंजीकृत तीर्थयात्री थी।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इसमें कहा गया है कि मृतक लोगों में कई बुजुर्ग और लंबे समय से बीमार व्यक्ति शामिल हैं। इस साल हज यात्रा के दौरान सैकड़ों मौतों और चोटों के पीछे अत्यधिक गर्मी को मुख्य वजह बताया गया। बीते सोमवार को मक्का में तापमान 51.66 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। बता दें कि इस साल सऊदी अरब प्रशासन ने हज यात्रा के लिए दुनियाभर के 18 लाख लोगों को हज पर आने की इजाजत दी थी। इसमें हजारों ऐसे यात्री भी शामिल हुए जिन्हें हज के लिए लाइसेंस नहीं दिया गया था। जिसके चलते उन्हें हज यात्रियों जैसी सुविधाएं नहीं मिली। इसलिए वह खुले आसमान में रहने को मजबूर हो गए। साथ ही उन्हें अधिकृत रूप से हाजियों को ले जाने वाली बसों में भी यात्रा का लाभ नहीं जिसके चलते ये लोग गर्मी का शिकार हो गए और कई की इसमें जान चली गई।
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