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उत्तराखंड

जंगलों की विकराल आग आम लोगों की जिंदगी पर पड़ रही भारी

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जंगलों की विकराल आग आम लोगों की जिंदगी पर पड़ रही भारी

कई लोग झुलसे तथा कुछ की मौत

देहरादून। मौसम की बदमिजाजी इस बार जंगलों पर भारी पड़ रही है। आलम ये है कि गर्मी शुरू होने से पहले ही जहां हजारों हेक्टेयर जंगल आग में स्वाह हो गये हैं, वहीं वन्यजीवों पर भी संकट के बादल मंडराने लगे हैं। यही नहीं धुंध की चादर में पटे पहाड़ों में दावाग्नि कई बिमारियों को भी आमंत्रित कर रही है। अर्से बाद इस साल पहाड़ के जंगल अप्रैल में ही दहकने लगे हैं। आलम ये है कि पूरे पहाड़ को दावाग्नि ने अपनी चपेट में ले लिया है, जिस कारण करोड़ों की वन सम्पदा तो खाक हो ही चुकी है साथ ही दुर्लभ वन्यजीवों का जीवन भी खतरे में पड़ गया है। यही नही जंगलों की आग ने कईयों को अपनी चपेट में ले लिया है, जबकि दर्जनों आशियानों को भी खाक कर दिया है। आग की भयावहता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि पहाड़ के रिहायसी इलाके पूरी तरह धुंध से पट गये हैं। लगातार विकराल रूप ले रही धुंध का असर लोगों की सेहत पर भी पड़ने लगा है।

सीएमओ पिथौरागढ डॉ. यू सी अधिकारी का कहना है कि आग के कारण पहाड़ों का पारा तो आसमान चढ़ ही रहा है, साथ ही धुंध से लोगों को दमा, खासी, आंखों में जलन और त्वचा रोग जैसी बीमारियों का सामना भी करना पड़ रहा है। आमतौर पर पहाड़ों में दावाग्नि मई के आखिरी हफ्ते से देखने को मिलती थी, लेकिन इस साल नजारा बिलकुल उलट है जिस कारण सरकारी इंतजामों की भी कड़ी परीक्षा हो रही है। प्रशासन भले ही लाख दावे करे, लेकिन सच तो यह है कि राज्य बनने के इन 16 सालों में दावाग्नि को रोकने की कोई योजना बन ही नही पाई। तकनीक के इस दौर में भी दावाग्नि पर काबू पाने के तौर-तरीके सदियों पुराने है। धन्नासेठ महकमों में शुमार वन विभाग कागजों पर भले लाख कोशिश कर रहा हो, लेकिन जमीनी हकीकत में वो पूरी तरह फेल ही साबित हो रहा है।

वहीं दूसरी ओर नैनीताल के रामगढ़ ब्लाक के दाडि़म ओड़ाखान के जंगल में भड़की आग से आईवीआरआई का भवन जलकर नष्ट हो गया। जंगल में आग भड़कने के कारण जसपुर गांव के 30 परिवार घिर गए हैं। यहां फायर ब्रिगेड पहुंचने का रास्ता नहीं है। टंकियों का पानी समाप्त होने के कारण ग्रामीण मिट्टी खोदकर आग बुझाने की जद्दोजहद कर रहे हैं। अग्निकांड के चलते संचार व्यवस्था ठप हो गई है। बुधवार को दाडि़म-ओड़ाखान के जंगल में आग भड़क गई थी। इस आग को बुझाने में सफलता नहीं मिल सकी। यही आग बृहस्पतिवार को आईवीआरआई के जंगल तक आ पहुंची। शाम चार बजे आग की लपटों नें संस्थान के चिकित्सालय के समीप बने भवन को आगोश में ले लिया। संस्थान के कर्मचारियों ने आग बुझाने की कोशिश की लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिल सकी। सूचना मिलने पर दमकल वाहन मौके पर पहुंचा लेकिन कुछ ही देर बाद दमकल का पानी खत्म हो गया।

एक और घटना में बृहस्पतिवार को पौड़ी-कांसखेत मार्ग पर टेका के समीप जंगल में भड़की आग की चपेट में आने से टैक्सी से कोटद्वार जा रहीं तीन महिलाओं समेत सात यात्री झुलस गए। बुधवार को आग बुझाने के प्रयास में बुरी तरह झुलसी विवाहिता की हायर सेंटर ले जाते वक्त मौत हो गई। पौड़ी जिले के ही कल्जीखाल ब्लॉक के कांसखेत गांव में मकान की छत तक पहुंची आग को बुझाने के प्रयास में एक ग्रामीण आंशिक रूप से झुलस गया। दो दिनों में वनाग्नि की चपेट में आने से दो लोगों की मौत हो चुकी है और ग्यारह लोग झुलस चुके हैं।

पौड़ी-कांसखेत मार्ग पर टेका के समीप बृहस्पतिवार अपराह्न करीब साढ़े तीन बजे पौड़ी से सवारियां लेकर कोटद्वार जा रही टैक्सी जंगल में भड़की आग की चपेट में आ गई। इससे घबराकर टैक्सी में सवार पौड़ी जनपद के खातस्यूं पट्टी के सिमतोली गांव निवासी गोमती देवी (55), जौनपुर कोटद्वार निवासी भरत सिंह(40), जामलाखाल मिसरी निवासी अजय (30), दुर्गापुरी कोटद्वार निवासी कुसुमलता (35), पदमपुर कोटद्वार निवासी विभा रतूड़ी (28), चमोली जिले के गौचर निवासी वीरेंद्र सिंह (35), घाट निवासी लक्ष्मण सिंह (22) समेत सात यात्री तेजी से टैक्सी से नीचे उतर गए और सभी आग की लपटों की चपेट में आने से झुलस गए। उन्हें 108 आपातकालीन सेवा से जिला अस्पताल में लाया गया।

चिकित्साधिकारी राघव राज ने बताया कि आग से झुलसी गोमती देवी की हालत ज्यादा गंभीर होने पर उन्हें श्रीनगर मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया है। वह करीब अस्सी फीसदी झुलसी हुई हैं। अन्य छह लोग तीस फीसदी तक झुलसे हैं। उन्हें  जिला अस्पताल में भर्ती किया गया है। पौड़ी जिले के कोट ब्लॉक के सौड़ू गांव में बुधवार को जंगल की आग बुझाते समय आग की चपेट में आकर बुरी तरह झुलसी 28 वर्षीया विवाहिता उर्मिला ने हायर सेंटर ले जाते हुए रास्ते में दम तोड़ दिया। परिजन उसे सफदरजंग अस्पताल दिल्ली ले गए थे, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। पौड़ी जिले के कांसखेत में सौकार सिंह और उमराव सिंह के घरों की छतें जंगल की आग की चपेट में आ गई। इसी दौरान अपने मकान की छत की आग बुझाते समय सौकार सिंह के हाथ आंशिक रूप से झुलस गए।

 

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उत्तराखंड

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राष्ट्रीय कौशल एवं रोजगार सम्मेलन का किया उद्घाटन

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देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को राष्ट्रीय कौशल एवं रोजगार सम्मेलन का उद्घाटन किया। नीति आयोग, सेतु आयोग और राज्य सरकार के संयुक्त प्रयासों से राजधानी देहरादून में दून विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय कौशल एवं रोज़गार सम्मलेन का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन करने के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि इस तरह की कार्यशालाएं प्रदेश के युवाओं के बेहतर भविष्य के लिए बेहद महत्वपूर्ण साबित होंगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार युवाओं को बेहतर रोजगार मुहैया कराने की दिशा में सकारात्मक कदम उठा रही है।

कार्यक्रम में कौशल विकास मंत्री सौरभ बहुगुणा ने इसे सरकार की ओर से युवाओं के लिए महत्वपूर्ण कदम बताया। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य उत्तराखंड के तमाम बेरोजगार युवाओं को रोजगार देना है। मुख्यमंत्री ने कहा, “निश्चित तौर पर इस कार्यशाला में जिन विषयों पर भी मंथन होगा, उससे बहुत ही व्यावहारिक चीजें निकलकर सामने आएंगी, जो अन्य युवाओं के लिए समृद्धि के मार्ग प्रशस्त करेगी। हमें युवाओं को प्रशिक्षण देना है, जिससे उनके लिए रोजगार की संभावनाएं प्रबल हो सकें, ताकि उन्हें बेरोजगारी से निजात मिल सके।

उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2015 में स्किल डेवलपमेंट का विभाग खोला था, ताकि अधिक से अधिक युवाओं को रोजगार मिल सके। इसके अलावा, वो रोजगार खोजने वाले नहीं, बल्कि रोजगार देने वाले बनें। अगर प्रदेश के युवा रोजगार देने वाले बनेंगे, तो इससे बेरोजगारी पर गहरा अघात पहुंचेगा। ” उन्होंने कहा, “हम आगामी दिनों में अन्य रोजगारपरक प्रशिक्षण युवाओं को मुहैया कराएंगे, जो आगे चलकर उनके लिए सहायक साबित होंगे।

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