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प्रादेशिक

राजस्थान में अगले पांच साल में 50 करोड़ पौधे लगाए जाएंगे : भजनलाल शर्मा

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जयपुर। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने बुधवार को कहा कि राजस्थान में अगले पांच साल में 50 करोड़ पौधे लगाए जाएंगे। इसके साथ ही शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार भाजपा के ‘संकल्प पत्र’ में किए गए हर वादे को पूरा कर रही है। शर्मा बुधवार को हरियाली तीज के अवसर पर दूदू के गाडोता में 75वें राज्य स्तरीय वन महोत्सव को संबोधित कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पर्यावरण संरक्षण की प्रेरणा से राज्य सरकार ने इस वर्ष मुख्यमंत्री वृक्षारोपण महाअभियान शुरू कर सात करोड़ पौधे लगाने का संकल्प लिया है। सरकार इस अभियान को सफल बनाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस अभियान के तहत आगामी पांच वर्ष में 50 करोड़ पौधे लगाए जाएंगे और लगाये गये पौधों को पेड़ बनाने के लिए उनकी सुरक्षा एवं देखभाल भी सुनिश्चित की जाएगी।

उन्होंने कहा कि राज्य के विभिन्न विभागों, गैर सरकारी संस्थाओं, ग्राम पंचायतों, शहरी निकायों एवं आमजन को पौध उपलब्ध कराकर तकनीकी सहायता भी दी जा रही है ताकि वृक्षारोपण को गति मिल सके। मुख्यमंत्रीने कहा, ‘पर्यावरण संरक्षण भारतीय संस्कृति का महत्वपूर्ण हिस्सा रहा है। राज्य सरकार द्वारा आज हरियाली तीज के अवसर पर एक ही दिन में राज्यभर में एक करोड़ से अधिक पेड़ लगाए जा रहे हैं। इन पौधों के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए पौधों की जियो टैगिंग भी की जाएगी। हम सभी को इस पहल में सक्रिय भागीदारी निभानी चाहिए, ताकि ‘हरियालो राजस्थान’ का निर्माण हो सके।’

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार किसान, गरीब, महिला व युवा सहित सभी वर्गों को राहत देने के लिए निरंतर काम कर रही है और सरकार अपने ‘संकल्प पत्र’ में किए गए प्रत्येक वादे को पूरा कर रही है। मुख्यमंत्री शर्मा ने विधिपूर्वक मंत्रोच्चार के साथ पीपल का पौधा लगाकर ‘हरियालो राजस्थान अभियान’ की शुरुआत की।

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उत्तर प्रदेश

गुरु गोरखनाथ का पूजन कर विजयादशमी शोभायात्रा की अगुवाई करेंगे गोरक्षपीठाधीश्वर

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गोरखपुर। विजयादशमी के पावन पर्व पर गोरक्षपीठाधीश्वर एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शनिवार पूर्वाह्न शिवावतार गुरु गोरखनाथ का विशिष्ट पूजन करेंगे तो सायंकाल गोरखनाथ मंदिर से निकलने वाली पारंपरिक विजयादशमी शोभायात्रा की अगुवाई करेंगे। शोभायात्रा का समापन मानसरोवर रामलीला मैदान में होगा जहां गोरक्षपीठाधीश्वर प्रभु श्रीराम का पूजन व राज्याभिषेक करेंगे।

सामाजिक समरसता के ताने-बाने को मजबूत कर समग्र रूप में लोक कल्याण की भावना को संजोए गोरक्षपीठ से प्रति वर्ष विजयादशमी को निकलने वाली विजय शोभायात्रा अनूठी होती है। गोरक्षपीठाधीश्वर की अगुवाई वाली परंपरागत शोभायात्रा में हर वर्ग के लोग तो शामिल होते ही हैं, इसका अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों द्वारा भव्य स्वागत भी किया जाता है। वास्तव में विजयदशमी का पर्व गोरक्षपीठ की विशिष्टता और इसके ध्येय की व्यापकता को एक बड़े फलक पर अवलोकन करने का भी अवसर होता है। गोरखनाथ मंदिर की विजयादशमी शोभायात्रा इसलिए भी आकर्षक और अनूठी होती है कि अल्पसंख्यक समुदाय के लोग भी इसके स्वागत के लिए गोरखनाथ मंदिर के मुख्य द्वार से थोड़ी दूरी पर घंटों पहले फूलमाला लेकर खड़े रहते हैं।

गोरक्षपीठ की परंपरा के अनुसार इस वर्ष भी विजयादशमी के दिन, शनिवार सायंकाल गोरखनाथ मंदिर से गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ की शोभायात्रा धूमधाम से निकाली जाएगी। विजयादशमी पर गोरक्षपीठाधीश्वर नाथपंथ की परंपरा के अनुसार विशेष परिधान में होते हैं। पीठाधीश्वर, गुरु गोरक्षनाथ का आशीर्वाद लेकर अपने वाहन पर सवार होंगे। तुरही, नगाड़े व बैंड बाजे की धुन के बीच शोभायात्रा मानसरोवर मंदिर पहुंचेगी। यहां पहुंचकर गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ गोरक्षपीठ से जुड़े मानसरोवर मंदिर पर देवाधिदेव महादेव की पूजा-अर्चना करेंगे। इसके बाद उनकी शोभायात्रा मानसरोवर रामलीला मैदान पहुंचेगी। यहां चल रही रामलीला में वह प्रभु श्रीराम का राजतिलक करेंगे। इसके साथ ही प्रभु श्रीराम, माता जानकी, लक्ष्मण व हनुमानजी का पूजन कर आरती भी उतारी जाएगी। रामलीला मैदान में गोरक्षपीठाधीश्वर एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का संबोधन भी होगा।

विजयादशमी के दिन पूर्वाह्नकाल गोरक्षपीठाधीश्वर गुरु गोरखनाथ का विशिष्ट पूजन करेंगे। साथ ही मंदिर परिसर के सभी देव विग्रहों की पूजा की जाएगी। इसके बाद गोरखनाथ मंदिर में होने वाले पारंपरिक तिलकोत्सव कार्यक्रम में गोरक्षपीठाधीश्वर श्रद्धालुओं को आशीर्वाद देंगे। सायंकाल विजयादशमी शोभायात्रा निकाली जाएगी। देर शाम को गोरखनाथ मंदिर में परंपरागत भोज का भी आयोजन होगा जिसमें अमीर-गरीब और जाति-मजहब के विभेद से परे बड़ी संख्या में सर्वसमाज के लोग शामिल होंगे।

लगेगी संतों की अदालत, दंडाधिकारी की भूमिका में होंगे गोरक्षपीठाधीश्वर

गोरक्षपीठ में विजयादशमी का दिन एक और मायने में भी विशेष होता है। इस दिन यहां संतों की अदालत लगती है और दंडाधिकारी की भूमिका में होते हैं गोरक्षपीठाधीश्वर। नाथपंथ की परंपरा के अनुसार हर वर्ष विजयदशमी के अवसर पर गोरखनाथ मंदिर में पीठाधीश्वर द्वारा संतों के विवादों का निस्तारण किया जाता है। मुख्यमंत्री एवं गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्‍यनाथ नाथपंथ की शीर्ष संस्था अखिल भारतवर्षीय अवधूत भेष बारह पंथ योगी महासभा के अध्‍यक्ष भी हैं। इसी पद पर वह दंडाधिकारी की भूमिका में होते हैं। गोरखनाथ मंदिर में विजयादशमी को पात्र पूजा का कार्यक्रम होता है। इसमें गोरक्षपीठाधीश्वर संतो के आपसी विवाद सुलझाते हैं। विवादों के निस्तारण से पूर्व संतगण पात्र देव के रूप में योगी आदित्यनाथ का पूजन करते हैं। पात्र देवता के सामने सुनवाई में कोई भी झूठ नहीं बोलता है। पात्र पूजा संत समाज में अनुशासन का पर्याय माना जाता है।

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