उत्तराखंड
उत्तराखंड में बारिश से हुई 52 लोगों की मौत,पुष्कर सिंह धामी ने कही ये बात

बुधवार, 20 अक्टूबर को उत्तराखंड में लगातार बारिश जारी रहने से 52 लोगों की मौत हो गई है। उत्तराखंड से निकलने वाले दृश्य बारिश के पानी के बहाव से बड़े क्षेत्रों को दिखाते हैं, जिसने इस क्षेत्र में घरों, पेड़ों और बुनियादी ढांचे को भारी नुकसान पहुंचाया है। इस बीच राज्य में आपदा प्रतिक्रिया टीमों द्वारा बचाव अभियान जारी है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के आंकड़ों के अनुसार, जिन जिलों में मंगलवार तक भारी से बेहद भारी बारिश हुई, उनमें चंपावत, नैनीताल, उधम सिंह नगर, पिथौरागढ़, बागेश्वर, अल्मोड़ा, पौड़ी और चमोली शामिल हैं।
बारिश से प्रभावित जिलों को हुआ भारी नुक्सान
उत्तराखंड के रानीखेत और अल्मोड़ा जिले को जोड़ने वाली सड़कों पर भूस्खलन के कारण संपर्क टूट गया। बता दें कि रानीखेत को बुधवार को लगातार दूसरे दिन आपातकालीन सेवाओं के लिए राशन ईंधन के लिए मजबूर होना पड़ा। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट और राज्य मंत्री धन सिंह रावत के साथ बुधवार को नैनीताल जिले में बादल फटने से प्रभावित रामगढ़ का दौरा किया।
‘जल्द से जल्द कनेक्टिविटी बहाल करने की कोशिश’-धामी
अपनी यात्रा के दौरान, धामी ने कहा, ‘इस जगह से सड़क संपर्क बुरी तरह प्रभावित है, हम जल्द से जल्द कनेक्टिविटी बहाल करने की कोशिश कर रहे हैं। बादल फटने से मरने वालों का पोस्टमार्टम किया गया है।’ साथ ही धामी ने कहा कि ‘सभी डीएम को राहत कोष के रूप में 10-10 करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं ताकि वे तुरंत सभी व्यवस्थाएं कर सकें। सड़कों को साफ करने के लिए युद्ध स्तर पर काम किया जा रहा है। हम फंसे हुए पर्यटकों को बचा रहे हैं। स्थिति यह है कि चार धाम यात्रा में धीरे-धीरे सामान्य हो रहा है।’
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उन्होंने कहा कि ‘वर्षा धीमी हो गई है। बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ है। सामान्य स्थिति में लौटने में समय लगेगा – सड़कें बह गईं, भूस्खलन हुए, नदियों ने अपने मार्ग बदल दिए, गांव प्रभावित हुए, पुल गिर गए। हम बाढ़ से प्रभावित सभी स्थानों का दौरा करेंगे।’
उत्तराखंड
सीएम पुष्कर सिंह धामी ने ई-विधान एप्लीकेशन का लोकार्पण किया

देहरादून। उत्तराखंड मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विधानसभा अध्यक्ष ऋतु भूषण की उपस्थिति में मंगलवार को ई-विधान एप्लीकेशन (एनईवीए) का लोकार्पण किया। इस बार विधानसभा का बजट सत्र नेशनल ई- विधान एप्लीकेशन के तहत संचालित किया जा रहा है।
उत्तराखण्ड में विधानसभा के कार्यों को डिजिटल और पेपरलेस बनाने के लिए ई-विधानसभा प्रणाली अपनाई गई है। इसके माध्यम से विधायकों को कार्यसूची, विधानसभा में पूछे गये प्रश्नों के जवाब और अन्य दस्तावेज अब ऑनलाइन उपलब्ध कराये जायेंगे। इसके तहत विधानसभा में विधायकों की टेबल पर टैबलेट लगाए गए हैं और सभी दस्तावेज डिजिटल रूप से उपलब्ध कराए जा रहे हैं। इससे न केवल पर्यावरण संरक्षण में मदद मिलेगी, बल्कि विधानसभा की कार्यवाही भी अधिक दक्षता से संपन्न होगी। इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री और विधायक उपस्थित रहे।
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