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प्रादेशिक

ऑपरेशन स्माइल में डेढ़ वर्ष बाद बच्चे की हुई बरामदगी, नोएडा में करता था नौकरी

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चित्रकूट, ऑपरेशन स्माइल, डेढ़ वर्ष बाद बच्चे की बरामदगी, नोएडा में करता था नौकरी

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चित्रकूट, ऑपरेशन स्माइल, डेढ़ वर्ष बाद बच्चे की बरामदगी, नोएडा में करता था नौकरी

विकास गुप्ता

चित्रकूट। एक ज़माना था जब माँ-बाप अपने बच्चों को उनके भले के लिए गुस्सा करते थे समझाते थे तो बच्चा माँ बाप की बातो को ज़हन में रखकर अमल करता था उसी रास्ते को अपनी ज़िन्दगी का सही रास्ता मानकर चलता था और सफल होता था लेकिन आज के इस दौर में बच्चों के जिस्म में बह रहे खून की रवानी कुछ इस कदर तेज़ दौड़ रही है कि माँ बाप की बातो से आहत होकर आनन-फानन में घर छोड़ने का इरादा बना अपनी ज़िन्दगी को अँधेरे की आगोश में ले जाने को दौड़ पड़ते है, जिस क्रम में डेढ़ वर्ष पूर्व कर्वी कोतवाली की चौकी गनीवां अंतर्गत गांव के कम उम्र के लड़के को पढ़ाई के चलते उसके पिता ने डॉट फटकार दिया था।

पिता की फटकार से गुस्साए बालक ने चुपचाप घर से भागकर शहर की गलियों में अपनी ज़िन्दगी बसर करने का इरादा बना लिया। पिता ने चौकी में गुमशुदगी दर्ज करवाई थी। जिसके बाद काफी छानबीन की गई पर बच्चा बरामद नहीं हो पाया था पर डेढ़ वर्ष का लम्बा समय बीत जाने के बाद आज चौकी प्रभारी ने बच्चे को नोएडा से बरामद कर कोर्ट में पेश कर दिया है। लगातार हो रही बच्चों कि गुमशुदगी के चलते सर्वोच्च न्यायालय ने ऐसे मुद्दे को संज्ञान में लेते हुए पुलिस को ऑपरेशन स्माइल चलाये जाने की हिदायत दी थी। जिसके बाद प्रदेश पुलिस ने न्यायालय के हुक़्म की तामील करते हुए जल्दी-जल्दी कई बच्चे बरामद किये है, उसी क्रम में आज गनीवां चौकी अंतर्गत डेढ़ वर्ष पूर्व घर से भागे बच्चे ने नोएडा से एक फैक्ट्री में काम करते हुए पकड़ लिया है।

पुलिस अधीक्षक केशव कुमार चौधरी ने बताया कि लड़के ने अपना नाम बदलकर विक्रम रख लिया था जबकि सही नाम मनीष कुमार उर्फ़ मंजीत कुमार है। और शहर में विक्रम बनकर अपनी जीविका चला रहा था। मनीष नोयडा में किसी एजेंसी के माध्य्म से घरों की पुताई का काम करता था, ऑपरेशन स्माइल में बच्चे की बरामदगी करने वाले चौकी प्रभारी मोहम्मद अकरम को पुलिस अधीक्षक केशव कुमार चौधरी ने टीम समेत पीठ थपथपाई।

उत्तर प्रदेश

राम नगरी अयोध्या के बाद भगवान श्री राम से जुड़ी एक और नगरी को भव्य स्वरूप दे रही योगी सरकार

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प्रयागराज। योगी सरकार प्रयागराज महाकुंभ को दिव्य और भव्य स्वरूप प्रदान कर रही है। प्रयागराज नगरी के साथ ही जिले में गंगा किनारे स्थित निषादराज गुह्य की राजधानी रहे श्रृंगवेरपुर धाम का भी कायाकल्प सरकार कर रही है। श्रृंगवेरपुर धाम में धार्मिक और आध्यात्मिक पर्यटन के साथ रूरल टूरिज्म की भी संभावनाएं विकसित हो रही हैं।

मिल रहा है भव्य स्वरूप
राम नगरी अयोध्या में भगवान श्री राम के मंदिर के भव्य निर्माण और गर्भ ग्रह में राम लला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद अब प्रभु राम के अनन्य भक्त निषादराज की राजधानी श्रृंगवेरपुर को भी भव्य स्वरूप दिया जा रहा है। यूपी की पूर्व की सरकारों में उपेक्षित रहे प्रयागराज के श्रृंगवेरपुर को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नई पहचान दी है। सामाजिक समरसता के प्रतीक इस स्थान को धार्मिक और सांस्कृतिक पर्यटन के साथ अब रूरल टूरिज्म के साथ भी जोड़ कर विकसित किया जा रहा है।
प्रयागराज की क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी अपराजिता सिंह बताती हैं कि श्रृंगवेरपुर धाम का कायाकल्प का कार्य समापन के चरण में है। इसके अंतर्गत यहां ₹3732.90 लाख की लागत से निषादराज पर्यटन पार्क स्थल का निर्माण कार्य दो फेज में किया गया है। निषादराज पार्क (फेज-1) के निर्माण हेतु ₹ 1963.01 लाख के बजट से निषादराज एवं भगवान श्रीराम मिलन की मूर्ति की स्थापना व मूर्ति के पैडेस्टल का कार्य, पोडियम का कार्य, ओवर हेड टैंक, बाउण्ड्रीवाल, प्रवेश द्वार का निर्माण, गार्ड रूम आदि कार्य कराया गया। इसी तरह श्रृंगवेरपुर धाम में निषादराज पार्क (फेज-2) के ₹ 1818.90 लाख के बजट से इस भगवान श्रीराम के निषादराज मिलन से सम्बन्धित गैलरी , चित्रांकन, ध्यान केन्द्र, केयर टेकर रूम, कैफेटेरिया, पॉथ-वे, पेयजल व टॉयलेट ब्लॉक, कियास्क, पार्किंग, लैंड स्केपिंग, हॉर्टिकल्चर,आउटर रोड, सोलर पैनल, मुक्ताकाशी मंच आदि कार्य कराए गए हैं। 6 हेक्टेयर में बनाए गए इस भव्य पार्क का लोकार्पण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे।

रूरल टूरिज्म का हब बनेगी निषादराज की नगरी
धार्मिक और आध्यत्मिक पर्यटन के साथ श्रृंगवेरपुर धाम को ग्रामीण पर्यटन के साथ जोड़कर विकसित करने का रोड मैप तैयार किया गया है ।अपराजिता सिंह के मुताबिक रूरल टूरिज्म के अन्तर्गत श्रृंगवेरपुर धाम को विकसित किये जाने के लिए सबसे पहले यहां ग्रामीण क्षेत्र में होम स्टे की व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है। इसके लिए यहां स्थानीय लोगों को अपने यहां मड हाउस या हट बनाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है ताकि पर्यटकों को कुछ अलग अनुभव हो सके। इन सभी स्थानों पर थीमेटिक पेंटिंग होगी, स्थानीय खानपान और स्थानीय संस्कृति को भी यहां संरक्षित किया जाएगा । पर्यटक भी यहां स्टे करने के दौरान स्थानीय ग्रामीण क्राफ्ट का हिस्सा बन सके ऐसी उनकी कोशिश है।

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