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उत्तराखंड

पब्लिक स्कूल बिना अनुमति फीस नहीं बढ़ा सकेंगे

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उत्‍तराखण्‍ड के पब्लिक स्कूल, बिना अनुमति फीस बढ़ोत्‍तरी नहीं, कैबिनेट से मिल चुकी है मंजूरी

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उत्‍तराखण्‍ड के पब्लिक स्कूल, बिना अनुमति फीस बढ़ोत्‍तरी नहीं, कैबिनेट से मिल चुकी है मंजूरी

कैबिनेट से मिल चुकी है मंजूरी

देहरादून। शासन पब्लिक स्कूलों की मनमानी पर नकेल कसने की तैयारी में हैं। इसके लिए ड्राफ्ट तैयार किया जा रहा है। जिसकी अधिसूचना जारी होने के बाद पब्लिक स्कूल सरकार की अनुमति के बगैर फीस में बढ़ोतरी नहीं कर सकेंगे। यह भी तय होगा कि किस क्लास में कितनी फीस होगी। खास बात यह है कि फीस स्कूल में उपलब्ध सुविधाओं के अनुसार होगी। इसके लिए प्रदेश में जल्द अधिसूचना जारी हो सकती है। शिक्षा सचिव डी सेंथिल पांडियन ने कहा कि इसके लिए तैयार ड्राफ्ट को जल्द अंतिम रूप दे दिया जाएगा।

प्रदेश में पब्लिक स्कूलों की मनमानी से अभिभावक परेशान हैं। कहीं, स्कूल परिसर में ही किताबें, कापियां और स्कूल ड्रेस बेची जा रही है तो कहीं अभिभावकों को किसी खास दुकान से खरीदने के लिए बाध्य किया जाता है। इसके अलावा मासिक शुल्क के साथ अतिरिक्त कैपिटेशन फीस की भी शिकायतें मिल रही हैं। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। हर जनपद के पब्लिक स्कूल को यह भी घोषित करना होगा कि किस क्लास में वे कितनी फीस ले रहे हैं। स्कूल प्रबंधन को स्कूल में उपलब्ध सुविधाओं का भी पूरा ब्यौरा देना होगा। स्कूलों को यह घोषित करना होगा कि स्कूल में कितना स्टाफ है, कक्षों की संख्या कितनी है, स्कूल में खेल मैदान है या नहीं, पुस्तकालय, स्मार्ट क्लास आदि के संबंध में शासन को स्कूल का पूरा विवरण उपलब्ध कराना होगा।

पब्लिक स्कूलों की मनमानी पर रोक लगाई जा सके इसका प्रस्ताव पूर्व में कैबिनेट में पास हो चुका है। कांग्रेस की हरीश रावत सरकार ने इस प्रस्ताव को पास किया था, जिसकी अब अधिसूचना जारी होनी है। वहीं शिक्षा सचिव का कहना है कि स्कूलों को यह घोषित करना होगा कि वह किस क्लास में कितनी फीस ले रहे हैं और छात्रों को क्या सुविधाएं दी जा रही हैं। एक्ट को लेकर कार्मिक, वित्त और न्याय विभाग से परामर्श लिया जा रहा है। कानून बनाकर इसका क्रियान्वयन भी कराना है। ऐसे में सभी बिंदुओं पर विचार किया जा रहा है।

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उत्तराखंड

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राष्ट्रीय कौशल एवं रोजगार सम्मेलन का किया उद्घाटन

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देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को राष्ट्रीय कौशल एवं रोजगार सम्मेलन का उद्घाटन किया। नीति आयोग, सेतु आयोग और राज्य सरकार के संयुक्त प्रयासों से राजधानी देहरादून में दून विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय कौशल एवं रोज़गार सम्मलेन का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन करने के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि इस तरह की कार्यशालाएं प्रदेश के युवाओं के बेहतर भविष्य के लिए बेहद महत्वपूर्ण साबित होंगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार युवाओं को बेहतर रोजगार मुहैया कराने की दिशा में सकारात्मक कदम उठा रही है।

कार्यक्रम में कौशल विकास मंत्री सौरभ बहुगुणा ने इसे सरकार की ओर से युवाओं के लिए महत्वपूर्ण कदम बताया। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य उत्तराखंड के तमाम बेरोजगार युवाओं को रोजगार देना है। मुख्यमंत्री ने कहा, “निश्चित तौर पर इस कार्यशाला में जिन विषयों पर भी मंथन होगा, उससे बहुत ही व्यावहारिक चीजें निकलकर सामने आएंगी, जो अन्य युवाओं के लिए समृद्धि के मार्ग प्रशस्त करेगी। हमें युवाओं को प्रशिक्षण देना है, जिससे उनके लिए रोजगार की संभावनाएं प्रबल हो सकें, ताकि उन्हें बेरोजगारी से निजात मिल सके।

उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2015 में स्किल डेवलपमेंट का विभाग खोला था, ताकि अधिक से अधिक युवाओं को रोजगार मिल सके। इसके अलावा, वो रोजगार खोजने वाले नहीं, बल्कि रोजगार देने वाले बनें। अगर प्रदेश के युवा रोजगार देने वाले बनेंगे, तो इससे बेरोजगारी पर गहरा अघात पहुंचेगा। ” उन्होंने कहा, “हम आगामी दिनों में अन्य रोजगारपरक प्रशिक्षण युवाओं को मुहैया कराएंगे, जो आगे चलकर उनके लिए सहायक साबित होंगे।

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